छत्रपति संभाजीनगर/दि.3 – छत्रपति संभाजीनगर में दंगे भडकाने के पीछे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का सीधा हाथ है, ताकि राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार, विशेष तौर पर राज्य के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री को बदनाम करने हेतु 2 समाजों के बीच धार्मिक तनाव पैदा किया गया. इस आशय का आरोप राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने लगाया है.
छत्रपति संभाजीनगर के दौरे पर आए राज्यसभा सांसद अनिल बोंडे ने स्थानीय मीडिया से संवाद साधते हुए कहा कि, हकीकत में विगत दिनों छत्रपति संभाजीनगर में हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ था, बल्कि राकांपा उम्मीदवार रियाजुद्दीन और इम्तियाज जलील नामक दो लोगों के बीच झगडा होने के साथ ही जमकर मारपीट हुई. जिसके बाद जलील अपनी जान बचाने के लिए श्रीराम मंदिर में हुए, इसके पश्चात पत्थरबाजी शुरु हुई. इसकी आड लेकर छत्रपति संभाजीनगर में माहौल बिगाडने का जमकर प्रयास किया गया. लेकिन राज्य के कर्तव्यदक्ष गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुबह होने से पहले पूरा माहौल शांत करा दिया. जिसके लिए विपक्ष ने तो सरकार का अभिनंदन करना चाहिए था. यह इस बात पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि, एक दिन पहले ही ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत भी छत्रपति संभाजीनगर में दंगे भडकने की संभावना जताई थी और दूसरे दिन समूदाय विशेष के दो गुटों में झगडा होकर उसे दंगे का स्वरुप दिया जाता है. वहीं राकांपा सांसद सुप्रिया सुले द्बारा तुरंत ही कानून व व्यवस्था की दुहाई दी जाती है. जबकि खुद उनकी ही पार्टी के पराजीत प्रत्याशी की वजह की यह दंगा भडका. जिस पर सुप्रिया सुले कुछ भी नहीं कहती. इसका सीधा मतलब है कि, इस झगडे फसाद की जड में राकांपा का हाथ है. अत: राकांपा नेताओं के और डिटेल्स चेक किए जाने चाहिए.
इसके साथ ही सांसद अनिल बोंडे ने यह भी कहा कि, विगत दिनों मालेगांव की सभा में उद्धव ठाकरे ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर का अपमान सहन नहीं करने की बात कहीं थी. ऐसे में क्या आज होने वाली सभा में वे सावरकर के अपमान हेतु राहुल गांधी से माफी मांगेंगे. साथ ही क्या उद्धव ठाकरे आज की सभा में औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने वाली राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार का भी अभिनंदन करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि, औरंगाबाद का नामकरण छत्रपति संभाजीनगर होना चाहिए, ऐसी इच्छा हिंदू हृदय सम्राट स्व. बालासाहब ठाकरे ने व्यक्त की थी. जिसे राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेंंद्र फडणवीस ने पूर्ण किया है. साथ ही इस कार्य हेतु देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भी पूरा सहयोग मिला. जबकि यहीं काम राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे पूरा नहीं कर पाए थे.
* लाचार है ठाकरे गुट
इसके साथ ही सांसद अनिल बोंडे ने यह भी कहा कि, एक ओर तो उद्धव ठाकरे द्बारा स्वातंत्र्यवीर सावरकर का अपमान नहीं सहन करने की बात कही जाती है. वहीं दूसरी ओर वे सावरकर का अपमान करने वालों के साथ ही बैठे हुए है. यह सीधे-सीधे दोगली भूमिका है और ठाकरे गुट इस समय इसी दोगली भूमिका को निभाने के लिए मजबूर है.
* अकेले देवेंद्र ने दिखा दिया कि अकेला क्या करेगा
कुछ समय पहले राकांपा नेत्री व सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था कि, अकेला देवेंद्र क्या करेंगा, जिस पर जवाब देते हुए सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, अकेला देवेंद्र क्या कुछ कर सकता है, यह बात शायद अब सुप्रिया सुले को समझ मेें आ गई होगी.