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दंगे और उत्पात का एक भी दोषी बख्शा नहीं जायेगा

जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर का खुला ऐलान

  • दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष साक्षात्कार

  • नागरिकों से अमरावती के सौहार्द व भाईचारे को बनाये रखने की अपील भी की

अमरावती/दि.16 – विगत शुक्रवार व शनिवार को अमरावती शहर में रजा अकादमी व भाजपा के आवाहन पर निकाले गये मोर्चे और किये गये आंदोलन के दौरान जो भी हिंसा, तोडफोड, पथराव, आगजनी व लूटपाट की घटनाएं हुई है, उसमें शामिल एक भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा और उनके खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई की जायेगी. इस आशय का खुला ऐलान जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा किया गया. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, जांच व कार्रवाई के नाम पर किसी भी निर्दोष को प्रताडना का शिकार नहीं होने दिया जायेगा.
स्थानीय सरकारी विश्रामगृह में दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने उपरोक्त प्रतिपादन किया. विगत शुक्रवार व शनिवार को पैदा हुए दंगा सदृश्य हालात के बारे में बातचीत करते हुए पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, शुक्रवार को जिस समय रजा अकादमी द्वारा निकाले गये मोर्चे के बाद तोडफोड व लूटपाट की घटना घटित हुई, उसकी जानकारी मिलते ही वे तुरंत मुंबई से निकलकर अमरावती पहुंची. चूंकि उस समय जिलाधीश पवनीत कौर तथा शहर पुलिस आयुक्त आरती सिंह अमरावती में उपलब्ध नहीं थे. अत: खुद उन्होंने पूरी कमान अपने हाथ में लेकर पुलिस एवं प्रशासन के साथ मिलकर हालात का जायजा लिया और इसके बाद अगले करीब 100 घंटे तक वे जिलाधीश कार्यालय व सर्किट हाउस में ही डेरा जमाये रही.

पहले दिन गलत हुआ, दूसरे दिन बहुत गलत हुआ

इस बातचीत के दौरान पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, पहले दिन शुक्रवार को रजा अकादमी के आवाहन पर निकाले गये मोर्चे के दौरान जो कुछ भी हुआ वह निश्चित तौर पर गलत था. किंतु इसके जवाब में दूसरे दिन शनिवार को भाजपा सहित अन्य संगठनों के आवाहन पर जो कुछ किया गया, वह उससे भी अधिक गलत था. इस समय पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने खुले तौर पर यह स्वीकार किया कि, शुक्रवार व शनिवार को निकाले गये मोर्चे को स्थानीय प्रशासन काफी हद तक अंडर इस्टिमेट कर गया. उन्होंने इस बात को लेकर हैरत भी जताई की शुक्रवार को प्रशासन की अनुमति के बिना कई हजार लोगों का हुजूम एक जगह इकठ्ठा होकर कलेक्ट्रेट की ओर आगे बढा. जिसकी जानकारी पुलिस महकमे को पहले से नहीं थी. यह अपने आप में आश्चर्य के साथ ही चिंता का विषय है. यदि उस समय पुलिस द्वारा समय रहते इस मोर्चे को रोक दिया जाता, तो अगली तमाम घटनाओं को टाला जा सकता था. इसी तरह जब शुक्रवार की शाम ही भाजपा द्वारा अगले दिन बंद व प्रदर्शन का ऐलान किया गया, तो शनिवार की सुबह से बेहद कडे प्रतिबंधात्मक कदम उठा लिये जाने चाहिए थे. जिस तरह अगले दिन यानी रविवार को सुबह से जिले के सभी ग्रामीण इलाकों में एहतियातन संचारबंदी लागू की गई, ठीक उसी तरह यदि शनिवार की सुबह से शहर में ऐहतियाती कदम उठाये जाते, तो हिंसा व तोडफोड को टाला जा सकता था.

