महाराष्ट्र बंद को अमरावती शहर में ‘नो रिस्पॉन्स’
लखीमपुर घटना के विरोध में था बंद
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नेता आये राजकमल चौक पर, धरना दिया, घुमे-फिरे और चले गये
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शहर में कहीं पर भी बंद का नहीं दिखा असर
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तमाम व्यापारिक प्रतिष्ठान सुबह से ही खुले रहे
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फ्लॉप शो साबित हुआ अमरावती बंद
अमरावती/प्रतिनिधि दि.११ – यूपी के लखीमपुर खिरी में हुई घटना को लेकर राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में शामिल कांग्रेस, राकांपा व शिवसेना इन तीन राजनीतिक दलों द्वारा आहूत किये गये महाराष्ट्र बंद को अमरावती शहर में नहीं के बराबर रिस्पॉन्स मिला. शहर बंद कराने के लिए सोमवार की सुबह तीनों दलों के नेता एवं उनके समर्थक स्थानीय राजकमल चौराहे पर जुटे. जहां पर धरना प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार विरोधी नारेबाजी की गई. जिसके बाद कुछ नेता अपने समर्थकों के साथ शहर के व्यापारिक क्षेत्रों में घुमे-फिरे और वहां से चलते बने. किंतु शहर बंद नहीं हुआ. ऐसे में कहा जा सकता है कि, इस महाराष्ट्र बंद को अमरावती शहर में कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला और अलग-अलग दलों के नेताओं के बीच आपसी समन्वय का अभाव रहने के चलते बंद का आयोजन पूरी तरह से फ्लॉप शो साबित हो गया.
बता दें कि, विगत दिनों लखीमपुर खिरी में रास्ते पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों के जमघट में एक भाजपा नेता की कार जा घुसी थी. जिसमें दो किसानों की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं संतप्त किसानों की भीड ने कार में सवार चार लोगों सहित मौके पर उपस्थित एक पत्रकार की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद इस घटना को लेकर समूचे देश में तीव्र रोष व संताप की लहर दौड गई तथा इस घटना का निषेध करने हेतु केंद्र की मोदी सरकार व युपी की योगी सरकार के खिलाफ महाराष्ट्र की सत्ता में शामिल तीनों दलों ने महाराष्ट्र बंद का आवाहन किया था. किंतु इस बंद को अमरावती शहरवासियों की ओर से कोई प्रतिसाद नहीं मिला तथा सोमवार की सुबह से ही शहर के तमाम व्यापारिक प्रतिष्ठान खुलने शुरू हो गये और हमेशा की तरह पूरा दिन खुले रहे. ऐसे में इस बंद को अमरावती शहर में पूरी तरह से असफल कहा जा रहा है.
वहीं जिले के ग्रामीण इलाकों में इस बंद का आंशिक असर देखा गया तथा किसानों से सीधा वास्ता रखनेवाली कृषि उत्पन्न बाजार समिती के कामकाज को आज पूरा दिन बंद रखा गया. मंडी सभापति अशोक दहीकर के मुताबिक महाराष्ट्र बंद के दौरान कोई भी किसान अपनी उपज लेकर मंडी में नहीं आनेवाला था. साथ ही माल ढुलाई का काम भी पूरी तरह से बंद था. ऐसे में सोमवार को मंडी के कामकाज को बंद ही रखने का निर्णय लिया गया.