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मौजूदा दौर में छत्रपति शिवाजी की तरह आदर्श हैं नितिन गडकरी

राज्यपाल कोश्यारी के बयान को लेकर फिर मचा हंगामा

औरंगाबाद/दि.19 – राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और विवादों का शायद कोई गहरा नाता है. वे बीच-बीच में कोई बयान देते है. जिसे लेकर अपने आप ही हंगामा मच जाता है. बाद में इस विवाद को खत्म करने की नौबत भाजपा पर आ पडती है. इसी श्रृंखला के तहत आज राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने एक और बयान दिया. जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के अराध्य दैवत कहें जाते छत्रपति शिवाजी महाराज तथा भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की आपस में तुलना कर दी. इस बयान को लेकर भी इस समय अच्छा-खासा हडकंप मचा हुआ है.
आज डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठ की पदवीदान समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि, छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय में आदर्श हुआ करते थे. वहीं मौजूदा दौर में नितिन गडकरी एक आदर्श व्यक्तित्व है. ऐसे में राज्यपाल कोश्यारी के बयान को लेकर अच्छा-खासा हंगामा मच गया है और शिव प्रेमियों द्बारा राज्यपाल कोश्यारी को शिवद्रोही व महाराष्ट्र द्रोही कहा जा रहा है.

* क्या कहा कोश्यारी ने
दरअसर राज्यपाल कोश्यारी ने अपने संबोधन में कहा कि, वे जिस समय शालेय छात्र थे, तो शिक्षकों द्बारा बच्चों से उनके पसंदीदा नेता व आदर्श व्यक्ति के बारे में सवाल पूछा जाता था, तो बच्चों द्बारा नेताजी बोस, महात्मा गांधी व पंडित नेहरु जैसे नाम लिए जाते थे. किंतु उन्हें लगता है कि, महाराष्ट्र के बच्चों को यदि यहीं सवाल पूछा जाए, तो उनके पास महाराष्ट्र में ही ऐसे आईकॉन्स की कमी नहीं है. किसी समय महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महान व्यक्तित्व हुए वहीं आधुनिक दौर में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक कई प्रेरणादायी व्यक्तित्व महाराष्ट्र में हुए है. अत: महाराष्ट्र के बच्चों को प्रेरणादायी व्यक्तित्व के लिए कहीं ज्यादा लोग जाने की जरुरत नहीं है, बल्कि आज के दौर में वे नितिन गडकरी जैसे प्रेरणादायी व्यक्तित्व से प्रत्यक्ष मिल भी सकते है.

* मैं इस पदवी के लायक हूं भी या नहीं, यह बडा सवाल
– डी.लिट मिलने पर बोले नितिन गडकरी
औरंगाबाद के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठ में आयोजित पदवीदान समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा राकांपा नेता शरद पवार को डॉक्टर ऑफ लेटर्स यानि डी.लिट की मानद पदवी प्रदान की गई. जिसे स्वीकार करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, वे इस पदवी को पाने की योग्यता रहते भी या नहीं यह अपने आप में एक बडा सवाल है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि, मराठवाडा श्री स्वामी रामदास समर्थ की जन्मभूमि है. जिन्होंने कर्मशीलता का संदेश दिया था और उन्होंने इसी संदेश व विचार को आत्मसात करते हुए अपने जीवन में हर कदम आगे बढाया. इस समय केंद्रीय मंत्री गडकरी ने पदवी प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से आवाहन किया कि, वे नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बने.

* राकांपा सुप्रीमों शरद पवार हुए भावुक
– नामांतर आंदोलन के चलते गई थी सत्ता
जिस मराठवाडा विद्यापीठ का नाम बदलकर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठावाडा विद्यापीठ करने हेतु राज्य की सत्ता को छोडना पडा था. उसी विद्यापीठ द्बारा 32 वर्ष बाद डी.लिट की मानद पदवी देकर गौरव किये जाने के चलते राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार बेहद भावुक हो गये थे. विशेष तौर पर जब उनके द्बारा दिये गये योगदान का उल्लेख किया जा रहा था, तो काफी समय तक मंच पर बैठे शरद पवार स्तब्ध दिखाई दिये थे और उनके चेहरे के भाव काफी तेजी से बदले. पश्चात डी.लिट की पदवी स्वीकार करने के उपरान्त शरद पवार ने उपस्थितों से संवाद साधते हुए मराठवादा आंदोलन की यादों के साथ ही मराठवाडा विद्यापीठ की निमिर्ति प्रक्रिया से लेकर नामांतरण हेतु हुए आंदोलन की यादों को ताजा किया.

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