किसी को दोष देकर फायदा नहीं, साथ मिलकर राह निकालनी होगी

इस बातचीत में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, अमरावती वाकई एक अमन-पसंद व शांतिप्रिय शहर है और यहां पर सभी जाति-धर्मों के लोग एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहते है. ऐसे में जो कुछ हुआ, उसके लिए किसी को भी दोष देने से कोई फायदा नहीं. बल्कि सभी को चाहिए कि वे एक बार फिर पहले की तरह साथ मिल-जुलकर रहे और पुरानी बातों को भुलाकर आगे बढे. पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के मुताबिक कोई भी समाज या व्यक्ति अपने आप में बुरा नहीं होता, बल्कि की कुछ लोग उन्हें अपने फायदे के लिए भडकाकर और उकसाकर बुरा बनाते है. अमरावती में जो कुछ हुआ, वह एक तरह से महाराष्ट्र को भडकाने की साजीश थी, ताकि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को अस्थिर किया जा सके. इस साजीश के पीछे कौन लोग हैं, यह अभी पता नहीं चल पाया है. किंतु जल्द ही उन चेहरों को बेनकाब किया जायेगा.

नवाब मलिक एक जिम्मेदार नेता, हवा-हवाई बात नहीं करते

गत रोज राज्य सरकार में मंत्री रहनेवाले नवाब मलिक द्वारा राज्य के पूर्व कृषि मंत्री व भाजपा नेता डॉ. अनिल बोंडे का नाम लेकर आरोप लगाया गया कि, डॉ. बोंडे ने अमरावती में दंगा भडकाने की साजीश रचते हुए यहां के एक विधायक के जरिये दंगाईयों में पैसे व शराब बांटी, इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, फिलहाल उनकी इस विषय को लेकर नवाब मलिक से कोई बातचीत नहीं हुई है. किंतु जहां तक वे नवाब मलिक को जानती है, तो नवाब मलिक अपने आप में एक बेहद धीर-गंभीर व जिम्मेदार नेता है और कभी भी बेसिरपैर की कोई हवा-हवाई बात नहीं करते है. हो सकता है कि, इस बारे में नवाब मलिक के पास कोई पुख्ता सबूत है, तभी उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ किसी का नाम लेकर आरोप लगाया है.

गडकरी व फडणवीस से किया लगातार संपर्क

इस बातचीत में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, जब अमरावती में हालात लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे थे और भाजपा के स्थानीय नेताओं द्वारा भडकाऊ बयान दिये जा रहे थे, तब उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस से फोन पर कई बार बातचीत की और भाजपा के स्थानीय नेताओं को भडकाउ बयान देने से मना करने हेतु कहा. जिसे भाजपा के दोनों वरिष्ठ नेताओं की ओर से सकारात्मक प्रतिसाद भी मिला. साथ ही पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, बहुत जल्द वे इस स्थानीय नेताओं की एक सर्वदलीय व सर्वपक्षिय बैठक बुलानेवाली है. जिसमें सभी से शहर के हालात को पहले की तरह सामान्य करने हेतु प्रयास करने कहा जायेगा.

शांति रहेगी, तभी औद्योगिक व व्यवसायिक विकास होगा

पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के मुताबिक विगत कई वर्षों से किये जा रहे प्रयासों तथा अथक परिश्रम के बाद अब कहीं जाकर नांदगांव पेठ की एमआयडीसी अपने सही रूप में साकार हुई है. यहां पर एक-एक औद्योगिक इकाई को बुलाने, निवेश हेतु तैयार करने तथा एमओयू करार करने के लिए लंबा व कडा परिश्रम करना पडता है. यदि शहर में छोटी-छोटी बातों को लेकर ऐसे ही उन्माद व उत्पातवाले हालात पैदा होते रहेंगे, तो भविष्य कोई भी उद्योग समूह यहां पर निवेश नहीं करना चाहेगा. अत: उद्योग समूहों व औद्योगिक इकाईयों को सुरक्षित वातावरण देने हेतु शहर सहित जिले का सामाजिक वातावरण शांत रहना बेहद जरूरी है.

