अमरावतीमुख्य समाचार

अब 87 प्रभागों में होगी सीधी लडाई

एक सदस्यीय प्रभाग प्रणाली पर लगी अंतिम मुहर

  • इस बार बढ सकती है निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या

  • जनवरी में होगी अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित

  • 6,47,057 मतदाता लेंगे मनपा चुनाव में हिस्सा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.26  – आगामी फरवरी 2022 में मनपा के आम चुनाव एक सदस्यीय प्रणाली से होंगे, इस बात पर गत रोज राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अपने अंतिम मुहर लगा दी गई है. आयोग ने गत रोज जारी अधिसूचना में प्रारूप प्रभाग रचना का कच्चा आलेख बनाने का काम आगामी 27 अगस्त से शुरू करने का निर्देश भी दिया है.
बता दें कि, अमरावती महानगरपालिका के मौजूदा पार्षदों का कार्यकाल मार्च 2022 में खत्म होनेवाला है. उससे पहले मनपा के आम चुनाव करवाना जरूरी है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग अपने काम में जुट गया है. इसके पहले चरण में वॉर्ड रचना का कच्चा प्रारूप तैयार किया जा रहा है. जिसे लेकर जारी अधिसूचना में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कहा गया है कि, राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2019 को महापालिका (सुधार) अधिनियम 2019 के तहत बहुसदस्यीय प्रभाग पध्दति की बजाय एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति को लागू करने का निर्णय लिया है. ऐसे में एक सदस्यीय प्रभाग रचना करते समय सन 2011 की जनगणना को आधार माना जायेगा. साथ ही प्रभाग रचना, आरक्षण, आरक्षण का ड्रॉ आदि में लगनेवाली कालावधि को ध्यान में रखते हुए चुनाव करवाये जाने पर काम किया जायेगा. साथ ही विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची के आधार पर एक सदस्यीय वॉर्ड रचना की जायेगी.

  •  ऐसे रहेंगे चुनावी चरण

– एक सदस्यीय प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करना.
– प्रारूप प्रभाग रचना तैयार करना.
– प्रारूप प्रभाग रचना को प्रकाशित करना.
– आरक्षण की घोषणा करना.
– आपत्ति व आक्षेप मंगाना.
– आपत्तियों व आक्षेप पर सुनवाई करना.
– अंतिम सुनवाई करना.
– मतदाता सूची प्रकाशित करना.

  •  ऐसे होगी प्रभाग रचना

– वार्ड रचना करने के काम की शुरूआत उत्तर दिशा से की जायेगी और इसे दक्षिण दिशा तक ले जाया जायेगा. जिसमें भौगोलिक सरलता रखनी होगी.
– बडे रास्ते, गलियां, नदी, नाले, पहाड, सडक, उडान पूल जैसी विभिन्न बातों को वॉर्ड रचना तय करते समय विचार में रखना होगा. इसके साथ ही अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति बस्त्यिों का दो अलग-अलग वॉर्डों में विभाजन नहीं होगा, इस बात का भी ख्याल रखना होगा.

  • एक नजर चुनाव पर

– 87 प्रभाग
– 2011 की जनगणना पर आधारित जनसंख्या
– हर प्रभाग मेें औसतन साढे 6 से 7 हजार मतदाता संख्या होगी

  •  क्या कहते है मनपा पदाधिकारी

Tushar-Bhartiy-Amravati-Mandal

एक सदस्यीय प्रणाली के चलते विकास को गति मिलेगी. भाजपा अच्छी प्रतिमा व प्रतिभा रहनेवाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी. साथ ही यह भी तय है कि, एक सदस्यीय प्रणाली के चलते निर्दलीय उम्मीदवारों व पार्षदों की संख्या भी बढेगी.
तुषार भारतीय
पक्ष नेता, भाजपा

