* जिले के कांग्रेसियों ने दिल्ली जाकर की पार्टी अध्यक्ष खरगे से भेंट
* शैलेश अग्रवाल ने राकांपा की टिकट पर चुनाव लडने से किया इंकार
वर्धा/दि.20– विगत लंबे समय से गांधी जिला कहे जाते वर्धा संसदीय सीट को लेकर कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के बीच दावे-प्रतिदावे चल रहे थे, जो आज उस समय खत्म हो गया, जब इंडी अलायंस के तहत यह तय हो गया कि, वर्धा संसदीय सीट को इस बार राकांपा (शरद पवार) के हिस्से में छोडा जाएगा और इस बार राकांपा (शरद पवार) द्वारा अपना अधिकृत प्रत्याशी खडा किया जाएगा.
बता दें कि, वर्धा संसदीय क्षेत्र को अपनी परंपरागत सीट बताते हुए कांग्रेस द्वारा इसे गठबंधन के तहत अपने पास ही रखे जाने की मांग की जा रही थी. वहीं विगत लंबे समय से इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की हो रही हार को देखते हुए राकांपा ने इस बार यह सीट राकांपा के हिस्से में देने की मांग उठाई थी. यहां तक कि, राकांपा ने करीब डेढ-दो माह पहले ही हर्षवर्धन देशमुख को यहां से अपना प्रत्याशी भी लगभग घोषित कर दिया था. परंतु वर्धा जिले के कांग्रेसियों द्वारा वर्धा को अपनी परंपरागत सीट बताते हुए शरद पवार गुट वाली राकांपा एवं हर्षवर्धन देशमुख की दावेदारी का विरोध किया जा रहा था. हालांकि कुछ समय तक जनसंपर्क अभियान चलाने के बाद हर्षवर्धन देशमुख ने विगत दिनों राकांपा सुप्रीमों शरद पवार से मिलकर चुनाव नहीं लडने की बात स्पष्ट कर दी थी.
जिसके बाद वर्धा जिले के कांग्रेसियों में वर्धा संसदीय सीट अपने हिस्से में रहने को लेकर उम्मीद जागी थी, लेकिन वर्धा संसदीय सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडने के इच्छूक शैलेश अग्रवाल सहित कुछ अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी आज जब पार्टी नेतृत्व से मिलने हेतु दिल्ली पहुंचे, तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खरगे ने शैलेश अग्रवाल को बताया कि, वर्धा संसदीय सीट को गठबंधन के तहत राकांपा (शरद पवार) के लिए छोडे जाने का निर्णय लिया गया है. यह सुनते ही शैलेश अग्रवाल सहित वर्धा जिले के अन्य सभी कांग्रेस पदाधिकारी नाउम्मीद हो गये. वहीं इस समय पार्टी नेतृत्व ने शैलेश अग्रवाल के मुताबिक यह प्रस्ताव भी रखा कि, वे चाहे कि, उनकी उम्मीदवारी के लिए राकांपा नेता शरद पवार से बात की जा सकती है. परंतु शैलेश अग्रवाल ने इससे यह कहते हुए इंकार कर दिया कि, वे कांग्रेस के ही पंजा चुनाव चिन्ह पर चुनाव लडना चाहते है तथा किसी अन्य दल में कांग्रेस छोडकर प्रवेश नहीं करने वाले है.
* राकांपा से 3 लोगों के नाम चल रहे आगे
वर्धा संसदीय क्षेत्र में राकांपा की ओर से इससे पहले हर्षवर्धन देशमुख का नाम आगे चल रहा था. परंतु हर्षवर्धन देशमुख द्वारा अपने कदम पीछे खींच लिये जाते ही अब राकांपा में वर्धा संसदीय क्षेत्र के दावेदारी हेतु पूर्व विधायक सुरेश देशमुख के बेटे समीर देशमुख, हिंगणघाट विधानसभा क्षेत्र में अपना राजनीतिक दबदबा रखने वाले राकांपा नेता राजू तिमांडे तथा आर्वी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अमर काले के नामों को लेकर चर्चा चल रही है. इसमें से विधायक अमर काले को लेकर यह माना जा रहा है कि, वे लोकसभा चुनाव लडने हेतु अधिकारिक तौर पर कांग्रेस छोडकर राकांपा में प्रवेश कर सकते है. ऐसे में अब सभी की निगाहे इस ओर लगी हुई है कि, अपने हिस्से में आने के बाद राकांपा (शरद पवार) द्वारा वर्धा संसदीय क्षेत्र में किसे अपना प्रत्याशी बनाया जाता है.