अब अमृत योजना को नहीं मिलेगी समयावृध्दि
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प्रशासन ने लिया निर्णय
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अब तक दो बार बढाई जा चुकी है मुदत
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अब भी 15 प्रतिशत काम अपूर्ण
अमरावती/प्रतिनिधि दि.15 – भविष्य के लिहाज से अमरावती शहर की पानी संबंधी जरूरतों को पूर्ण करने हेतु शुरू की गई अमृत योजना को अब तक दो बार समयावृध्दि दी जा चुकी है. जिसकी अवधि विगत 31 मार्च को खत्म हो चुकी है और अब भी इस योजना का 15 प्रतिशत काम होना बाकी है. ऐसे में प्रशासन द्वारा तय किया गया है कि, अब इस योजना को कोई समयावृध्दि नहीं दी जायेगी. बल्कि ठेकेदार को अधूरे काम पूर्ण करने होंगे, ऐसी जानकारी प्रशासनिक सूत्रों से मिली है.
बता दें कि, अमरावती मनपा क्षेत्र अंतर्गत जलापूर्ति व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने हेतु अमृत योजना अंतर्गत 110 करोड रूपयों की निधी मंजुर हुई थी. इस योजना के तहत शहर में क्षतिग्रस्त हो चुकी जलवाहिनी को बदलने, शहर के नये विकसित इलाकों में नई पाईप लाईन डालने, बदली गई पाईपलाईन से अधिकृत नल कनेक्शनधारकों के कनेक्शन दुबारा जोडने, शहर के विविध इलाकों में 8 जलकुंभों का निर्माण करने, मोर्शी स्थित जलशुध्दीकरण केंद्र में विविध दुरूस्ती के काम करने तथा शहर से होकर गुजरनेवाली पाईपलाईन को बायपास रोड के समानांतर बिछाने जैसे कामों का समावेश था. इस हेतु संबंधित ठेेकेदार को पहले 24 माह की समयावधि दी गई थी और इस कालावधि के दौरान काम पूर्ण नहीं होने के चलते सात माह की समयावृध्दि दी गई. काम पूर्ण नहीं होने में सबसे प्रमुख वजह कोविड संक्रमण रहा. किंतु यह समयावृध्दि 31 मार्च को खत्म हो गयी. जिसके बाद महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा शेष बचे कामों को पूर्ण करने हेतु 30 जून तक समयावृध्दि मांगते हुए मनपा प्रशासन के पास प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन डेढ माह बीत जाने के बाद भी मनपा प्रशासन द्वारा इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. विश्वसनीय सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक मनपा प्रशासन अब इस काम के लिए अधिकृत तौर पर कोई समयावृध्दि नहीं देने जा रहा. बल्कि संबंधित ठेकेदार को अब अपने स्तर पर ही शेष बचे कामों को पूर्ण करना होगा.
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यह काम पडे है अधूरे
जानकारी के मुताबिक अमरावती मनपा क्षेत्र अंतर्गत 194 किमी की नई पाईपलाईन डालने का काम 60 प्रतिशत ही पूर्ण हुआ है और बदली हुई पाईपलाईन से नलों का कनेक्शन जोडने का काम भी अधूरा है. इसके अलावा आठ जलकुंभों में से सात जलकुंभों का ही काम शुरू किया गया. जिसमें से तीन जलकुंभों के जरिये जलापूर्ति शुरू की गई है. वहीं शेष जलकुंभों का काम बेहद धीमी गती से चल रहा है.
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विलंब शुल्क लगाये जाने की संभावना
अब तक इस योजना के काम को एक बार समयावृध्दि दी जा चुकी है. वहीं अब एक बार फिर तीन माह की समयावृध्दि मांगी जा रही है. किंतु प्रशासन द्वारा फिलहाल इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया है. ऐसे में यदि ठेकेदार द्वारा अमृत योजना के कामों को पूर्ण करने में विलंब किया जाता है. प्रशासन द्वारा ठेकेदार पर विलंब शुल्क लगाया जा सकता है. ऐसी जानकारी भी विश्वसनीय सूत्रों से पता चली है.