-
बोले : यह काम तो हमारी पहली जिम्मेदारी
-
नागरिकों का साथ व सहयोग मिलना भी सबसे जरूरी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.5 – स्थानीय निकाय के तौर पर शहर को साफ-सूथरा रखने के साथ ही मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी पहली जिम्मेदारियों में शामिल है. जिसके साथ किसी भी किस्म का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. अत: इस काम में किसी भी किस्म की लापरवाही अथवा कोताही बरतनेवालों पर प्रशासन की ओर से कडी दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. इस आशय का प्रतिपादन निगमायुक्त प्रशांत रोडे द्वारा दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर की गई बातचीत में किया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि, जिस तरह से शहर को साफ-सूथरा रखने की जिम्मेदारी प्रशासन की है, उसी तरह शहरवासियों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि, वे अपने घर-परिसर को साफ-सूथरा रखते हुए शहर को स्वच्छ रखने में प्रशासन को साथ व सहयोग प्रदान करे. इसके तहत उन्हें इतना ही करना है कि, वे खुले में कचरा न फेंके, बल्कि मनपा की ओर से भेजी जानेवाली कचरा संकलन गाडी में ही अपने घर अथवा दुकान का कचरा डाले.
बता दें कि, दैनिक अमरावती मंडल द्वारा विगत 16 दिनों से लगातार शहर में व्याप्त कचरे व गंदगी की समस्या के साथ-साथ साफ-सफाई की अव्यवस्था को लेकर समाचार प्रकाशित किये जा रहे है. इसके तहत शहर के विभिन्न इलाकों की समस्याओं को उजागर करने के साथ-साथ मनपा के स्वच्छता विभाग, कचरा संकलन ठेकेदार व सफाई ठेकेदारों सहित विभिन्न प्रभागों के पार्षदों की लापरवाही व अनदेखी को भी उजागर किया गया. साथ ही प्रशासन को भी विभिन्न सवालों के कटघरे में खडा किया गया. जिसकी वजह से अब कहीं जाकर साफ-सफाई संबंधी कामों में कुछ तेजी आती दिखाई दे रही है और स्वच्छता विभाग द्वारा शहर में साफ-सफाई के कामों को गतिमान करने के साथ-साथ शहर में फवारणी व धुवारणी का काम भी शुरू किया गया है. इसे अमरावती मंडल द्वारा व्यापक जनहित में करीब आधे माह तक चलाये गये अभियान की सफलता कहा जा सकता है.
इसी अभियान के तहत दैनिक अमरावती मंडल ने मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे से विशेष तौर पर बातचीत की. इस बातचीत में निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने सबसे पहले तो दैनिक अमरावती मंडल द्वारा चलायी गई समाचारों की श्रृंखला की खुले दिल से प्रशंसा की और कहा कि, अमरावती मंडल की ओर से प्रकाशित खबरों ने साफ-सफाई संबंधी कामों को गतिमान करने में मदद की है. इसके अलावा जिन क्षेत्रों और कामों की ओर जाने-अनजाने में प्रशासन की अनदेखी हो रही थी, उनकी ओर भी ध्यान दिलाया है. आयुक्त प्रशांत रोडे के मुताबिक यूं तो कचरा उठाना और साफ-सफाई करना एक निरंतर चलनेवाली प्रक्रिया है. जिसका कोई अंत नहीं है. किसी भी स्थान से कचरा उठाये जाने के बाद दो घंटे के भीतर वहां दोबारा कचरा जमा होना शुरू हो जाता है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि, शहर में साफ-सफाई ही नहीं हो रही. किंतु हो सकता है कि, एक ही काम को रूटीन की तरह करने की वजह से इसमें कुछ लापरवाहीयां होने लगी थी. लेकिन अमरावती मंडल की खबरों ने स्वच्छता विभाग एवं सफाई ठेकेदारों को एकदम से झकझोरकर अलर्ट होने पर मजबूर कर दिया.
