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दत्ता मेघे के मृत्युपत्र में नितीन गडकरी का नाम

राजनीति के क्षेत्र में ऐसी भी दोस्ती

वर्धा/प्रतिनिधि दि.19 – इन दिनों राजनीति में एक-दूसरे के लिए मान, सम्मान, आदर और बढप्पन का भाव जैसे शब्द लुप्त हो गये है. बल्कि इन दिनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने के नाम पर एक-दूसरे का चरित्र हनन करने की मानसिकता बढ गई है. किंतु 80 और 90 के दशक में राजनीति का क्षेत्र और राजनीति से जुडे लोग काफी अलग हुआ करते थे. जब परस्पर विरोधी राजनीतिक दलों में रहने के बावजूद राजनेताओें द्वारा एक-दूसरे के प्रति आदर का भाव रखा जाता था और परस्परविरोधी दलों के नेताओं के बीच अच्छी-खासी दोस्ती भी हुआ करती थी. ऐसा ही एक उदाहरण संघ की विचारधारा से वास्ता रखनेवाले भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी पर किसी समय कांग्रेस के कद्दावर नेता व सांसद रह चुके एवं इन दिनों भाजपा में रहनेवाले दत्ता मेघे की दोस्ती को कहा जा सकता है.
इस दोस्ती का अंदाजा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि, चार बार कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा एवं एक बार राज्यसभा में निर्वाचित होनेवाले दत्ता मेघे ने अपने मृत्युपत्र में नितिन गडकरी का नाम लिखा है, ताकि उनकी मृत्यु के बाद किसी भी तरह का कोई संभ्रम अथवा दिक्कत पैदा न हो. अत: यदि ऐसा होता है, तो उसे निपटाने व सुलझाने का जिम्मा नितीन गडकरी को दिया जाये. उल्लेखनीय यह है कि, यह रहस्योद्घाटन खुद पूर्व सांसद दत्ता मेघे ने वर्धा नगर पालिका के विकास कामों के ई-भूमिपूजन व लोकार्पण समारोह के दौरान किया. जिसमें उन्होंने कहा कि, भले ही वे किसी समय कांग्रेस में थे, किंतु भाजपा नेता नितीन गडकरी से उनके हमेशा पारिवारिक संबंध रहे.
यहीं वजह है कि, उन्होंने अपनी मृत्यु पश्चात किसी भी तरह के संभ्रम व गडबडी को टालने के लिए अपने मृत्युपत्र में नितीन गडकरी का नाम लिखा है. साथ ही दत्ता मेघे ने इस समय नितीन गडकरी द्वारा समूचे देश में किये जा रहे विकास कामों की भी मुक्तकंठ से प्रशंसा की.

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