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शहर में और भी निजी कोविड अस्पताल खोले जाने की जरूरत

  • डॉ. सोहेल बारी व डॉ. विजय बख्तार का मत
  • शहर सहित जिले की जरूरत को देखते हुए सभी डॉक्टरों से किया आगे आने का आवाहन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.४ -इस समय अमरावती शहर सहित जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बडी तेजी से बढ रही है और हालात अब कम्युनिटी स्प्रेड तक पहुंच चुके है. ऐसे में हालात को नियंत्रित करने के साथ-साथ मरीजों को इलाज एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी डॉक्टरों व अस्पतालों ने आगे आना चाहिए और शहर में अधिक से अधिक निजी कोविड अस्पताल खुलने चाहिए, ताकि कोरोना संक्रमित मरीजोें के लिए पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध हो और उन्हें अमरावती में ही इलाज की सुविधा प्राप्त हो. इस आशय की प्रतिक्रिया दरोगा प्लॉट स्थित बख्तार हॉस्पिटल के संचालक डॉ. विजय बख्तार तथा वलगांव रोड स्थित बेस्ट हॉस्पिटल के संचालक डॉ. सोहेल बारी ने दी है. बता दें कि, उपरोक्त दोनों अस्पतालों में निजी कोविड हॉस्पिटल शुरू किया गया है.
जहां पर इस समय हाउसफुल्लवाली स्थिति है. इस समय बेस्ट हॉस्पिटल में ३४ तथा बख्तार हॉस्पिटल में ३१ कोरोना संक्रमित मरीज भरती है. वहीं सरकारी कोविड अस्पताल में भी इस समय काफी बडे पैमाने पर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है और कई मरीजों को इलाज के लिए नागपुर जाना पड रहा है. हालांकि अब नागपुर में भी सरकारी व निजी कोविड अस्पतालोें में हाउसफुल्लवाली स्थिती है. ऐसे हालात में और क्या कारगर कदम उठाये जाने चाहिए, इस विषय को लेकर दैनिक अमरावती मंडल ने अमरावती में प्राईवेट कोविड हॉस्पिटल के तौर पर सेवा दे रहे डॉ. विजय बख्तार तथा डॉ. सोहेल बारी से बातचीत कर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही. जिसके जवाब में उन्होंने उपरोक्त बात कही.
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* सभी प्रारंभिक स्टेज में ही अपनी जांच
कराये इस विषय को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. सोहेल बारी ने कहा कि, अब लोगों में कोरोना को लेकर काफी हद तक जागरूकता आ रही है और लोगबाग स्वयंस्फूर्त रूप से बिना डरे अपने थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच करा रहे है. हालांकि अब भी कई लोग ऐसे है, जो इलाज हेतु भरती किये जाने के डर से अपनी जांच नहीं करा रहे. वहीं कई लोग काफी दिनों तक तबियत खराब रहने के बाद थ्रोट स्वैब की जांच कराने पहुंचते है.
यह काफी खतरनाक स्थिति बन सकती है,क्योकी कोरोना के प्रारंभिक दौर में मरीज को ठिक करने में काफी आसानी रहती है, लेकिन एक बार स्थिति हाथ से निकल जाने के बाद मरीजों, विशेषकर बुजुर्ग मरीजों को बचाना काफी मुश्किल हो जाता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, इन दिनों यद्यपि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है, वहीं हाल-फिलहाल के दिनों में कुछ मौतें भी हुई है, लेकिन पहले की तुलना में अब कोरोना संक्रमितों की मौतों का अनुपात घटा है. इसके अलावा उन्होंने शहर के सभी डॉक्टरों व अस्पतालों से कोरोना के खिलाफ जारी जंग में आगे बढकर सहयोग करने का आवाहन करते हुए कहा कि, यह अब मौजूदा वक्त की जरूरत बन चुकी है. अपने अस्पताल को प्राइवेट कोविड हॉस्पिटल बनाये जाने के बाद आये अनुभव के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि, उनके लिए यह फैसला लेना आसान नहीं था. साथ ही यह फैसला लेने के बाद उनके ७५ सदस्यीय स्टाफ में से कई लोग काम छोडकर भी चले गये. वहीं जिन लोगों ने काम जारी रखने की तैयारी दर्शायी, उसमें से २० लोगों की कोविड वॉर्ड में ड्यूटी लगायी गयी.
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* लापरवाही व बेफिकिरी बढने से बढ रहा संक्रमण
दरोगा प्लॉट स्थित डॉ. विजय बख्तार से इस विषय को लेकर बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि, पिछले कुछ समय से लोगों में कोरोना को लेकर काफी हद तक लापरवाही व बेफिकिरी बढ गयी है और लोगबाग स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी उपायों की ओर ध्यान नहीं दे रहे. जिसकी वजह से कोरोना संक्रमित मरीजोें की संख्या में जबर्दस्त इजाफा देखा जा रहा है और आये दिन दर्जनों कोरोना संक्रमित मरीज पाये जा रहे है. इसे कम्युनिटी स्प्रेड भी कहा जा सकता है. डॉ. बख्तार के मुताबिक जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ रही है, उसे देखते हुए अब यह बेहद जरूरी हो चला है कि, शहर में अधिक से अधिक प्राईवेट कोविड हॉस्पिटल खोले जायें और इसके लिए खुद डॉक्टर्स ही आगे आये, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं होता,क्योकी इसके लिए सबसे पहले अपने स्टाफ के लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना पडता है और कोविड हॉस्पिटल में इस बात पर विशेष ध्यान देना होता है कि, मरीजों की सेवा करनेवाले स्टाफ में ज्यादातर लोग कम आयुवर्ग के हो.
शहर में इन दिनों आये दिन हो रहीं कोरोना संक्रमितों की मौत के संदर्भ में पूछे गये सवाल पर डॉ. विजय बख्तार ने कहा कि, हाल-फिलहाल में जितनी भी मौंते हुई है, उनमें मृतकों की आयु ५० वर्ष से अधिक थी. साथ ही इसमें भी ८० प्रतिशत से अधिक मृतकों की आयु ६०-६५ वर्ष से अधिक थी. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, बुजुर्गों का पूरी तरह से खयाल रखा जाये,क्योकी पहले से ही कहा जा रहा है कि, बुजुर्गों के लिए इस बीमारी का संक्रमण काफी खतरनाक साबित हो सकता है.

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