-
स्वच्छता ऍप व शिकायत निवारण की भी व्यवस्था
इस बातचीत में निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, सफाई ठेकेदारों व कचरा संकलन ठेकेदार द्वारा किये जानेवाले कामों पर मनपा प्रशासन का पूरा ध्यान रहता है. इसके लिए बाकायदा वॉटसऍप पर क्लिनसिटी नामक ग्रुप बनाया गया है. जिसमें उनके सहित दोनों उपायुक्तों, सभी सहायक आयुक्त, स्वच्छता अधिकारी, झोन अधिकारी व सफाई ठेकेदारों को शामिल किया गया है. इस ग्रुप पर रोजाना सफाई ठेकेदारों द्वारा अपने-अपने प्रभागों में सफाई कर्मचारियों द्वारा किये जानेवाले कामों के जीओ टैग फोटो शेयर किये जाते है. इसके अलावा मनपा की ओर से स्वच्छता ऍप भी चलाया जाता है. जिसके जरिये तमाम कामों पर पूरी नजर रखी जाती है. वहीं घंटागाडियों व कचरा संकलन वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टीम लगाये गये है और कचरा कंटेनर लेकर कंपोस्ट डिपो पर आनेवाले सभी वाहनों की हाजरी और गिनती सीसीटीवी कैमरों के जरिये की जाती है. इसके साथ ही यदि कहीं पर साफ-सफाई से संबंधित काम सही तरीके से नहीं हो रहे, तो ऑनलाईन शिकायत करने की व्यवस्था भी उपलब्ध करायी गई है. ये तमाम इंतजाम शहर में पारदर्शक ढंग से साफ-सफाई के काम करने हेतु किये गये है.
-
कॉर्पोरेशन के लिए जरूरी को-ऑपरेशन
साफ-सफाई को लेकर मनपा की प्राथमिकताओं और जिम्मेदारियों पर बात करने के साथ-साथ निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, शहर को साफ-सूथरा रखने की जितनी जिम्मेदारी मनपा और स्वच्छता विभाग की है, उससे कहीं अधिक जिम्मेदारी आम शहरवासियो की है. यदि हर व्यक्ति मनपा के साथ सहयोगवाला रवैय्या अपनाये, तो कचरे एवं गंदगी की कोई समस्या ही नहीं रहेगी. आयुक्त रोडे के मुताबिक लोगबाग अपने घरों एवं दुकानोें से निकलनेवाला कचरा कई बार इधर-उधर खुले में फेंक देते है. जबकि यह कचरा रोजाना सुबह घुमनेवाली घंटागाडी में डाला जाना चाहिए, या फिर अलग-अलग इलाकों में रखे गये कचरा कंटेनर में फेंका जाना चाहिए. इसके अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में सडक किनारे व्यवसाय करनेवाले सब्जी व फल विक्रेताओं सहित फूटकर विक्रेताओं द्वारा व्यवसाय पूरा होने के बाद घर जाते समय पूरा कचरा वहीं आसपास कहीं फेंक दिया जाता है. जिससे गंदगी होती है. यदि इस कचरे को भी बाकायदा घर जाते वक्त साथ ले जाया जाये और किसी कचरा कंटेनर में डाला जाये, तो शहर में गंदगी नहीं होगी तथा शहर अपने आप साफ-सूथरा रहेगा.
-
चौबीसों घंटे तो नजर नहीं रख सकते
इस समय आयुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, खुले में कचरा फेंकनेवालों व शहर में सार्वजनिक स्थानों पर थूंकनेवालों पर दंडात्मक कार्रवाई करने के प्रावधान है तथा इसके अधिकार स्वच्छता निरीक्षकों को दिये गये है. जिसके चलते अनेकों बार कई लोगों पर कार्रवाईयां भी होती है. किंतु स्वच्छता ठेकेदारों द्वारा भी चौबीसों घंटे हर एक व्यक्ति पर नजर नहीं रखी जा सकती. ऐसे में नागरिकों को भी अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा व अपने परिसर की सफाई को लेकर कुछ हद तक जागरूक तो होना पडेगा.
