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लोडशेडिंग नहीं, लोड बढने से ‘ट्रिप’ हो रही बिजली

भीषण गर्मी के चलते ओवर हेडेड व अंडर ग्राउंड तार हो रहे क्षतिग्रस्त

* ‘फॉल्ट’ की दुरुस्ती तक रखना पडता है ‘ब्रेक डाउन’ या ‘शट डाउन’
* तकनीकी सुधार के साथ-साथ मानसून पूर्व कामों का भी ‘लोड’
अमरावती/दि.22 – विगत कुछ समय से शहर में आए दिन बिजली की आंख-मिचौली व लुकाछिपी चल रही है. चूंकि इस समय भीषण गर्मी का दौर चल रहा है. ऐसे में वक्त-बेवक्त और रात-बेरात के समय बिजली गूल हो जाने की वजह से लोगों को गर्मी व उमस के साथ-साथ अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. जिसकी वजह से आम लोगों द्बारा यह सवाल पूछा जाने लगा है कि, कहीं बिजली की कोई किल्लत तो पैदा नहीं हो रही. या अमरावती शहर सहित जिले में कोई लोडशेडिंग तो शुरु नहीं हो गई. बार-बार गूल होती बिजली से संबंधित शिकायतों को ध्यान में रखते हुए दैनिक अमरावती मंडल ने महावितरण के शहरी व ग्रामीण विभाग के कार्यकारी अभियंताओं से जानकारी हेतु संपर्क किया, तो पता चला कि, अमरावती शहर व जिले सहित समूचे राज्य में कोई लोडशेडिंग नहीं चल रही. साथ ही बिजली की उपलब्धता को लेकर कोई किल्लत भी नहीं है. बल्कि गर्मी के मौसम दौरान मांग बढ जाने की वजह से ओवरलोड होने के चलते बिजली बार-बार ट्रिप हो रही है और तेज धूप व तपिश की वजह से बिजली के खंबों पर लगे तार व फ्यूज के साथ-साथ भूमिगत केबल के जरिए डाले गए तार टूटकर या जलकर खराब हो रहे है. ऐसे में इस फाल्ट को दुरुस्त करने तक मजबूरी में कुछ इलाकों में ब्रेक डाउन व शट डाउन करना पडता है.
उल्लेखनीय है कि, विगत 2 दिनों से नांदगांव पेठ रोड स्थित बिजीलैंड, सिटीलैंड व ड्रिम्जलैंड जैसे व्यापारिक संकुलों की बिजली गूल है. ऐसे में इन तीनों व्यापारिक संकुलों के व्यापारियों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. इसी तरह विगत कुछ दिनों से शहर के भी कई इलाकों में किसी भी वक्त बिजली गूल हो जाती है और कई-कई घंटों तक बिजली गूल रहती है. जिसके चलते सभी शहरवासी पसीने-पसीने हो रहे है और महावितरण को लेकर आम लोगों में अच्छा खासा रोश व संताप भी देखा जा रहा है.
इस संदर्भ में महावितरण के शहर कार्यकारी अभियंता आनंद काटकर से संपर्क किए जाने पर उन्होंने बताया कि, फिलहाल कहीं पर भी कोई लोडशेडिंग नहीं चल रही. वहीं इस बार विगत कुछ वर्षों के दौरान सबसे भीषण गर्मी पड रही है और महावितरण के सभी विद्युत पोल व तार खुले आसमान के नीचे ज्यादातर समय धूप में ही रहते है. जिसकी वजह से कई बार तापमान अधिक होने पर विद्युत तारों के ज्वॉईंट में स्पार्किंग होने या तेज हवा व पानी की वजह से तारों के खराब होकर टूटने व गिरने की समस्या सामने आयी है. अमरावती शहर में सब डिविजन और 19 सेंटर है. साथ ही हजारों विद्युत पोल पर सैकडों किमी लंबाई वाले विद्युत तार डाले गए है. जिनमें कहीं न कहीं पर कोई फाल्ट आना बेहद स्वाभाविक है और ऐसे में फाल्ट को दुरुस्त करने तक विद्युत आपूर्ति को बंद रखना ही पडता है. फिर चाहे वह दिन का समय हो, या रात का. बिजली की उपलब्धता के संदर्भ मेें कार्यकारी अभियंता आनंद काटकर का कहना रहा कि, अमरावती शहर में 80 मेगा वैट बिजली की जरुरत पडती है. जबकि 150 मेगावैट बिजली उपलब्ध है, जो जरुरत से काफी अधिक है. परंतु इन दिनों गर्मी का मौसम रहने के चलते बिजली की मांग और प्रयोग में अचानक ही अच्छा खासा इजाफा हुआ है. जिसके चलते कई स्थानों की विद्युत वाहिनियों व फिडर पर लोड बढ जाता है. इसकी वजह से बिजली ट्रिप हो जाती है और सप्लाई रुक जाता है.
वहीं नांदगांव पेठ मार्ग पर स्थित तीनों बडे व्यापारिक संकुलों की विगत दो दिनों से बिजली गुल है. जिसके संदर्भ में महावितरण ग्रामीण विभाग के कार्यकारी अभियंता आलेकर ने बताया कि, नांदगांव पेठ परिसर स्थित व्यापारी संकुलों में विगत कुछ दिनों से अचानक ही बिजली की खपत काफी अधिक बढ गई है. चूंकि इन दिनों भीषण गर्मी पड रही है. ऐसे में अधिकतर व्यापारिक प्रतिष्ठानों में अत्याधिक क्षमता वाले एसी व कुलर का प्रयोग किया जा रहा है. ऐसे में नांदगांव पेठ फिडर पर लोड बढना स्वाभाविक है और इसी वजह से इस फिडर पर बार-बार बिजली ट्रिप हो रही है. इसके अलावा तीनों व्यापारिक संकुलों में भूमिगत तार यानि अंडर ग्राउंड केबल डाले गए है, जो बिजली की खपत और मांग में अचानक ही वृद्धि होने के चलते कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गए है. ऐसे में अब उस फाल्ट को दुरुस्त करने के लिए विद्युत आपूर्ति को बंद रखा गया है. कार्यकारी अभियंता आलेकर के मुताबिक जिस समय यह तीनों मार्केट बने थे, उस समय की तुलना में आज करीब 20 गुना अधिक बिजली का प्रयोग इन तीनों व्यापारिक संकुलों में हो रहा है. ऐसे में जितनी क्षमता वाले विद्युत केबल डाले गए थे, वे नाकाम साबित हो रहे है. ऐसे में समस्या का स्थायी समाधान निकालने के साथ-साथ और अधिक उच्च क्षमता वाले विद्युत केबल डालने का काम चल रहा है.