कल सुबह होगा कर्फ्यू हटाने को लेकर निर्णय

विगत शनिवार की दोपहर 2 बजे से लागू किये गये कर्फ्यू को हटाये जाने के संदर्भ में पूछे गये सवाल को जवाब देते हुए पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, शहर में किसी तरह की कोई अफवाह न फैले और अफवाहों की वजह से हालात एक बार फिर तनावपूर्ण न हो, इस बात के मद्देनजर शहर में कर्फ्यू लागू करने के साथ-साथ इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया. लेकिन चूंकि फोन कॉल शुरू है, अत: कुछ लोग फोन कॉल करते हुए बेसिरपैर की तनावपूर्ण बातें व अफवाहें फैलाने से बाज नहीं आ रहे. ऐसी ही एक घटना बीती रात घटित हुई, जब फोन कॉल के जरिये अफवाह फैलाने का प्रयास किया गया. यदि ऐसे ही चलता रहा, तो कर्फ्यू लंबा चल सकता है. लेकिन यदि आज की रात सबकुछ ऑलवेल रहा, तो कल सुबह प्रशासन व पुलिस महकमे के साथ चर्चा करते हुए कर्फ्यू हटाने या कर्फ्यू को शिथिल करने के बारे में कोई निर्णय लिया जायेगा.

अपनी अमरावती बहुत प्यारी है, संभालना जरूरी

इस बातचीत के दौरान काफी हद तक भावनात्मक होते हुए पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, अपना अमरावती शहर बेहद प्यारा व सुंदर शहर है. इसकी सुंदरता और खासियत को बचाये रखने हेतु यहां के हर एक नागरिक को साथ मिल-जुलकर प्रयास करना होगा. शहर के सभी नागरिकों को चाहिए कि, वे अपने-अपने परिसर में शांति बनाये रखने का पूरा प्रयास करे. इस समय पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा संचालित हेल्पलाईन के काम की सराहना करते हुए कहा कि, हेल्पलाईन के सदस्य पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर शहर के सभी संवेदनशील इलाकों का दौरा कर रहे है और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की जा रही है.

‘उन’ लोगों के पास बकवास व बेवकूफी के अलावा कुछ नहीं

अमरावती में घटित हिंसक वारदातों को देखते हुए कई लोगोें द्वारा पालकमंत्री यशोमति ठाकुर से नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा दिये जाने मांग की जा रही है. इस बारे में सवाल पूछे जाने पर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, कुछ लोगों के पास बकवास व बेवकूफी करने के अलावा अन्य कोई काम नहीं है. पहले उन लोगोें ने खुद होकर शहर को आग व हिंसा के हवाले किया और अब वे हमें नैतिकता सिखा रहे है, जबकि हमने शहर को जलने से बचाते हुए शहरवासियों को सुरक्षित रखने का काम किया और अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह से निर्वहन किया. अत: पद से इस्तीफा देने का तो सवाल ही नहीं उठता.

चाहे कोई भी हो, दोषी पाये जाने पर नहीं बख्शा जायेगा

विगत शनिवार को राजकमल चौक पर हुई तोडफोड में भाजपा व अन्य संगठनों के साथ-साथ शिवसेना के भी कई लोग शामिल थे, जबकि इस समय राज्य की सरकार में खुद शिवसेना भी शामिल है और मुख्यमंत्री भी शिवसेना से ही है. ऐसे में क्या उन शिवसैनिकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी, इस सवाल पर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने एक बार फिर दोहराया कि, विगत शुक्रवार व शनिवार को हुई हिंसक वारदातों में संलिप्त पाया जानेवाला व्यक्ति चाहे किसी भी दल अथवा संगठन से वास्ता रखता हो, उसे कतई बख्शा नहीं जायेगा और उनके खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई की जायेगी.

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