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पारिवारिक रिश्तों व सामाजिक तानेबाने पर प्रश्नचिन्ह लगा गया नयन अपहरण कांड

अब भी कई सवालों का जवाब खोजना बाकी

  • लुणिया परिवार की कुछ बातें हैं संदेह के घेरे में

  • आठ साल से अंधेर में व अनभिज्ञ कैसे रहा परिवार

अमरावती प्रतिनिधि/ दि. 23 – बीते सप्ताह अमरावती सहित समूचे राज्य में चर्चा का विषय रहनेवाला नयन लुणिया अपहरण कांड की गुत्थी सुलझा ली गई है और चार वर्ष की आयुवाला नयन लुणिया सही सलामत अपने घर पहुंच गया है. साथ ही इस अपरहण कांड की मुख्य मास्टरमाईंड व नयन की सौतेली दादी सहित कुल छह लोग पुलिस की गिरफ्त में आ चुके है. ऐसे में कहने को तो इस अपराधिक वारदात की गुत्थी को पुलिस पूरी सफलता के साथ हल कर चुकी है. लेकिन यह कांड अपने पीछे सामाजिक सरोकारों व पारिवारिक रिश्तों के लिहाज से कई सवालिया निशान छोड़ गया है. साथ ही अब भी कई सवालों के जवाब खोजे जाने बाकी हैं, जिसकी तफ्तीश अपने आप में बेहद जरूरी है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर इस पूरे मामले की जड़ कहां थी और यह मामला क्यों घटित हुआ.
बता दें कि शारदा नगर परिसर निवासी जसवंत लुणिया ने अपनी पहली पत्नी का देहांत हो जाने के बाद वर्ष 2012 में मोनिका उर्फ प्रिया उर्फ मुन्नी से दूसरा विवाह किया था. इस समय जसवंत लुणिया को पहली पत्नी से दो संताने थी, जिनका विवाह व बच्चे हो चुके थे. जसवंत लुणिया के इस दूसरे विवाह की कहानी भी काफी दिलचस्प बताई जाती है, जिसके मुताबिक इन दोनों की मुलाकात नागपुर के एक होटल में हुई थी और जसवंत लुणिया ने तुरंत ही मुन्नी से विवाह करते हुए उसे अपने परिवार का हिस्सा बना लिया. हैरत की बात यह है कि जसवंत लुणिया ने कभी यह जानने का प्रयास नहीं किया कि मुन्नी का इससे पहले जीवन कैसा रहा. साथ ही वे मुन्नी के मायके यानि अपनी ससुराल अहमदनगर भी कभी नहीं गये. विगत आठ वर्ष से मुन्नी अमरावती में लुणिया परिवार में जसवंत लुणिया के बच्चों की सौतेली मां व पोतो की सौतेली दादी बनकर रह रही थी. इस दौरान मुन्नी ने समय समय पर अपने मायकेवालों को हजारों लाखों रूपये भेजे, ऐसा जांच में सामने आया है. वहीं पता यह भी चला है कि इस दौरान मुन्नी ने अहमदनगर में रहनेवाले अपने कुछ कुख्यात साथियों की मदद से परिवार के सबसे छोटे सदस्य नयन लुणिया के अपहरण की साजिश भी रची थी, ताकि इसकी एवज में फिरौती के तौर पर भारी-भरकम रकम ऐंठी जा सके. किंतु इससे पहले ऐसे तमाम प्रयास असफल साबित हुए थे. वहीं पिछले हफ्ते बुधवार 17 फरवरी की शाम करीब 8 बजे नयन का अपहरण कर लिया गया. लेकिन अपहरण के बाद महज 48 घंटों के भीतर पुलिस ने पूरी साजिश का पर्दाफाश करते हुए मास्टरमाईंड दादी और अहमदनगर में रहनेवाले उसके पांच साथियों को गिरफ्तार करते हुए नयन लुणिया को अहमदनगर से सुरक्षित छुड़ाने में सफलता हासिल की.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि अपहरण की वारदात के बाद घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे का जो वीडियो फुटेज सबसे पहले सामने आया था, उसमें साफ तौर पर दिखाई दे रहा था कि अपहरणर्कर्ताओं ने मुन्नी के साथ घूूम रहे नयन को छीना नहीं था, बल्कि मुन्नी ने बड़ी चालाकी के साथ नयन को उनके हवाले किया था. बाद में मुन्नी के मोबाईल पर आई एक कॉल के रिकॉरर्ड ने पूरे मामले में उसकी भूमिका को उजागर कर दिया. पश्चात हिरासत में लिए जाने के बाद मुन्नी व उसके साथीदारों ने अपना जुर्म कबूल करते हुए पुलिस को बताया कि वे नयन को छोडऩे की एवज में लुणिया परिवार से पांच करोड रूपयों की भारी-भरकम फिरौती मांगनेवाले थे.
