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बच्चू के बुलावे पर टाउन हॉल जाने जितनी फुरसत नहीं

50 खोके जैसे मामले के सबूत नहीं होते

  • भविष्य में बेलोरा गांव दत्तक लूंगा-रवि राणा का रुख नरम

  • सबूत देने की जरुरत नहीं, चेतावनी की भाषा सहन नहीं

  • मेरे पास क्या राज्य के अनेक नेताओं के पास सबूत है बच्चू कडू के बारे में

अमरावती/दि.25 – जिले में वर्तमान में अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बच्चू कडू और बडनेरा के विधायक रवि राणा के बीच जोरदार आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. दोनों हर दिन एकदूसरे पर कीचड उछाल रहे हैं. कडू द्वारा राजापेठ थाने में शिकायत दर्ज करने के बाद उन्होंने चुनौती देते हुए राणा से कहा है कि यदि खोके के बारे में उनके पास सबूत है तो वह 1 नवंबर को दोपहर 12 से चार घंटे तक दिए हुए समय पर सबूत पेश करें. लेकिन राणा ने अमरावती मंडल से बातचीत में रक्षात्मक रुख अपना लिया और उनकी भाषा भी नरम पड गई. चर्चा है कि, खोके का विषय राज्यस्तर का हो जाने के कारण और ऊपर से मिली सलाह के कारण राणा के रुख में नरमी आयी है. राणा ने अमरावती मंडल से बातचीत में बताया कि यह बच्चू कडू को पता है कि ऐसे मामलो के सबूत नहीं होते, वह छोटे बच्चो के जैसी बात कर रहे हैं. मुझे सबूत देने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन चुनौती की भाषा बोलना बंद कर दें. सबूत मेरे पास क्या राज्य के अनेक नेताओं के पास उनके बारे में सबूत हैं. दीपावली निमित्त एक ही सलाह है कि विकास की दृष्टि से काम करें. इस बीच खबर है कि, मुख्यमंत्री शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने सरकार समर्थक दोनों ही विधायक राणा और कडू को संयम बरतने की सलाह दी है. 50 खोके का विषय राज्य सरकार की किरकिरी करा सकता है. इसलिए सलाह दिये जाने का भी जानकारों का अनुमान है.
विधायक बच्चू कडू द्वारा पिछले दिनों किराणा वितरण पर से अप्रत्यक्ष रुप से रवि राणा पर निशाना साधा था. इस वक्तव्य को लेकर रवि राणा ने कडू के खिलाफ वक्तव्य करते हुए कहा था कि कडू डिप्रेशन में गए व्यक्ति हैं, वह नौटंकीबाज भी हैं, जब भी वह कोई आवाज उठाते हैं तो वह किसलिए रहती है यह सभी को पता है. गुवाहाटी में भी जाकर खोके लिए आदि जैसे अनेक गंभीर आरोप किए गए. तब कडू ने रविवार को राजापेठ थाना पहुंचकर रवि राणा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई और पश्चात चुनौती देते हुए कहा कि यदि राणा के पास इस मामले में कोई सबूत है तो वह आगामी 1 नवंबर को दोपहर 12 से 4 बजे तक टाउन हॉल में लाकर दें. एक सबूत भी सही साबित हुआ तो वह राणा के घर बर्तन घसेंगे अन्यथा उसे हिजडा घोषित करेंगे. कडू द्वारा दी गई इस चुनौती के बाद मंगलवार को विधायक रवि राणा से उनके शंकरनगर स्थित गंगा-सावित्री बंगले पर प्रत्यक्ष मुलाकात कर बातचीत की गई तब उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत किसी से दुश्मनी नहीं है. लेकिन मेरे साथ वह पंगा न लें. कडू के बारे में सबूत देने की आवश्यकता नहीं है. सबूत मेरे पास क्या राज्य के अनेक नेताओं के पास उनके बारे में सबूत हैं. सबूत किस बात का दिया जाता है वह कडू को पता है. छोटे बच्चो जैसी बात वह न करें, मुझे इस बात (सबूत देने ) की आवश्यकता नहीं है.
बच्चू कडू ने जिस निर्वाचन क्षेत्र से वह अब तक निर्वाचित होकर आते रहे वहां क्या किया? कोरोनाकाल में वह गायब रहे, नाटक करते हुए दो दफा कोरोना के नाम पर क्वारेंटाइन हो गए. लेकिन हम लोग उस समय सडकों पर थे. जितने भी आंदोलन किए वह क्यों किए, सभी को पता है. कडू जो भी आंदोलन करते हैं, वह केवल दिखावें रहते हैं. हम (रवि राणा) किसानों के लिए आंदोलन के लिए चार दफा जेल गए. राज्य में उद्धव ठाकरे की महाविकास आघाडी सरकार ढ़ाई वर्ष थी तब कडू उस सरकार में थे. तब मेलघाट के कुपोषण, विकास सहित अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के विकास को लेकर कहा गया था कि वह उद्धव ठाकरे को एक बार अपने निर्वाचन क्षेत्र में बुलाकर वहां की व्यथा सुनाए वह (राणा) उसका जाहीर सत्कार करेंगे, लेकिन वह ठाकरे को नहीं ला सकें. वह केवल मंत्री पद का मलीदा खाने के लिए ठाकरे के साथ थे. कडू को जनता अथवा किसी से कोई लेना-देना नहीं है. कोरोनाकाल में राणा दंपति ने ही अचलपुर में ऑक्सीजन प्लांट लाया था. ऐसी अनेक बातें है. वह कडू को बताने की आवश्यकता नहीं है. वह खुद जानते हैं. मेरी उनसे व्यक्तिगत दुश्मनी अथवा कोई मतभेद नहीं है. लेकिन बडी बातें करना, चुनौती देना, अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल, गालियां देना बंद करें. हिजडा कौन और मर्द कौन? यह मैदान में आना चाहे तो वह भी हो सकता है. किसी को दम (चुनौती) देना अलग बात है. फिर भी वह जैसा चाहेंगे वैसा हम करारा जवाब दे सकते हैं. लेकिन विवाद आगे बढ़ाने की बजाए मैं उन्हें दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और सलाह देता हूं कि वर्तमान में राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार अच्छी है. काम काफी अच्छे चल रहे हैं. जिले के नुकसानग्रस्त किसानों को 533 करोड रुपए दिए गए. इसी तरह जिले के जो विकास काम करने हैं वह गुंडागर्दी अथवा दादागीरी की भाषा बोलने की बजाए मिलकर काम करने चाहिए.

