* 1.14 करोड रुपए का है बकाया
* मंडी ने साढे 66 लाख की वसूली हेतु दी है नोटीस
अमरावती/दि.3 – स्थानीय फसल मंडी के आगामी 28 अप्रैल को होने जा रहे चुनाव के नामांकन प्रक्रिया का आज आखरी दिन था और नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन हमेशा ही विवादों के घेरे में रहने वाले परमानंद अग्रवाल ने भी अडत खरीददार निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन पेश कर दिया. हालांकि नियमानुसार परमानंद अग्रवाल द्बारा अपने नामांकन के साथ मंडी प्रशासन की ओर से दी जाने वाली एनओसी नहीं जोडी गई है. ऐसे में अब सभी की निगाहे इस बात की ओर लगी हुई है कि, क्या आगामी 6 अप्रैल तक नामांकनों की जांच पडताल जारी रहने के दौरान जिला उपनिबंधक द्बारा परमानंद अग्रवाल को एनओसी पेश करने की अनुमति दी जाती है. या फिर नामांकन दायर करते समय एनओसी नहीं रहने की वजह को सामने करते हुए परमानंद अग्रवाल के नामांकन को खारिज किया जाता है.
बता दें कि, सिंघानीया ट्रेडिंग फर्म व सिंघानिया ऑइल एण्ड दालमिल नामक फर्म के जरिए कृषि उपज मंडी में खरीदी-विक्र की व्यवसाय करने वाले परमानंद अग्रवाल पर इससे पहले कई बार सेस चोरी के आरोप लगे है और उन पर 66.50 लाख रुपए के सेस का बकाया निकाला गया है. जिस पर मंडी प्रशासन ने करीब 48 लाख रुपए का ब्याज भी लगाया है. ऐसे में परमानंद अग्रवाल की ओर कुल 1 करोड 14 लाख रुपए का भुगतान बकाया है. ऐसे में मंडी प्रशासन द्बारा परमानंद अग्रवाल को यह भुगतान अदा करने हेतु नोटीस जारी की गई है. वहीं परमानंद अग्रवाल फसल मंडी के संचालक पद का चुनाव भी लडना चाहते है. जिसके लिए उन्हें मंडी प्रशासन से एनओसी लेना जरुरी है और जब तक परमानंद अग्रवाल द्बारा बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक मंडी प्रशासन द्बारा एनओसी नहीं देने की भूमिका अपनाई गई है. ऐसे में आज परमानंद अग्रवाल ने नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया. लेकिन इस नामांकन के साथ अनिवार्य तौर पर जोडा जाने वाला मंडी प्रशासन का नाहरकत प्रमाणपत्र नहीं जोडा गया है. ऐसे में परमानंद अग्रवाल की दावेदारी पर संदेह के बादल मंडरा रहे है और सभी की निगाहे अब इस बात की ओर लगी हुई है कि, 6 अप्रैल को सभी नामांकनों की जांच पडताल के बाद जारी की जाने वाली प्रत्याशियों की सूची में परमानंद अग्रवाल का नाम शामिल होता है अथवा नहीं.