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विकास व स्वास्थ्य की निधी के साथ कोई समझौता नहीं

डेप्युटी सीएम अजीत पवार का कथन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.८कोरोना की संक्रामक महामारी की वजह से इस बार राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हुई, जिसका सीधा परिणाम राज्य की आय पर हुआ और शुरूआती दौर में कुछ कामों की निधी में कटौती करनी पडी. लेकिन स्वास्थ्य सुविधा, रोजगार एवं महत्वपूर्ण कामों के लिए निधी कम नहीं पडने दी गई और जिलों की मांग के अनुरूप महत्वपूर्ण कामों के लिए हमेशा ही निधी उपलब्ध करायी गयी. यद्यपि राज्य की आय पर कोरोना एवं लॉकडाउन काल का जबर्दस्त असर पडा. किंतु जिला नियोजन के लिए पूर्ण निधी दी गई और विधायक निधी में भी कोई कटौती नहीं की गई, क्योंकि राज्य सरकार ने पहले ही यह तय किया था कि, स्वास्थ्य सुविधाओें एवं विकास संबंधी कामों को लेकर निधी आवंटन में किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जायेगा. इस आशय का प्रतिपादन राज्य के उपमुख्यमंत्री तथा वित्त व नियोजन मंत्री अजीत पवार द्वारा किया गया.
जिला नियोजन समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने हेतु एक दिवसीय दौरे पर अमरावती पहुंचे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने जिलाधीश कार्यालय स्थित नियोजन भवन में संभाग के पांचोें जिलों की जिला नियोजन समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने के बाद यहां पर एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए उपरोक्त प्रतिपादन किया.
उन्होेंने बताया कि, जिला वार्षिक नियोजन से शाला, अंगनवाडी, पीएचसी तथा जिला व उपजिला अस्पतालों जैसी सुविधाओं के लिए पर्याप्त निधी का प्रावधान किया गया है. साथ ही महिला व बालकल्याण हेतु जिला वार्षिक नियोजन से तीन प्रतिशत निधी का प्रावधान किया गया है और आगामी 31 मार्च से पहले इसे लेकर सरकारी निर्णय जारी किया जायेगा. इसी तरह जिला नियोजन समिती में कार्यकारी समिती व उपसमिती स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु आदेश जारी किया गया है. वहीं निधी वितरण व खर्च में सुस्पष्टता रहने हेतु आय पास प्रणाली कार्यान्वित की गई है और प्रत्येक जिले को इसी प्रणाली के तहत जानकारी प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है.
डेप्युटी सीएम अजीत पवार ने बताया कि, राज्य के 6 राजस्व संभागों में बेहतरीन कार्य करने पर हर संभाग से एक-एक जिले का चयन किया जायेगा और उन्हेें प्रोत्साहन के तौर पर 25 से 50 करोड रूपयों की अतिरिक्त निधी दी जायेगी. इस निधी को पुरा विनियोग करने, अखर्चित शेष न रखने तथा अनुसूचित जाति व जनजाति हेतु भी निधी का विनियोग करने हेतु आवश्यक मानक तय किये गये है. सभी जिलोें के बीच स्वास्थ्य स्पर्धा का निर्माण होकर विकास साधा जाये. इस हेतु यह उपक्रम आयोजीत किया जा रहा है.
अमरावती जिले के वार्षिक नियोजन की निधी में वृध्दि किये जाने की जानकारी देने के साथ ही उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि, यवतमाल जिले के लिए 325 करोड, अकोला के लिए 185 करोड, बुलडाणा के लिए 295 करोड तथा वाशिम जिले के लिए 185 करोड रूपयों की वार्षिक नियोजन निधी का प्रावधान किया गया है. साथ ही सौर उर्जा प्रकल्पों को गति मिलने हेतु संस्था के चयन का अधिकार जिलाधिकारी स्तर पर हो, इस हेतु उर्जा मंत्री से बात कर रास्ता निकाला जायेगा. वहीं आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में वनविभाग की अनुमति का अभाव रहने के चलते रास्ते, बिजली व पानी जैसी मुलभूत सुविधाओें के काम लंबे समय तक न अटके रहे. इस हेतु भी सचिव एवं विभागीय आयुक्त के साथ बैठक करते हुए इन समस्याओं को मुख्य वन संरक्षक स्तर पर हल किया जायेगा. इसके साथ ही पगडंडी रास्तों के लिए राज्य स्तर पर निधी दी जायेगी और तालाबों की खुदाई करवाते हुए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे.
डेप्युटी सीएम अजीत पवार के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग में भरती हेतु अनुमति दी गई है. जिससे जहां एक ओर राज्य के सुशिक्षित बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी में अवसर उपलब्ध होगा, वहीं इन दोनोें विभागोें के पास पर्याप्त मनुष्यबल की उपलब्धता होगी और कामकाज गति पकडेगा. उन्होंने बताया कि, कोरोना की वजह से उत्पन्न हुई दिक्कतोें व काम करने के लिए बेहद कम समय उपलब्ध रहने की बात ध्यान में रखते हुए निविदा की कालावधि को कम किया गया है. साथ ही सरकार द्वारा यह भी तय किया गया है कि विद्युत बिलों की वसूली से जो निधी संकलित होगी, उसे उसी जिले के विकास कामों हेतु खर्च किया जायेगा.

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