अमृत महोत्सव वर्ष मेेंं जोडेगा नये आयाम
मातृशक्ति ने की थी कालाराम मंदिर गरबा मंडल की स्थापना
* शालीन, परंपरागत वाद्यों पर गरबा रास हेतु प्रसिद्ध
* माताजी की भव्य रजत प्रतिमा भी श्रद्धालुओं का आकर्षण
अमरावती/दि.19 – श्री सक्करसाथ गुजराती नवरात्री महोत्सव मंडल का यह 75वां अमृत महोत्सव वर्ष होने से सभी छोटे-बडे कार्यकर्ता पिछले अनेक माह से जुटे हैं. बडा उत्साह युवा कार्यकर्ताओं में नजर आ रहा है. उत्सव को नये आयाम देने के प्रयत्न इस बार होंगे. बता दें कि, यह मंडल अपने शालीन और परंपरागत वाद्य-गायन पर गरबा रास हेतु विदर्भ में विख्यात है. मंडल के कोषाध्यक्ष हितेश थडेसर ने बताया कि, 1948 में मंडल की स्थापना मातृशक्ति ने की थी. कालांतर में उत्सव बडा होता गया और आज वृहद रुप ले चुका है. उन्होंने यह भी बताया कि, इस बार नवमी पर देवी की भव्य रजत प्रतिमा को पालखी में सजाकर उसका नगर भ्रमण का आयोजन गाजे-बाजे से होगा.
* भाईलाल भाई सोमैया अध्यक्ष
मंडल के अध्यक्ष पद पर दिनेश भाई उर्फ भाईलाल भाई सोमैया विराजमान हैं. पदाधिकारियों में सुनील गोयनका उपाध्यक्ष, किरीट ठक्कर सचिव, हितेश थडेसर कोषाध्यक्ष और सदस्य के रुप में सर्वश्री किरीट गढीया, नितिन अन्नम, मनोज धानक, प्रवीण धानक, राजेंद्र चांडक, उमेश चांडक, सुदर्शन चांडक, राजीव उपासने, दीपक गोयनका, रमेश सोमैया, जिग्नेश ठक्कर, शरद गोहील, गौरव देवडीया, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, दीपक सोमैया, जीतेश सोमैया, पीयूष गांधी, बब्बू मोतीवाला, अमीत लख्तरीया, देवेश सरवैया, देवेंद्र ठाकुर, हिमांशु बावीशी, भाविन राजा, रितेश चांडक, प्रमोद पुरोहित, मनीष प्रयाल, भरत शर्मा, धर्मेंद्र मुनोत आदि का समावेश है. उल्लेखनीय है कि, दिनेश भाई अर्थात भाईलाल भाई का नाम श्रेष्ठ नगाडा वादक के रुप में विदर्भ विख्यात हैं. अनेक गरबा रास आयोजनों में आपने अनूठा तालमेल प्रस्तुत किया है.
* युवाओं की उत्सव समिति
बदलते दौर के साथ मंडल का परंपरागत उत्सव का दायित्व युवा टीम ने संभाल लिया हैं. उनमें सर्वश्री वर्धमान मुनोत, पराग सोमानी, सौरभ डागा, राम पाटील, रौनक जाजू, आकाश पांडे, अमन गोयनका, नकुल डाबी, प्रथम खंडलेवाल, यश देवडिया, अनिल अनू शर्मा, अतुल शर्मा, अमन थडेसर, कार्तिक बुच्चा, नितिन सेवक, कन्हैया बगडाई, अनुज कलंत्री, देवेश वजीर, रौनक कलंत्री आदि अनेक युवकों का समावेश है.
* संस्थापक सदस्यों में अनेक दिग्गज
कालाराम मंदिर गरबा मंडल के रुप में जाने जाते इस आयोजन के संस्थापकों में नगर के अनेक बडे समाजसेवियों का समावेश रहा. जिनमेें प्रमुख रुप से धनजी भाई सोमैया, जमनादास भाई सोमैया, मावजी भाईा सोमैया, मंगलजी भाई ठक्कर, रम्मू भाई थडेसर सोनी, मनीकांत भाई, विजय भाई सोमैया, ठाकरसी भाई सोमैया, जयकांत भाई, रश्मीकांत भाई, शरद गोहील, मालतीबेन गोहील, गोवर्धन धानक, वजू भाई धानक, प्रभुदास भाई धानक, मनू भाई, मनोज भाई, प्रवीण भाई, सुधीर भाई, भीखू भाई धानक, मनसुख भाई, दिनेश भाई, किशोर भाई ठक्कर, किरीट भाई ठक्कर, जीग्नेश भाई ठक्कर का समावेश हैं.
* गरबा गायक और वाद्यवृंद का दल
मंडल गरबा रास का श्रद्धापूर्वक और पारंपारिक रुप से आयोजन करता है. वाद्यवृंद के साथ गरबा गीत गाये जाते है. गायकों में डॉ. प्रीतिबेन गोटी, किरीट भाई गढिया, चिंटू मास्टर उर्फ ललित भाई, कान्हा बगडाई, भाविन राजा, किरण भाई सरवैया, भाईलाल भाई सोमैया आदि शामिल है और नगाडा वादकों में दीपक सोमैया, दर्शन कलंत्री, सरजू आडतिया का समावेश हैं. यह गायक-वादको की जुगलबंदी प्रत्येक्ष अनुभव करने लायक होती है. देखने-सुनने वाला थिरक उठता है. इस बार आयोजन में अनेक नये आयाम जोडे जा रहे है, ऐसी जानकारी वर्धमान मुनोत उर्फ ढम्पू ने दी. वह मंडल के युवा और प्रमुख कार्यकर्ता है.