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शहर में स्ट्रक्चरल ऑडिट को नो रिस्पॉन्स

  • कई जर्जर इमारतें गिरने की कगार पर

  • बारिश में इमारतों के गिरने का अधिक खतरा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३१ – स्थानीय मनपा(MANAPA AMRAVATI) क्षेत्र में तीस वर्ष से अधिक पुरानी इमारतों का स्ट्र्नचरल ऑडिट करने का निर्देश मनपा प्रशासन द्वारा दिया गया है. किंतु इन इमारतों के मालिकों अथवा भोगवटदारों द्वारा इस ओर कतई ध्यान नहीं दिया जा रहा. ऐसे में मनपा प्रशासन द्वारा चेतावनी दी गई है कि, यदि ऐसी इमारतों की वजह से किसी भी तरह की जनहानी या वित्तीय हानी होती है तो उसके लिए संबंधित इमारत के मालिक अथवा भोगवटदार को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ दंड व कार्रवाई की प्रक्रिया की जायेगी. बता दें कि, विगत दिनों अमरावती मनपा क्षेत्र के जयस्तंभ चौक परिसर में गांधी मार्केट का एक हिस्सा ढह गया था. वहीं अब महाड परिसर में एक पांच मंजिला इमारत ढहकर गिर गयी. जिसमें जनहानी भी हुई है. ऐसे में अब जीर्ण-शीर्ण हो चुकी जर्जर इमारतों के विषय को लेकर मनपा प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जा रहा है.
ज्ञात रहें कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में सर्वाधिक पुरानी व जीर्ण-शीर्ण इमारतें झोन क्रमांक २ व झोन क्रमांक ५ में है. मनपा क्षेत्र अंतर्गत महाराष्ट्र महानगर पालिका अधिनियम की धारा २३५ (अ) के मुताबिक जीन इमारतों को बने हुए तीस वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, ऐसी सभी व्यवसायिक व निवासी इमारतों का स्ट्र्नचरल ऑडिट किया जाना बेहद जरूरी है. qकतु अमूमन लोगबाग ऐसा कोई ऑडिट नहीं करवाते है, और इसकी रिपोर्ट भी मनपा के पास पेश नहीं करते है. वहीं दूसरी ओर मनपा प्रशासन द्वारा भी खुद होकर ऐसी इमारतों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता. जानकारी के मुताबिक अमरावती मनपा के झोन क्रमांक २ अंतर्गत ७९ इमारतों को खतरनाक मानते हुए उन्हें दुरूस्त अथवा गिराने के संदर्भ में नोटीस जारी की गई है. लेकिन अब तक नोटीस से आगे कोई कदम नहीं उठाया गया. जबकि स्ट्र्नचरल ऑडिट कराने को लेकर इमारत मालिकोें व भोगवटदारों ने भी कोई खास रूचि नहीं दिखाई है.

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