* केवल हवा-हवाई बातें कर रहे विद्युत अधिकारी
वहीं इस संदर्भ में बिजीलैंड व्यापारी एसो. के अध्यक्ष विजय भूतडा ने महावितरण के अधिकारियों पर लापरवाही व अकार्यक्षमता का आरोप लगाते हुए दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि, विगत 2-3 वर्षों से बिजीलैंड व्यापारिक संकुल में विद्युत सबस्टेशन लगाने की बात चल रही है. चूंकि इस व्यापारिक संकुल में विद्युत वितरण हेतु 12 डीपी लगाई जा चुकी है और 13 वीं डीपी लगाने की नौबत पैदा होते ही नियमानुसार विद्युत सबस्टेशन स्थापित किया जाना चाहिए. जिसके लिए महावितरण के अनुरोध पर बिजीलैंड के संचालक जयराज बजाज ने महावितरण को सबस्टेशन शुरु करने हेतु बिजीलैंड की एक जगह भी उपलब्ध कराई है. लेकिन इसके बावजूद महावितरण की ओर से अब तक विद्युत सबस्टेशन स्थापित करने हेतु कोई पहल नहीं की गई. वहीं विगत 2-3 वर्षों के दौरान महावितरण ने बिजीलैंड में कोई नया विद्युत मीटर भी नहीं दिया. जबकि बिजीलैंड में दुकानें खरीदने वाले कई व्यापारियों के आवेदन महावितरण के पास प्रलंबित पडे है. कई दुकानदारों ने अपनी दुकानों में इलेक्ट्रीक फिटींग और फर्निचर आदि का काम पूरा कर लिया है. लेकिन विद्युत कनेक्शन व मीटर नहीं मिलने के चलते यह लोग अब तक अपनी दुकानें शुरु नहीं कर पाए है. वहीं दूसरी ओर जिनकी दुकानें चल रही है, वे विद्युत आपूर्ति खंडित रहने की वजह से हैरान-परेशान और हलाकान है. इस समस्या का समाधान खोजने की बजाय महावितरण के अधिकारियों द्बारा अपनी गलतियों का ठिकरा बिजीलैंड व्यापारिक संकुल में बिजली की खपत बढने पर फोडा जा रहा है. यदि बिजीलैंड अथवा किसी भी व्यापारिक संकुल में बिजली की खपत बढ रही है, तो इसकी एवज में व्यापारियों द्बारा महावितरण को हर महिने लाखों रुपयों का विद्युत बील भी अदा किया जा रहा है. ऐसे में महावितरण ने बिजली की खपत बढने को कोसने की बजाय विद्युत आपूर्ति हेतु तमाम साधनों व सुविधाओं को चूस्त-दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए.

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