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9 दिसंबर तक वानखेडे को लेकर कुछ नहीं बोलेंगे नवाब मलिक

फटकार के बाद हाईकोर्ट को किया आश्वस्त

मुंबई/दि.25 – आगामी 9 दिसंबर तक एनसीबी अधिकारी समीर वानखेडे व उनके परिवार को लेकर राज्य सरकार में मंत्री रहनेवाले नवाब मलिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर सार्वजनिक रूप से कोई बयानबाजी नहीं करेेंगे. हाईकोर्ट द्वारा इस पूरे मामले को लेकर कडी फटकार लगाये जाने के बाद खुद नवाब मलिक ने इस विषय को लेकर 9 दिसंबर तक चूप रहने का आश्वासन दिया है.
बता दें कि, मुंबई उच्च न्यायालय की एकलपीठ द्वारा राकांपा प्रवक्ता व राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मनाई आदेश जारी नहीं किये जाने के चलते समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव वानखेडे ने खंडपीठ के समक्ष अपील याचिका दाखिल की थी. जिस पर आज सुनवाई हुई. इस समय हाईकोर्ट में मलिक के वकील पर प्रश्नों की बौछार करते हुए जानना चाहा कि, वानखेडे परिवार के जाति प्रमाणपत्र अथवा धार्मिक पहचान को लेकर नवाब मलिक ने किसी अधिकारी प्राधिकरण या मंच के समक्ष शिकायत की है अथवा नहीं, यदि ऐसी कोई शिकायत नहीं की गई है, तो वे इस जानकारी को लेकर ट्विट करते हुए क्या साबित करने का प्रयास कर रहे थे, क्या यह सब प्रसिध्दी की लालसा अथवा मीडिया ट्रायल के लिए किया जा रहा था और यदि वानखेडे के जाति प्रमाणपत्र को लेकर आक्षेप था, तो मलिक ने इसे लेकर कोई शिकायत क्यों नहीं की. हाईकोर्ट से कडी फटकार के बाद अंतत: नवाब मलिक ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि, आगामी 9 दिसंबर को होनेवाली अगली सुनवाई तक वे ज्ञानदेव वानखेडे तथा उनके परिवार के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई बयान नहीं देंगे और इस विषय पर कोई ट्विट भी नहीं करेंगे.
बता दें कि, इस सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि, नवाब मलिक केवल मीडिया का ध्यान आकर्षित करने हेतु यह सब कर रहे है और उनके दामाद की गिरफ्तारी होने के बाद वे और अधिक भडके. जिसके बाद उन्होंने वानखेडे की जाति का मुद्दा उठाया. इस समय मलिक के वकील एड. तांबोली ने स्वीकार किया कि, वे तमाम ट्विट उनके क्लायंट नवाब मलिक द्वारा ही किये गये थे. जिस पर हाईकोर्ट ने लगभग फटकारनेवाले अंदाज में कहा कि, वे मंत्री है और उन्हेें ऐसा करना शोभा नहीं देता.

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