 

bablu-shekhawat-amravati-mandal

राज्य निर्वाचन आयोग ने भले ही एक सदस्यीय प्रणाली से चुनाव करवाने की घोषणा की है, किंतु कांग्रेस ने एकल व बहु सदस्यीय प्रणाली इन दोनों बातों को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी की थी. आगामी चुनाव के बाद मनपा में कांग्रेस का ही बहुमत रहेगा, इस बात में कोई संदेह नहीं है.
बबलु शेखावत
नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस

 

rajendra-tayade-amravati-mandal

एक सदस्यीय प्रणाली से चुनाव करवाये जाने का शिवसेना को काफी फायदा होगा और सर्वाधिक सदस्य चुनकर लाने हेतु प्रयास किये जायेंगे. साथ ही राज्य में शिवसेना के नेतृत्ववाली महाविकास आघाडी की सत्ता रहने के चलते इसका भी हमें मनपा चुनाव में लाभ मिलेगा.
राजेंद्र तायडे
गट नेता, शिवसेना

 

chetan-pawar-amravati-mandal

बसपा के लिए एक सदस्यीय अथवा बहुसदस्यीय चुनाव प्रणाली, दोनों ही फायदेमंद है. मनपा में बसपा का महापौर बनाने के साथ ही बसपा का बहुमत लाने के लिए रणनीति तय की जायेगी. बसपा के पास अच्छी व सर्वसमावेशक उम्मीदवार है. जिन्हें जिताकर लाया जायेगा.
चेतन पवार
गटनेता, बसपा

  •  भाजपा अस्वस्थ, कांग्रेस खुष

उल्लेखनीय है कि, यदि प्रभाग बडा हो, तो प्रतिस्पर्धियों की संख्या कम होती है. साथ ही बगावत भी कम होती है. वहीं इसका फायदा भाजपा को भी मिलता है, ऐसा कहा जाता है. यहीं वजह है कि, भाजपा द्वारा बहु सदस्यीय प्रभाग पध्दति पर जोर दिया गया. वहीं कांग्रेस द्वारा हमेशा ही एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति पर ही जोर दिया जाता रहा है. ऐसे में अब एक बार फिर एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति को अमल में लाये जाने के चलते इसका भाजपा को काफी हद तक नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि टिकट नहीं मिलने से असुंष्ट कार्यकर्ता बगावत भी कर सकते है. साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर सकते है. बगावत का यह खतरा लगभग सभी दलों को है. किंतु चूंकि कांग्रेस इस समय विपक्ष में है और हर हाल में सत्ता हासिल करना चाहती है. अत: कांग्रेस पदाधिकारियों द्वारा बगावत किये जाने का प्रमाण अपेक्षाकृत तौर पर कम रहेगा. वहीं भाजपा में इसे लेकर काफी सिर फुटव्वल होने का अनुमान है.

  •  अब एक-दूसरे पर नहीं धकेल सकेंगे जिम्मेदारी

बहु सदस्यीय प्रभाग पध्दति के तहत हर प्रभाग में तीन या चार नगरसेवक होते है और जनसामान्यों के मसलों व विकास कामों को लेकर वे एक-दूसरे पर जिम्मेदारी धकेलते है, जिसकी वजह से आम नागरिकों को एक नगरसेवक से दूसरे नगरसेवक के पास दौडना पडता है. वहीं एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति में संबंधित प्रभाग का पार्षद अपने क्षेत्र की समस्याओं व विकास कामों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होता है. ऐसे में अब टालमटोलवाली प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी और विभिन्न प्रभागों के मसले जल्द हल होकर विकास कामों को गति मिलेगी.

  • कब-कब कैसे हुए चुनाव

– 1992 – एकसदस्यीय
– 1997 – एकसदस्यीय
– 2002 – तीनसदस्यीय
– 2007 – एकसदस्यीय
– 2012 – दोसदस्यीय
– 2017 – चारसदस्यीय

  • मनपा में मौजूदा पक्षीय बलाबल

भाजपा – 45
कांग्रेस – 15
एमआईएम – 10
शिवसेना – 7
बसपा – 5
युवा स्वाभिमान – 3
रिपाइं – 1
निर्दलीय – 1
राकांपा – 0
कुल – 87

Related Articles

Back to top button