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एक महीने तक लॉकडाउन में कोई छूट न मिले

 पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील का आवाहन

  •  लगातार बढ रहे मरीजों व हो रही मौतों पर जतायी अपनी चिंता

  •  मौजूदा व्यवस्था को ही एक माह तक जारी रखने की बतायी जरूरत

अमरावती/प्रतिनिधि दि.10 – विगत सवा माह के दौरान अमरावती जिले में करीब 18 हजार नये कोविड संक्रमित पाये जा चुके हैं और लगभग डेढ सौ संक्रमितों की मौत हो चुकी है. यह अपने आप में बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति है, जिसे व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, प्रशासन द्वारा लॉकडाउन में छूट देते हुए जो व्यवस्था की गई है, उसे आगामी एक माह तक कायम रखा जाये, ताकि कोविड संक्रमण की चेन को तोडते हुए लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सके. इस आशय का आवाहन पूर्व जिला पालकमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील द्वारा किया गया.
मौजूदा हालात पर अपनी चिंता जताते हुए पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने कहा कि, विगत कई दिनों से हिंदू स्मशान भूमि में चौबीसों घंटे अनेकों चिताएं जल रही हैं. किसी के घर में प्रमुख कर्ता पुरूष की मौत हुई है, तो किसी के बुढापे का सहारा कोरोना की भेंट चढ गया है. ऐसे परिवारों के दुख-दर्द और तकलीफों को भी समझा जाना चाहिए. इससे पहले किसी के परिवार में मौत होने पर आसपडोस के लोगबाग और रिश्तेदार कम से कम अगले तीन-चार दिन तक रोने के लिए आते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण काल के दौरान लोग मौत पर अफसोस जताने और रोने के लिए भी नहीं आते. साथ ही जिस घर में कर्ता-धर्ता पुरूष ेकी असमय मौत हो जाती है, वह पूरा परिवार बेसहारा हो जाता है. ऐसी तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए हम सभी की यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि कुछ समय के लिए अपने व्यापार-व्यवसाय व फायदे की बात को परे रखते हुए सभी लोगों को सुरक्षित रखने के बारे में सोचा जाये.
अपनी तमाम चिंताओं को जाहीर करने के साथ ही पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने कहा कि, प्रशासन द्वारा लॉकडाउन को खोलने के लिए फिलहाल जो व्यवस्था की गई है, वह अपने आप में बिल्कुल सही है. आगामी एक माह तक सभी दुकाने सुबह 11 से दोपहर 4 बजे तक ही खुली रहें और सभी दुकानोें में त्रिसूत्री के नियमों का कडाई के साथ पालन हो. इसके साथ ही हालात पूरी तरह नियंत्रित होने पर होटल व रेस्टॉरेंट बिल्कुल भी न खोले जायें, बल्कि इसके बजाय शाम 5-6 बजे तक पार्सल की सुविधा ही उपलब्ध हो. इसके अलावा आगामी एक माह तक मंगल कार्यालयोें व लॉन में शादी-ब्याह समारोह आयोजित करने की छूट भी न दी जाये तथा घर परिवार में 20 लोगों की उपस्थिति में ही विवाह समारोह आयोजित किये जाये.
इन तमाम बातों को बेहद जरूरी बताते हुए पूर्व पालकमंत्री पोटे ने कहा कि, विगत दिसंबर व जनवरी माह में जैसे ही हालात कुछ नियंत्रित होने लगे थे, वैसे ही कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों को लेकर काफी हद तक लापरवाही देखी जाने लगी थी और बाजारों, होटलों व शादी-ब्याह समारोहों में बिना मास्क लगाये लोगों की अच्छीखासी भीडभाड देखी जाने लगी, जिसका परिणाम कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के रूप में सामने आया. इससे सभी को सबक लेना चाहिए और कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का कडाई के साथ पालन करना चाहिए. साथ ही प्रशासन ने भी कम से कम एक माह तक कडे प्रतिबंधों को लागू रखना चाहिए.
पूर्व जिला पालकमंत्री प्रवीण पोटे के मुताबिक अब देखते ही देखते कोविड संक्रमण की समस्या से जूझते हुए एक वर्ष पूरा होने जा रहा है. इस दौरान तमाम प्रतिबंधात्मक कदम उठाये जाने के बावजूद इस महामारी को खत्म नहीं किया जा सका है. इससे पहले हमारे पास इलाज की समूचित व्यवस्था और महामारी के खिलाफ प्रतिबंधात्मक वैक्सीन उपलब्ध नहीं थी. लेकिन आज जहां एक ओर सरकार व प्रशासन द्वारा तमाम जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कोविड अस्पतालों को वेंटिलेटर, आयसीयू व ऑक्सिजन बेड से सुसज्ज किया गया है, वहीं हमारे वैज्ञानिकों ने कोविड संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन भी खोज निकाली है. ऐसे में जब तक हर एक व्यक्ति को कोविड वैक्सीन का टीका नहीें लग जाता, तब तक सभी ने अपनी-अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए प्रतिबंधात्मक नियमों व उपायों का पालन करना चाहिए, क्योेंकि यह बीमारी और इससे होनेवाली मौत उंच-नीच व जाति-धर्म का फर्क नहीं देखती तथा कोई भी व्यक्ति इस संक्रमण का शिकार होकर काल-कलवित हो सकता है. ऐसे में सभी को चाहिए कि, वे कम से कम अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखे, तभी हर कोई सुरक्षित रह पायेगा, अन्यथा स्मशान घाट में जलनेवाली चिताओं की आग यूं ही चौबीसों घंटे जलती रहेगीे और इसमें कई जिंदगियों के साथ-साथ परिवार के परिवार की खुशियां जलकर खाक होती रहेंगी.

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