-
प्रशासन अपना काम जिम्मेदारी से कर रहा
इसी मसले को लेकर आयुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, प्रशासन की ओर से शहर के गली-मोहल्लों, सर्विस लाईनों व नालियों की साफ-सफाई का काम नियमित तौर पर करवाया जा रहा है. साथ ही मनपा की आस्थापना में रहनेवाले सफाई कर्मचारियों द्वारा शहर की सभी सडकों व फुटपॉथ पर रोजाना झाडू लगाया जाता है. इन सब कामोें की ओर प्रशासन प्रमुख होने के नाते उनका पूरा ध्यान रहता है. यहीं वजह है कि, अमरावती मनपा क्षेत्र ने स्वच्छ भारत अभियान सर्वेक्षण में रैंकींग भी हासिल की है. उन्होंने बताया कि, इस सर्वेक्षण में साफ-सफाई के अलावा सडकों, स्ट्रीटलाईट, जलापूर्ति जैसे विभिन्न बातों का भी समावेश होता है और मनपा प्रशासन द्वारा शहरवासियों को तमाम मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु हर संभव प्रयास किया जाता है. साथ ही जहां कहीं पर भी कोई कोताही या लापरवाही पायी जाती है, तो उसे सुधारने के लिए तमाम आवश्यक कदम भी उठाये जाते है और संबंधितों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाती है. इसके बावजूद इन कामों में जो थोडी-बहुत कमी है, उसके लिए नागरिकों का सहयोग मिलना अपेक्षित है.
-
महामारी प्रतिबंधात्मक उपाय भी किये जा रहे
आयुक्त प्रशांत रोडे ने इस बातचीत के दौरान कहा कि, प्रतिवर्ष बारिश का मौसम शुरू होते ही शहर में किटनाशक दवाईयों का फॉगींग व स्प्रे मशीन के जरिये छिडकाव किया जाता है. इस वर्ष चूंकि बारिश ही कुछ विलंब से शुरू हुई. जिसकी वजह से फवारणी व धुवारणी के काम भी जुलाई माह में शुरू किये गये और सप्ताह में कम से कम दो दिन सभी प्रभागों में किटनाशक दवाओं का छिडकाव किया जा रहा है, ताकि मच्छरों सहित अन्य घातक कीटों के प्रादुर्भाव को रोका जा सके. इसके साथ ही जिन-जिन खुले मैदानों व अन्य स्थानों पर जल-जमाव की स्थिति बनती है, वहां पर भी गप्पी मछलियां छोडने व किटनाशक दवाईयों का छिडकाव करने का काम किया जा रहा है. साथ ही नागरिकों से भी आवाहन किया गया है कि, वे अपने घरों में कई दिनों तक खुले बर्तनों, ड्रम अथवा कुलर की टंकी में पानी को जमा न होने दे.
-
मनपा की आय बढना बेहद जरूरी
साफ-सफाई के अलावा अन्य मसलों को लेकर हुई चर्चा में निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, इन दिनों शहर का विस्तार काफी तेज गति से हो रहा है. जिसके चलते मनपा को अपने सभी तरह के कामकाज पर पहले की तुलना में कहीं अधिक खर्च करना पड रहा है. किंतु मनपा की आय अब भी पहले की तरह काफी सीमित है. लंबे समय से संपत्तियों का मूल्यांकन व संपत्ति कर का पुनर्निधारण नहीं हुआ है. इसके साथ ही मनपा के व्यवसायिक संकुलों के किराये का भी नूतनीकरण होना बाकी है. ऐसे में मनपा को अपना कामकाज चलाने और मुलभूत सुविधाओं पर पैसा खर्च करने में काफी आर्थिक तंगी का सामना करना पड रहा है. आयुक्त रोडे के मुताबिक जीएसटी व एलबीटी की ऐवज में मनपा को 35 से 36 करोड रूपयों का अनुदान प्राप्त होता है, लेकिन यह पूरा पैसा वेतन व पेन्शन संबंधी बातों के लिए कम पडता है, क्योंकि मनपा का आस्थापना खर्च ही करीब 50 से 51 करोड के आसपास है. ऐसे में सारा दारोमदार संपत्ति कर से होनेवाली आय पर निर्भर हो जाता है. अत: यह बेहद जरूरी है कि, सभी संपत्ति धारक नियमित रूप से अपने संपत्ति कर की अदायगी करे.