सभी से सम्मान से बात करें

विधायक रवि राणा ने कहा कि वह और बच्चू कडू दोनों राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार के साथ हैं. लेकिन कोई कुछ बोलेगा, अपमानित करेगा, गाली बकेगा तो बर्दाश्त नहीं होगा. कडू कहीं का नहीं अपने क्षेत्र का काम करें. उनके मूल गांव बेलोरा में अनेक समस्या है. वहां अब तक क्या किया? भविष्य में बेलोरा गांव मैं दत्तक लेकर वहां की हर समस्या का निवारण करूंगा और सभी को किराणा भी बाटूंगा. कडू केवल भाषा का इस्तेमाल अच्छा करें और बेवजह नौटंकी बंद कर सभी का सम्मान करें.

हमारे पास बर्तनवाले काफी हैं

विधायक बच्चू कडू ने उन पर किए गए आरोप को लेकर सबूत पेश करने की रवि राणा को चुनौती देते हुए कहा था कि यदि एक भी सबूत उनके विरोध में सही साबित हुए तो वह राणा के घर जाकर बर्तन साफ करेंगे. इस बाबत विधायक रवि राणा का कहना है कि कडू के खाने के दांत अलग और दिखाने के दांत अलग हैं. उन्हें वह नाखून से सिर के बाल तक पहचानते हैं, उनके पास बर्तन साफ करने वाले काफी लोग है. लेकिन उन सभी का वह सम्मान करते हैं और हर वर्ष उन्हें भी सम्मान के साथ किराणा देते हैं.

टाउन हॉल नहीं जाएंगे राणा

रवि राणा ने कहा कि कडू ने उन्हें जो सबूत पेश करने की चुनौती दी है और टाउन हॉल आने कहा है तो मुझे वहां जाने की आवश्यकता नहीं है. मेरा कडू से मतभेद, द्वेष अथवा झगडा नहीं है. हम भडकाऊ वक्तव्य करने वाले लोग नहीं बल्कि संतों के विचारों पर चलनेवाले लोग हैं. मैं उन्हें (कडू को) दीपावली की शुभकामनाएं देता हूं. आगे जो काम करना है वह मिलकर किए जा सकते हैं.

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