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परिवार को घर बनाकर देंगे नितीन कदम

 लोहार मठ के विश्वस्तों ने 90 वर्ष पुराने किरायेदार को किया बेघर

  • काले परिवार को बिना पूर्व सुचना दिये तोडी सीताराम बिल्डींग

  • कदम ने इस अमानवीय हरकत का किया निषेध

अमरावती/प्रतिनिधि दि.23 – स्थानीय बुधवारा परिसर में स्थित सीताराम बिल्डींग में वर्ष 1930 से यानी करीब 90 वर्ष से किराये पर रह रहे काले परिवार के घर को बिल्डींग की मिल्कियत रहनेवाले लोहार मठ के विश्वस्तों ने किसी भी तरह की पूर्व सूचना नहीं देते हुए तोड दिया. जिसका शहर के युवा उद्योजक व समाजसेवी नितीन कदम द्वारा तीव्र शब्दों में निषेध करते हुए कहा गया कि, वे अपने संकल्प बहुउद्देशीय संस्था की ओर से काले परिवार का घर बनाकर देंगे. साथ ही इस परिवार को अचानक बेघर करनेवाले लोहारमठ के विश्वस्तों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी गई है.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए नितीन कदम ने कहा कि, कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान लगाये गये लॉकडाउन के समय वे रोजाना जरूरतमंद लोगों को जीवनावश्यक वस्तुओं का वितरण करते थे. उस समय कुछ छोटे बच्चे रोजाना राजकमल चौक पर उनकी टीम के पहुंचने की प्रतीक्षा किया करते थे. ऐसे में एक दिन उन्होेंने इस बच्चों के पास जाकर उनसे पूछताछ की और उनकी गरीबी का एहसास होने पर कहा कि, यदि उन्हेें पढाई-लिखाई में किसी भी तरह की कोई दिक्कत आती है, तो वे पूरी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है. साथ ही इस समय नितीन कदम ने उन्हें अपना कार्ड दिया और उन बच्चों से बिदा ली. इसके कुछ दिनों बाद अचानक ही उनके मोबाईल पर एक कॉल आयी और दूसरी ओर से लगभग रोते हुए बताया गया कि, साहेब हमारा घर गिरा दिया है. जिसके बाद वे मामले की थोडी-बहुत जानकारी लेकर घटनास्थल पर पहुंचे. जहां पर उन्हें एक टूटा-फुटा घर और उसके सामने एक पीडित परिवार दिखाई दिया. इस समय अचानक कुछ बच्चे उनसे लिपटकर जोर-जोर से रोने लगे और मदद की गुहार लगाने लगे. तब समझ में आया कि, ये वहीं बच्चे है, जो कभी राजकमल चौक पर उनका इंतजार किया करते थे, ताकि कुछ खाने-पीने का सामान मिले और इन्हीं बच्चों को उन्होंने सहायता का आश्वासन देेते हुए अपना कार्ड दिया था. पूरी तरह से अपरिचित यह परिवार अचानक ही नितीन कदम को बेहद अपना लगने लगा और उन्होंने इस परिवार को सांत्वना देते हुए मामले की पूरी जानकारी ली. जिसमें पता चला कि, लोहार मठ की मिल्कियतवाली इस इमारत में काले परिवार वर्ष 1930 से किराये पर रह रहा है. शुरूआत में इस घर का किराया 7 रूपये प्रतिमाह था, जो अब 500 रूपये प्रतिमाह है और काले परिवार द्वारा हर महिने यह किराया लोहार मठ को अदा किया जाता है. लेकिन इसके बावजूद सोमवार को लोहार मठ के विश्वस्त रहनेवाले डॉक्टर ने काले परिवार के घर को गिरा दिया. कोविड संक्रमण व लॉकडाउन के चलते पहले ही कोई कामकाज नहीं, वहीं अब सिर छिपाने की जगह भी चली गयी. साथ ही इस समय बारिश का मौसम भी शुरू हो गया है. ऐसे में यह परिवार बेहद दयनीय अवस्था में पहुंच गया है. इस परिवार में 75 वर्षीय सुधाकर काले, उनकी पत्नी रंगूबाई काले, दो बेटे प्रकाश व महेश काले, दो बहुएं चेतना व पूजा काले तथा नाती-नातन आदेश व श्रावणी काले का समावेश है. जिन्हेें यह समझ में नहीं आ रहा कि अब वे कहा जाये.
यह पूरा मामला समझ में आने के बाद नितीन कदम ने फैसला लिया कि, वे अपने संकल्प बहुउद्देशीय संस्था की ओर से काले परिवार को अपने खर्च पर नया घर बनाकर देेंगे. साथ ही उन्होंने काले परिवार को अचानक बेघर करनेवाले लोहार मठ के विश्वस्तों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दी है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि, उन्हेें इस तरह की घटनाएं बिल्कुल भी सहन नहीं होती और यदि भविष्य में ऐसी कोई घटना घटित होती है, तो वे ऐसे मामलों में हस्तक्षेप जरूर करेेंगे. साथ ही उन्होंने सभी से आवाहन किया है कि, गरीबों को सतानेवाली गलत प्रवृत्ति को तुरंत रोका जाये.

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