-
शहर में जल्द शुरू होगा संपत्ति सर्वेक्षण
इस समय निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, विगत अनेक वर्षों से अमरावती शहर में संपत्तियों का सर्वेक्षण व मूल्यांकन नहीं हुआ है. इस दौरान कई लोगों ने अपने पुराने निर्माण कार्य तोडकर नियमबाह्य तरीके से नये निर्माण कार्य करवाये है. वहीं कई लोगों ने बिना नक्शा पास कराये और बिना अनुमति लिये नये निर्माण कार्य किये है. ऐसे में मनपा द्वारा जल्द ही शहर में सर्वेक्षण अभियान शुरू करते हुए हर एक संपत्ति का नये सिरे से मूल्यांकन किया जायेगा. साथ ही संपत्ति कर का पुर्ननिर्धारण करने से संबंधित प्रस्ताव मंजूरी हेतु आमसभा में भी रखा जायेगा, ताकि मनपा की आय के स्त्रोत को बढाया जा सके. आयुक्त रोडे के मुताबिक मनपा की आय और आर्थिक स्थिति जितनी अधिक मजबूत होगी, उतनी ही शानदार मुलभूत सुविधाएं शहरवासियों को मिलेगी. यह बात नागरिकों ने समझनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, पहले नये लेआउट पर मकान बनाते समय अनुपातिक तौर पर खाली प्लॉट के लिए अधिकतम 6 वर्ष का टैक्स वसूला जाता था, किंतु अब लेआउट में प्लॉट की बिक्री होने की तिथी से ही टैक्स लगाया जायेगा और संबंधित ग्राहक अथवा ग्राहकोें से पूरी अवधि का टैक्स लिया जायेगा.
-
जल्द होगी कैम्प रोड की दुरूस्ती
इर्विन चौराहे से गर्ल्स हाईस्कुल चौक होते हुए पुराना बियाणी चौक तक जानेवाली सडक इन दिनों जगह-जगह से उखड गई है और सडक में कई स्थानों पर गढ्ढे भी बन गये है. यह शहर के प्रमुख रास्तों में से एक रास्ता है. शहर के संभ्रांत कैम्प परिसर से होकर गुजरनेवाले इस रास्ते पर ही जिलाधीश कार्यालय, जिला सत्र न्यायालय, मुख्य वन संरक्षक, पुलिस अधीक्षक कार्यालय रहने के साथ-साथ खुद मनपा आयुक्त का सरकारी आवास भी है. इस रास्ते की दशा कब सुधरेगी यह सवाल पूछे जाने पर निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, इस रास्ते को पूरी तरह नये सिरे से बनाने हेतु करीब 3 करोड रूपयों की जरूरत है. किंतु फिलहाल मनपा के पास इतना पैसा नहीं है. ऐसे में करीब सवा करोड रूपयों की निविदा जारी करते हुए फिलहाल इस सडक का डामरीकरण किया जायेगा, ताकि आवाजाही में होनेवाली समस्या को खत्म किया जा सके.
-
जल्द होगी भूखंडों की बिक्री
शहर में विभिन्न रिहायशी इलाकों के विकास शुल्क के तौर पर मनपा को प्राप्त भूखंडों की जल्द ही ई-निलामी पध्दति से बिक्री किये जाने की जानकारी देते हुए निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने बताया कि, शहर में मंजूर विभिन्न अभिन्यासों में विकास शुल्क के तौर पर मनपा को हस्तांतरित 10 फीसद भूखंड की कुल संख्या 1 हजार 544 है, लेकिन मनपा के पास अब 304 भूखंड शेष बचे है. जिनकी जल्दी ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की जायेगी. उन्होंने बताया कि, मनपा को हस्तांतरित 1 हजार 544 में से 970 भूखंडों की अब तक बिक्री हो चुकी है. साथ ही 230 भूखंड पीएम आवास योजना के लिए दिये गये है. वहीं शेष 304 भूखंडों में से जिन स्थानों पर 50 फीसद रिहायशी बस्ती है, उन परिसरों के भूखंडों की पहली प्राथमिकता के साथ ई-नीलामी की जायेगी, लेकिन कुल भूखंडों में से 25 फीसद भूखंड मनपा के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और दिव्यांगों के लिए आरक्षित रखे जायेंगे. वहीं अन्य भूखंडों की संबंधित परिसर में जमीन का जो बाजार मूल्य होगा, उसके अनुसार नीलामी के जरिये बिक्री की जायेगी. ऐसे में सरकारी निर्धारित मूल्य की अपेक्षा इन भूखंडों को तीन से चार गुना अधिक दाम मिलेंगे, ऐसी अपेक्षा है. साथ ही जिस परिसर के भूखंड की बिक्री होगी, उस रकम से उसी परिसर में विकास हेतु पैसा खर्च किया जायेगा. इससे संबंधित क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास होगा.