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17 से शारदीय नवरात्रोत्सव प्रारंभ

घट स्थापना का सुबह 8 से शाम 7.32 तक शुभ मुहूर्त

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१५ – इस वर्ष शारदीय नवरात्रोत्सव 17 अक्तूबर से प्रारंभ होने जा रहा है. इस दिन सुबह 8.12 बजे से शाम 7.32 बजे तक घट स्थापना के शुभ मुहूर्त है. ऐसी जानकारी विलास नगर निवासी पंडित करण गोपाल पुरोहित ने दी.

  • घट स्थापना मुहूर्त

– शुभ बेला सुबह 8.12 से 9.37 तक
– अभिजित बेला दोपहर 12 से 12.50 तक
– चंचल बेला दोपहर 12.12 से 1.39 तक
– लाभ बेला दोपहर 1.39 से 3.05 तक
– अमृत बेला दोपहर 3.05 से 4 बजे तक
– लाभ बेला शाम 5.58 से 7.32 बजे तक घट स्थापना करना उत्तम रहेगा.

  • माता की सवारी

सोमवार या रविवार को घट स्थापना होने पर दुर्गामाता हाथी पर सवार होकर आती है. शनिवार या मंगलवार को नवरात्री की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोडा माना जाता है. गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्री शुरु होने पर देवी डोली में बैठकर आती है. बुधवार से नवरात्र शुरु होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती है.

  • भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत

देवी भागवत पुरान के अनुसार नवरात्री के दौरान मां दुर्गा का आगमन भविष्य में होने वाली घटना के संकेत के रुप में भी देखा जाता है. हर वर्ष नवरात्री में देवी दुर्गा का आगमन अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर होता है और उसका अलग-अलग महत्व होता है. शारदीय नवरात्री अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है. शरद ऋतु में आगमन के कारण ही उसे शारदीय नवरात्री कहा जाता है.

  • नवरात्री आरंभ 17 अक्तूबर से

इस बार नवरात्र का आरंभ शनिवार 17 अक्तूबर को होने जा रहा है. इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व याने घोडे पर होगा. जबकि देवी मां प्रस्थान हाथी पर करेंगी. इस वर्ष देवी अश्व पर आ रही है. इसका अर्थ है कि जिन लोगों पर देवी की विशेष कृपा होगी उनके अपने जीवन में अश्व की गति के समान ही सफलता प्राप्त हो सकती है.

  • शारदीय नवरात्र एक माह देरी से

इस वर्ष शारदीय नवरात्री करीब एक माह देरी से आरंभ हो रही है. शनिवार के दिन नवरात्री का पहला दिन होने के कारण इस दिन मां दुर्गा भगवती घोडे की सवारी करते हुए पृथ्वी पर आयेगी. देवी भागवत पुरान के अनुसार जब मां दुर्गा घोडे की सवारी करते हुए आती है तब पडोसी देश तथा पडोसी से युध्द, गृह युध्द, तुफान, आंधी और सत्ता में उधलपुथल, अत्याचार जैसे गतिविधियां होती है. इस वर्ष अधिक मास होने की वजह से शारदीय नवरात्री एक महिने देरी से शुरु हो रही है. पंचांग के अनुसार हर वर्ष पितृपक्ष समाप्ती के बाद अगले दिन से शारदीय नवरात्री शुरु होना चाहिए. नवरात्री के दौरान पूरे मन से देवी की आराधना करे, व्रत करे और मां को प्रसन्न करने की हर संभव कोशिश करेें, ऐसी भी सलाह पंडित करण गोपाल पुरोहित ने दी.

  • अमरावती में 24 अष्टमी

अकोला, अमरावती, यवतमाल, नागपुर, नांदेड, औरंगाबाद, भोपाल, परभणी, जलगांव यहां सूर्योदय सुबह 6.35 के पहले है, इस वजह से इन गांवों में 24 अक्तूबर को अष्टमी की तिथि और 25 अक्तूबर को नवमी की तिथि है. सूर्योदय के अनुसार अलग-अलग शहरों में अलग-अलग तिथि पर अष्टमी और नवमी की स्थिति मनाई जाती है, ऐसी भी जानकारी विलास नगर गली नं.2 हनुमान मंदिर के पास निवासी पंडित करण गोपाल पुरोहित ने दी.

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