पूर्व अध्यक्षों के बाद अब संचालक भी ईडी के रडारपर
किसी भी वक्त समन्स मिलने की संभावना
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मामला 700 करोड के निवेश व 3.39 करोड के कमीशन घोटाले का
अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – स्थानीय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक द्वारा म्युच्युअल फंड में किये गये 700 करोड रूपये के निवेश तथा इसे लेकर अदा हुए 3.39 करोड रूपयों के कमीशन संबंधी मामले में जहां इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा बैंक के दो पूर्व अध्यक्षों बबलू उर्फ अनिरूध्द देशमुख तथा उत्तरा जगताप को समन्स जारी करते हुए अपने समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया था. उसी तरह जल्द ही बैंक के संचालकों के नाम भी समन्स जारी हो सकता है. ऐसी विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हुई है. जिसकी वजह से जिला बैंक के तत्कालीन संचालकों में काफी हद तक हडकंप व्याप्त है.
बता दें कि, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक द्वारा करीब 700 करोड रूपयों का निवेश निप्पॉन कंपनी के म्युच्युअल फंड में किया गया था. किंतु आरोप है कि, यह निवेश करते समय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया तथा नाबार्ड के नियमों व निर्देशों का उल्लंघन किया गया. साथ ही बैंक ने यह रकम सीधे निवेश करने की बजाय दलालों के जरिये निवेशित की और इसमें 3 करोड 39 लाख रूपयों का कमीशन भी दिया गया. इसके पश्चात इस मामले की जांच ईडी द्वारा शुरू की गई है और ईडी की ओर से अब तक बैंक के पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख व उत्तरा जगताप तथा तत्कालीन सीईओ जयसिंह राठोड को समन्स जारी किया गया है.
ज्ञात रहे कि, बैंक में संचालकों व अधिकारियों का समावेश रहनेवाली स्वतंत्र निवेश समिती होती है. इस समिती की सिफारिशों के बाद ही निवेश संबंधी निर्णय लिया जाता है. किंतु इस मामले को लेकर दर्ज अपराध में केवल बैंक के अधिकारियों व ब्रोकर्स का ही समावेश है और अब तक एक भी पदाधिकारी व संचालक के खिलाफ इस मामले में अपराध दर्ज नहीं हुआ है. वहीं दूसरी ओर ईडी द्वारा बैंक के दो पूर्व अध्यक्षों को नोटीस जारी हो चुकी है. साथ ही अब अन्य संचालकों को भी नोटीस भेजकर अपने समक्ष उपस्थित रहने हेतु कहा जा सकता है. जिससे बैंक के तत्कालीन संचालकों में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, आगामी 4 अक्तूबर को बैंक के नये 21 सदस्यीय संचालक मंडल हेतु चुनाव होने जा रहा है. जिसके लिए करीब 94 इच्छूक प्रत्याशी मैदान में है. जिनमें पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख का भी समावेश है. साथ ही विगत संचालक मंडल में शामिल रहे कई चेहरे भी जिला बैंक के चुनावी मैदान में दिखाई दे रहे है. वहीं दूसरी ओर प्रतिस्पर्धी पैनल की ओर से चुनाव लडने के इच्छूकों द्वारा इस समय तत्कालीन सत्ताधारी संचालकों पर इस मामले को लेकर हमले तेज कर दिये गये है. साथ ही साथ इन दिनों दोनों ही ओर के प्रत्याशियों द्वारा युध्दस्तर पर अपना चुनाव प्रचार किया जा रहा है. वहीं इस समय जिला बैंक को लेकर ईडी की जांच भी चल रही है. जिससे चुनाव काफी उत्कंठापूर्ण हो गये है.
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उत्तरा जगताप ने मांगी दस दिन की मोहलत, देशमुख की कल पेशी
बता दें कि, ईडी द्वारा बैंक के पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख व उत्तरा जगताप के नाम नोटीस जारी करने के साथ ही उत्तरा जगताप को 20 सितंबर तथा बबलू देशमुख को 23 सितंबर को मुंबई स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित रहने हेतु कहा गया है. पश्चात उत्तरा जगताप ने अपने वकील के मार्फत ईडी से 10 दिनों की मोहलत मांगी, जो ईडी द्वारा दी गई है. ऐसे में अब उत्तरा जगताप को दस दिन बाद आवश्यक दस्तावेजों के साथ ईडी के समक्ष पेश होते हुए अपना जवाब दाखिल करना है. वहीं बैंक के पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख को कल गुरूवार 23 सितंबर को मुंबई स्थित ईडी कार्यालय में आवश्यक दस्तावेजों के साथ पेश होना है. ऐसे में अब सभी की निगाहे इस बात की ओर लगी हुई है कि, क्या बबलू देशमुख कल ईडी के समक्ष पेश होते है, या फिर वे भी उत्तरा जगताप की तरह ईडी से अतिरिक्त समय की मांग करते है.