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कैश नहीं, दो वाहनोें के साथ कैश मशीन का सुपुर्दनामा

मामला 3.50 करोड की बरामदगी का

  • रकम के दावे पर 1 अक्तूबर को अंतिम सुनवाई

अमरावती/प्रतिनिधि दि.18 – विगत 27 जुलाई को स्थानीय फरशी स्टॉप चौक परिसर से नाकाबंदी के दौरान राजापेठ थाना पुलिस ने दो स्कार्पिओ वाहनों को पकडा था और इन दोनों वाहनों से करीब साढे तीन करोड रूपयों की नकद राशि बरामद की गई थी. साथ ही कुल 6 लोगों को हिरासत में लिया गया था. जिसके बाद गुजरात के अहमदाबाद निवासी कमलेश शाह नामक कारोबारी व्यक्ति ने अपने वकील एड. मनोज उर्फ अमित मिश्रा के जरिये राजापेठ पुलिस स्टेशन व स्थानीय अदालत के समक्ष पेश होकर इस रकम पर अपना दावा जताया था. साथ ही रकम सहित जप्त किये गये वाहनों के दस्तावेज भी पेश किये थे. इस मामले में कई तारीखों पर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने विगत 16 जुलाई को जारी आदेश में पुलिस द्वारा जप्त किये गये दोनों वाहनों सहित कैश गिनने की मशीन सुपुर्दनामे पर कमलेश शाह को वापिस लौटाने के आदेश दिये थे.
बता दें कि, विगत 16 जुलाई को अदालत का फैसला आते ही कमलेश शाह के वकील एड. मनोज उर्फ अमित मिश्रा द्वारा दैनिक अमरावती मंडल को फोन पर इसकी जानकारी दी गई थी. किंतु ‘मोबाईल लाईन कंजेशन’ के चलते ‘बोलने-सुनने’ में आये व्यवधान की वजह से कैश मशीन शब्द स्पष्ट रूप से सुनने में नहीं आया और भूलवश खबर प्रकाशित हुई थी. अदालत द्वारा कमलेश शाह को 3.50 करोड रूपये की कैश सुपुर्दनामे पर वापिस लौटाने का आदेश अदालत द्वारा दिया गया है. हालांकि उसी खबर में यह भी प्रकाशित हुआ था कि साढे तीन करोड रूपयों की वैधता के बारे में 17 सितंबर को अदालत के समक्ष सुनवाई होगी. जिसमें आयकर विभाग के वकील एड. जलतारे अपना पक्ष रखेंगे. यहां यह ध्यान दिला दें कि, राजापेठ पुलिस द्वारा जप्त की गई 3.50 करोड रूपयों की उक्त धनराशि तबसे लेकर अब तक आयकर विभाग के ही कब्जे में है. वहीं 17 सितंबर को अदालत ने इस धनराशि की वैधता और दावे को लेकर कोई सुनवाई नहीं हो पायी, बल्कि अदालत ने इसके लिए अगली तारीख 1 अक्तूबर को मुकर्रर की है. ऐसे में अब आगामी 1 अक्तूबर को इस मामले को लेकर अंतिम सुनवाई होगी और संभवत: उसी दिन अदालत द्वारा इस रकम की वैधता और दावे को लेकर अपना फैसला भी सुनाया जा सकता है.
बता दें कि, विगत 27 जुलाई को स्थानीय फरशी स्टॉप चौक परिसर से नाकाबंदी के दौरान राजापेठ थाना पुलिस ने दो स्कार्पिओ वाहनों को पकडने के साथ ही दो वाहनों से करीब साढे तीन करोड रूपयों की नकद राशि बरामद की गई थी. साथ ही कुल 6 लोगों को हिरासत में लिया गया था. जिसके बाद यह अनुमान जताया गया था कि, संभवत: यह हवाला रैकेट से संबंधित मामला है. किंतु अगले ही दिन 28 जुलाई को गुजरात के अहमदाबाद निवासी कमलेश शाह नामक व्यक्ति ने खुद राजापेठ थाने में उपस्थित होकर यह रकम अपनी रहने का दावा किया था. इस समय तक राजापेठ थाना पुलिस ने यह मामला अदालत के समक्ष पेश कर दिया था और आरोपी के तौर पर धरे गये सभी 6 लोगों को अदालत के समक्ष पेश किया गया था. जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी. उस समय राजापेठ पुलिस ने दफा 124 के तहत इस मामले की जांच करने हेतु अदालत से अनुमति मांगी थी. जिसके बाद अदालत ने राजापेठ पुलिस को धारा 124 के तहत मामले की जांच करने हेतु अनुमति देने के साथ ही राजापेठ पुलिस को अपना पक्ष रखने यानी ‘से’ दाखिल करने के लिए 4 अगस्त तक मोहलत दी थी. पश्चात 4 अगस्त को राजापेठ थाना पुलिस द्वारा अपना ‘से’ दाखिल करते हुए अदालत को यह भी बताया था कि, चूंकि मामला नकद धनराशि से संबंधित है, तो यह रकम आयकर विभाग के सुपुर्द कर दी गई है. चूंकि उस समय आयकर विभाग के वकील अदालत में उपस्थित नहीं थे. अत: अदालत ने आयकर विभाग को ‘से’ दाखिल करने के लिए 7 अगस्त तक मोहलत दी और 7 अगस्त को आयकर विभाग की ओर से पेश होते हुए एड. जलतारे ने पहली बार ‘से’ दाखिल करने के लिए कुछ और मोहलत मांगी. जिस पर अदालत ने मामले की सुनवाई व ‘से’ दाखिल करने हेतु सोमवार 16 अगस्त की तारीख मुकर्रर की, लेकिन 16 अगस्त को आयकर विभाग के वकील एड. जलतारे ने एक बार फिर ‘से’ दाखिल करने हेतु अतिरिक्त समय मांगा. जिस पर अदालत ने 28 अगस्त की तारीख मुकर्रर की. पश्चात 17 सितंबर को होनेवाली सुनवाई कुछ कारणों के चलते मूल्तवी हो गई और अब इस मामले में संभवत: अंतिम सुनवाई आगामी 1 अक्तूबर को होगी. वहीं इस दौरान गिरफ्तार किये गये आरोपियों को जमानत देने के साथ ही अदालत द्वारा कार्रवाई में जप्त किये गये दोनों वाहनों तथा कैश गिनने की मशीन सुपुर्दनामे पर कमलेश शाह को वापिस लौटाने के आदेश दिये गये है.

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