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दूसरे वर्ष भी सन्नाटे के बीच शुरू हुआ नया शैक्षणिक सत्र

ना घंटी की टन-टन गूंजी, ना बच्चों की किलबिलाहट

  •  शालाओं में ऑनलाईन शुरू हुआ पढाई का काम

  •  सुनसान कक्षाओं में मोबाईल व लैपटॉप के जरिये शिक्षकों ने पढाया

अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 –  कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए लगातार दूसरे वर्ष नये शैक्षणिक सत्र के पहले दिन शालाओं में विद्यार्थियों की मौजूदगी नदारद रही और केवल शिक्षकों ने शाला में पहले दिन उपस्थित रहकर सन्नाटे से भरी कक्षाओं में मोबाईल व लैपटॉप के जरिये अपने विद्यार्थियों की ऑनलाईन हाजरी ली तथा उन्हें ऑनलाईन तरीके से पढाया. ऐसे में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बावजूद शहर सहित जिले की लगभग सभी शालाएं सुनसान ही दिखाई दी.
उल्लेखनीय है कि, प्रतिवर्ष नये शैक्षणिक सत्र के पहले दिन काफी आल्हाददायक माहौल होता है, जब सभी शालेय विद्यार्थी नई युनिफॉर्म व नये शैक्षणिक साहित्य के साथ अपनी शालाओं व कक्षाओं में पहुंचते है. कोई अपनी नई चमचमाती साईकिल पर इठलाता हुआ पहुंचता है, तो कोई ऑटोरिक्षा या पैडल रिक्षा अथवा वैन में सवार होकर आता है. साथ ही कई बच्चों को पहले दिन उनके अभिभावक स्कुल पहुंचाते है. जहां पर दो-ढाई माह की छुट्टियों के बाद दुबारा मिलने पर सभी विद्यार्थी अपने यार-दोस्तों के साथ जमघट लगाते है. ऐसे में शैक्षणिक सत्र के पहले दिनवाली सुबह काफी उत्साहपूर्ण रहती है. सबसे विलोभनीय नजारा प्ले हाउस, नर्सरी तथा केजी क्लासेस यानी बालक मंदिरों में होता है. जहां पर पहली बार आनेवाले नौनिहालों का रो-रो कर बुरा हाल रहता है और वे लगातार अपने मम्मी-पापा के पास जाने की रट लगाते है. घर के बाहर पहली बार पहला कदम रखनेवाले बच्चों की इस रूलाई को देखना और सुनना भी अपने आप में काफी मजेदार रहता है. किंतु कोविड की महामारी की वजह से ऐसे सभी दृश्य हमारे जीवन से विलुप्त हो गये है. गत वर्ष कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कुल व कॉलेज लगभग पूरा साल बंद ही रहे और ऑनलाईन पढाई व ऑनलाईन परीक्षाओं का दौर चला. जारी वर्ष के प्रारंभ में कोविड संक्रमण की सुस्त होती रफ्तार को देखकर उम्मीद बंधी थी कि, शायद नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने तक हालात पूरी तरह से सामान्य हो जायेंगे. किंतु फरवरी माह के बाद कोविड संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हुई तथा मार्च से मई माह के दौरान हालात बेहद विस्फोटक रहे. वहीं अब कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे की आशंका जताई जा रही है और इस तीसरी लहर को छोटे बच्चों के लिहाज से काफी खतरनाक बताया जा रहा है. ऐसे में राज्य शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र को अपने नियत समय पर शुरू करने के साथ ही फिलहाल कुछ वक्त तक ऑनलाईन कक्षाएं चलाने का निर्देश जारी किया है. जिसकी वजह से अमरावती शहर व जिले सहित समूचे विदर्भ संभाग में सोमवार 28 जून से नये शैक्षणिक सत्र की शुरूआत हुई, लेकिन न तो शालाओं में पहले दिन की घंटी बजी, न ही शालेय गणवेश में सजे विद्यार्थी दिखे और न ही विद्यार्थियों की किलबिलाहट से शालेय परिसर चहके. इसकी बजाय सभी शालाओं में शिक्षकों ने पूरी तरह से खाली पडी कक्षाओं में उपस्थित रहकर झूम ऍप जैसे साईटस् का सहारा लेते हुए अपने विद्यार्थियों को ऑनलाईन तरीके से पढाया. आगामी कुछ दिनों तक सभी शालाओं में ऐसे ही ऑनलाईन तरीके से पढाई-लिखाई का काम चलेगा, ऐसी जानकारी शिक्षा विभाग द्वारा दी गई है.

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