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अब ‘यूडीन’ के जरिये रोका जायेगा आर्थिक फर्जीवाडा

  •  सभी चार्टर्ड अकाउंटंट हस्ताक्षर करने के साथ ही जनरेट करेंगे यूडीन

  •  डब्ल्यूआयआरसी सदस्य सीए केलकर ने दी पत्रवार्ता में जानकारी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.14 – आर्थिक व्यवहार से संबंधित कई दस्तावेजों व ऑडिट रिपोर्ट पर सनदी लेखापाल यानी चार्टर्ड अकाउंटंट का हस्ताक्षर रहना बेहद महत्वपूर्ण होता है और ऐसे हस्ताक्षरयुक्त दस्तावेजों के आधार पर ही बैंकों सहित कई वित्तीय संस्थाओं द्वारा आर्थिक व्यवहार किये जाते है. ऐसे में कई बार आर्थिक फर्जीवाडा करने में माहिर लोग चार्टर्ड अकाउंटंट के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए बैंकों व वित्तीय संस्थाओं के साथ धोखाधडी व जालसाजी करते है. जिसमें कई बार चार्टर्ड अकाउंटंटस को बिना किसी गलती के जांच एजेंसियों द्वारा की जानेवाली पूछताछ सामना करना पडता है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए इन्स्टिटयूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटंटस ऑफ इंडिया द्वारा ‘यूडीन’ नामक एक अनोखी संकल्पना सामने लायी गई है. जिसके जरिये अब चार्टर्ड अकाउंटंटस के फर्जी हस्ताक्षर करते जालसाजी व फर्जीवाडा नहीं किये जा सकेंगे. इस आशय की जानकारी डब्ल्यूआयआरसी के काउंसिल मेंबर सीए अभिजीत केलकर द्वारा यहां बुलायी गई पत्रवार्ता में दी गई.
स्थानीय सातूर्णा परिसर स्थित सीए भवन में बुलायी गई पत्रवार्ता में सीए अभिजीत केलकर ने बताया कि, इस नई संकल्पना के तहत अब जब भी कोई चार्टर्ड अकाउंटंट किसी दस्तावेज पर अपने हस्ताक्षर करेगा, तो उससे पहले ‘यूडीन’ के वेबसाईट पर जाकर उसकी जानकारी दर्ज करेगा. जिसके बाद एक ओटीपी जनरेट होगा, जिसे वेरीफाय करने पर एक यूनिक आयडेंटीफिकेशन अल्फा न्यूमरिक नंबर जारी होगा. जिसे दस्तावेज पर हस्ताक्षर के साथ दर्ज करना होगा. जब भी ऐसे दस्तावेज किसी बैंक या वित्तीय संस्था में आर्थिक व्यवहार हेतु प्रस्तुत किये जायेंगे, तो संबंधितों द्वारा इस 12 अंक के यूडीन नंबर के जरिये वेबसाईट पर जाकर दस्तावेज एवं हस्ताक्षर के असली होने की पुष्टि की जा सकेगी. सीए केलकर के मुताबिक पूरी दुनिया में यह संकल्पना सबसे पहले भारत में लागू की गई है और जल्द ही पूरी दुनिया में इस संकल्पना पर अमल करना शुरू हो जायेगा. इस पत्रवार्ता में सीए सुनील सलामपुरिया भी उपस्थित थे.

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