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किसानों के जीवन की दशा व दिशा बदल देंगे नये कृषि कानून

पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोेंडे का पत्रवार्ता में कथन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१२ – देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि विधेयकों के जरिये कृषि क्षेत्र में आमूलाग्र परिवर्तन होगा और किसानों के जीवन की दशा व दिशा में सकारात्मक बदलाव होंगे. इसके लिए देश के सभी किसानों ने पीएम नरेंद्र मोदी व कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर के प्रति आभारी होना चाहिए. क्योंकि इन तीनों विधेयकोें के कानून में रूपांतरित होते ही किसानोें के जीवन में आर्थिक आजादी की एक नई सुबह होने जा रही है. ऐसे में इन नये कानूनों को लेकर विपक्षी दलोें द्वारा फैलायी जा रही गलतफहमियों से बचने की जरूरत है. इस आशय का प्रतिपादन राज्य के पूर्व कृषि मंत्री तथा भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अनिल बोंडे द्वारा किया गया है.
स्थानीय वालकट कंपाउंड परिसर स्थित जिला मराठी पत्रकार संघ के मराठी पत्रकार भवन में बुलायी गयी पत्रकार परिषद में केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गये तीन नये कृषि कानूनों की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, इन कृषि कानूनों की वजह से कृषि उत्पादन व्यापार व वाणिज्य अधिनियम के तहत अब किसान अपनी कृषि उपज को कृषि उत्पन्न बाजार समिती के बाहर भी बेच सकते है. साथ ही वे अपनी उपज को अन्य राज्यों या विदेशों में भी बेच सकते है. हालांकि इसके बावजूद कृषि उत्पन्न बाजार समिती का अस्तित्व बना रहेगा और किसान वहां पर भी अपना माल बेच सकेंगे. इसके अलावा कृषक कीमत आश्वासन कृषि सेवा करार विधेयक के तहत अब सभी किसान व्यापारी कंपनियों व प्रक्रिया करनेवाले उद्योजकों के साथ जुड सकेंगे और कृषि करार के माध्यम से बुआई अथवा सीझन से पहले ही अपनी संभावित उपज की कीमत तय कर सकेंगे. इसी तरह तीसरे विधेयक के तहत आवश्यक वस्तु कानून के तहत वर्ष 1955 में तृणधान्य, कडधान्य, तिलहन, आलू व प्याज को प्रतिबंधित किया गया था, और इन वस्तुओें की ढुलाई करना अपराध करार दिया गया था. लेकिन इसकी वजह से 15 से 40 फीसदी माल खराब हो जाता था. ऐसे में केंद्र सरकार ने समूचे देश में बडे पैमाने पर गोदाम व कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था उपलब्ध करानी शुरू की है और संशोधित विधेयक में तृणधान्य, कडधान्य, तिलहन, आलू व प्याज को प्रतिबंध से मुक्त कर दिया गया है.
उपरोक्त जानकारी देते हुए इस पत्रवार्ता में बताया गया कि, इन तीनों कानूनों की वजह से समूचे देश के किसानों की आर्थिक आजादी का रास्ता खुलने जा रहा है और उन्हें अपनी मेहनत व कृषि उपज के योग्य दाम मिलेेंगे. लेकिन केवल विरोध करने हेतु विरोध की राजनीति करनेवाले विपक्षी दलों ने किसानों में संभ्रण का वातावरण फैलाना शुरू कर दिया है. जबकि इस विधेयक की सभी धाराएं स्वामिनाथन कमेटी की सिफारिशों पर आधारित है और शेतकरी संगठन के स्व. शरद जोशी द्वारा किसानों को आर्थिक आजादी देने की मांग इन विधेयकों के जरिये पूर्ण की गई है. लेकिन इसके बावजूद विपक्षी दलों द्वारा किसानों को बरगलाया जा रहा है. ऐसे में भाजपा द्वारा महाराष्ट्र के सभी जिलों में पत्रकार परिषदों का आयोजन करने के साथ ही संभागीय स्तर पर किसानों की जनजागृति करने हेतु किसान सम्मेलन भी आयोजीत किये जायेंगे.
इस पत्रकार परिषद में भाजपा विधायक अरूण अडसड व भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर सहित गजानन देशमुख, ललीत झंझाड, मिलींद बांबल व निलेश आखेगांवकर आदि उपस्थित थे.

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