ऐसे में कुछ सवाल पैदा होते हैं कि बीते आठ वर्षों से परिवार का हिस्सा बनकर रह रही मुन्नी पर लुणिया परिवार को कभी कोई संदेह क्यों नहीं हुआ, आखिर कैसे एक अनजान महिला से जसवंत लुणिया जैसे लब्ध प्रतिष्ठित व कमोडिटी व्यवसायी व्यक्ति ने अधेड़ावस्था में बिना कोई जांच-पड़ताल किये विवाह कर लिया. परिवार में रहने के दौरान मुन्नी जब अपने मायके वालों को हजारों लाखों रूपये भेज रही थी, जब उसकी भनक परिवार के लोगों को कैसे नहीं लगी. इससे पहले भी मुन्नी ने नयन का अपहरण करने का प्रयास किया था, इससे लुणिया परिवार अनभिज्ञ कैसे रहा. मुन्नी की अक्सर ही अपने मोबाईल पर अपने कुख्यात साथियों के साथ बातचीत होती रहती थी, यह बात कभी भी लुणिया परिवार के ध्यान में कैसे नहीं आई.
सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस पूरे मामले में मुन्नी अकेली ही थी, या फिर लुणिया परिवार का ही कोई और व्यक्ति इसमें मुन्नी के साथ शामिल था, जिसकी वजह से मुन्नी और उसकी संदिग्ध गतिविधियां अबतक परिवार के लोगों से छिपी रही.
वहीं आरोपियों द्वारा फिरौती की रकम को लेकर जो बयान दिया गया है, उसने पुलिस सहित प्रशासन के कान खड़े कर दिये है. आरोपियों के मुताबिक वे लुणिया परिवार से नयन को छोडऩे की एवज में पांच लाख रूपयों की फिरौती मांगनेवाले थे. जाहिर सी बात है कि मुन्नी पिछले आठ वर्षों से लुणिया परिवार की सदस्य थी और उसे परिवार की आर्थिक स्थिति का बखूबी अंदाजा रहा होगा. तभी तो उसने फिरौती की रकम पांच करोड रूपये तय की थी. इसका मतलब यह है कि लुणिया परिवार इतनी बड़ी रकम देने की स्थिति में था. ऐसे में अब लुणिया परिवार की आर्थिक स्थिति और संपत्ति को लेकर भी चर्चा चल रही है कि अगर लुणिया परिवार अपने बच्चे को बचाने के लिए पांच करोड दे सकता है, तो इस परिवार की कुल संपत्ति कितनी है और उसमें से कितनी संपत्ति सरकारी स्तर पर दर्शाई गई है. आपराधिक मामले की जांच करने के साथ ही अब पुलिस सहित संबंधित विभाग द्वारा इसकी भी जांच हो सकती है.
कुल मिलाकर जहां एक ओर अमरावती की शहर पुलिस इस मामले की गुत्थी को महज कुछ घंटो के भीतर हल करने और बच्चे को सही सलामत बचाने के लिए बधाई और अभिनंदन का पात्र है, वहीं अब पुलिस को इस मामले से जुड़े अन्य कई सवालों के जवाब भी खोजने होंगे, क्योंकि भले ही अपहरण की अपराधिक वारदात का मसला हल हो गया है, लेकिन इस मामले ने समाजमन में सामाजिक सरोकारों व पारिवारिक रिश्तों को लेकर कई तरह के सवाल पैदा किए है, जिनके जवाब खोजे जाने जरूरी है. उम्मीद है कि आगामी 28 फरवरी तक अपनी कस्टडी में रहनेवाले आरोपियों से पुलिस हर सवाल का जवाब हासिल कर लेगी.

  • अज्जू व टकलू की अब भी तलाश जारी

बता दें कि मुन्नी नामक दादी ने नयन के अपहरण की सुपारी अहमदनगर में रहनेवाले टकलू व अज्जू नामक अपने दो साथियों को सौंपी थी. जहां एक ओर फिलहाल तक इस अपहरण कांड में शामिल रहनेवाले कुल छह आरोपी गिरफ्तार किये जा तुके है. वहीं इन दोनों सुपारीबाज किडनैपरों का कहीं कोई पता नहीं चल पाया है. इन दोनों की तलाश में अमरावती शहर पुलिस का पांच सदस्यीय दल इस समय अहमदनगर में ही है, जहां पर अहमदनगर क्राईम ब्रांच के निरीक्षक अनिल किटके के सहयोग से इन दोनों आरोपियों की तलाश करने के साथ ही इस गिरोह की करगुजारियों व नेटवर्क की जड़ो को खंगाला जा रहा है.

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