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जुर्माना अदा नहीं करने पर वाहनों और जानवरों का सुपुर्दनामा भी नहीं

जानवरोें की तस्करी मामले में नागपुर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

नागपुर/दि.12– जानवरों की अवैध ढुलाईवाले मामलों में बरामद किये गये जानवरों को प्रिवेंशन एन्ड केयर टू एनिमल्स एक्ट 2017 की धारा 5 (1) के तहत किसी नजदिकी गौशाला में दिया जाना चाहिए. इसके बाद यदि तीन दिन के भीतर कोर्ट के आदेशानुसार संबंधित वाहन चालक व मालिक द्वारा गोशाला को प्रति जानवर 200 रूपये का पोषण खर्च अदा नहीं किया जाता है, तो यह रकम जमा कराये जाने तक संबंधित व्यक्ति को उसके जानवरों व वाहन का सुपुर्दनामा नहीं दिया जायेगा. इस आशय का आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा सुनाया गया है.
बता देें कि, मोहम्मद राजीक मोहम्मद अकील नामक व्यक्ति के टाटा ट्रक क्रमांक एमएच-22/एन-0750 को वर्ष 2021 में यवतमाल जिले की पुसद तहसील अंतर्गत खंडाला पुलिस द्वारा पूछताछ हेतु रूकवाया गया था. जिसमें 16 बैल व 3 बछडे बरामद किये गये थे. इसे जानवरों की तस्करी का मामला मानते हुए पुलिस ने सभी जानवरों को देखभाल व पोषण हेतु नजदिकी गौशाला के सुपुर्द कर दिया था. साथ ही आरोपी के वाहन को जप्त कर लिया था. इसके पश्चात मामले को सुनवाई हेतु पुसद के प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. जहां पर अदालत ने मो. राजीक मो. अकील को आदेश जारी किया था कि, वह जानवरों के रखरखाव व खिलाफ-पिलाई पर होनेवाले खर्च की ऐवज में गौशाला को प्रति जानवर 200 रूपये रोजाना का शुल्क अदा करे. किंतु मो. राजीक द्वारा इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. जिसमें दावा किया गया कि, वह मुर्तिजापूर बाजार समिती के पशु बाजार में जानवरों की खरीदी-बिक्री के दलाल के तौर पर काम करता है और जानवरों की कोई तस्करी नहीं कर रहा था, बल्कि वैध तरीके से जानवरोें को बेचने हेतु ले जा रहा था. ऐसे में उसके खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई की गई है. साथ ही मो. राजीक ने अपने जानवरों की खिलाई-पिलाई पर रोजाना 200 रूपये की बजाय प्रति जानवर 20 रूपये रोजाना का शुल्क अदा करने की तैयारी दर्शायी तथा अपने जानवरों व वाहन का सुपुर्दनामा दिये जाने की मांग की.
इस मामले में दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद न्यायमूर्ति अविनाश घारोटे ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र एनिमल वेलफेअर बोर्ड द्वारा 2 सितंबर 2019 को अमल में लाये गये सर्क्यूलर एवं प्रिवेंशन एन्ड केअर टू एनिमल्स एक्ट 2017 की धारा 5 (4) के तहत जब तक वाहन धारक द्वारा प्रति जानवर 200 रूपये रोजाना का खर्च जमा नहीं कराया जायेगा, तब तक उसके वाहन व जानवरों का सुपुर्दनामा भी नहीं दिया जायेगा. अत: वाहन एवं जानवरों का सुपुर्दनामा प्राप्त करने हेतु याचिकाकर्ता को सबसे पहले खर्च की राशि गौशाला में जमा करनी होगी. यह एक तरह से अपने आप में एक ऐतिहासिक फैसला है.

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