* जनशक्ति को बताया सबसे बडी ताकत
पुणे/दि.1 – हाल ही में शिवसेना के पार्टी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि, शिवशक्ति, भीमशक्ति व लहुशक्ति एक ही शक्ति के रुप है और यदि यह तीनों शक्तियां एकजुट हो जाती है, तो महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देश में एक प्रचंड ताकत पैदा होगी. अत: वे जल्द ही शिवशक्ति, भीमशक्ति व लहुशक्ति का सम्मेलन लेने वाले है. उद्धव ठाकरे के इस बयान पर संवाद कार्यक्रम में पलटवार करते हुए पूर्व राज्यमंत्री व विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, अगर लोगों के मन में आस्था नहीं है और जनशक्ति साथ नहीं है, तो कितनी भी शक्तियों को एकत्रित करने का कोई फायदा नहीं होता. विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, जब उनके पास सत्ता की शक्ति थी, तब उन्होंने जनशक्ति के लिए क्या किया. यह सबसे बडा सवाल है. उस समय उनकी शिवशक्ति, भीमशक्ति और लहुशक्ति के साथ ही जनशक्ति को लेकर एक बार भी आस्था दिखाई नहीं दी. अत: हाथ से सत्ता फिसल जाने के बाद अब ऐसे लोग अब कितनी भी ताकत लगा ले, उनसे कुछ नहीं होने वाला.
पुणे में अर्हम फाउंडेशन व वास्तव कट्टा द्बारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, जब महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी की सरकार थी. तब हम तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के दरवाजे पर दिव्यांगो के समस्या को लेकर 10 बार गये. लेकिन उस समय इस विषय के लिए एक बार भी मीटिंग नहीं हुई. वहीं शिंदे-फडणवीस की सरकार ने सत्ता में आते ही दिव्यांगों की समस्याओं को लेकर गंभीरता दिखाई और अब स्वतंत्र रुप से दिव्यांग कल्याण मंत्रालय कार्यरत होने जा रहा है. इस समय विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, उनसे अक्सर नई सरकार में मंत्री पद मिलने को लेकर सवाल पूछा जाता है. लेकिन मंत्री पद उनके लिए कभी महत्वपूर्ण नहीं रहा. परंतु अब उन्हें विश्वास है कि, दिव्यांग कल्याण मंत्रालय के पहले मंत्री का जिम्मा सरकार द्बारा उन्हें ही सौंपा जाएगा. विशेष उल्लेखनीय है कि, पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने यहीं बात गत रोज अपने गृह जिले अमरावती में भी मीडिया के साथ संवाद साधते हुए कहीं थी.
मैं ही रहुंगा दिव्यांग मंत्रालय का पहला मंत्री
* विधायक बच्चू कडू का विश्वासपूर्ण कथन
* मंत्री पद को बताया सेवा का बडा जरिया
इस समय पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, मेरे लिये खुद को मंत्री पद मिलना कभी भी महत्वपूर्ण नहीं था. क्योंकि मैंने राजनीति का रास्ता सेवाकार्य के लिए चुना है और दिव्यांगों की सेवा को अपने जीवन का उद्देश बनाया है. ऐसे में मुझे इस समय सबसे बडी खुशी इस बात की है कि, मेरे द्बारा लगातार किये गये प्रयासों के चलते राज्य में दिव्यांगों के कल्याण हेतु स्वतंत्र मंत्रालय का गठन होने जा रहा है. जो आगामी 3 दिसंबर से अपना काम करना शुरु कर देगा. साथ ही मुझे यह भी विश्वास है कि, इस मंत्रालय के पहले मंत्री के तौर पर निश्चित रुप से मुझे ही काम करने का अवसर मिलने वाला है. यानि एक तरह से मेरा मंत्री पद पक्का है. जिसे लेकर सीएम एकनाथ शिंदे व डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुझसे वादा किया था.
ज्ञात रहे कि, महाविकास आघाडी सरकार में राज्यमंत्री रह चुके विधायक बच्चू कडू शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री पद नहीं मिला. जबकि उन्होंने 10 निर्दलिय विधायक के साथ मिलकर शिंदे गुट को सहयोग व समर्थन दिया था और नई सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई थी. ऐसे में मंत्री पद नहीं मिलने के चलते बच्चू कडू के नाराज रहने की काफी चर्चाएं चल रही थी. साथ ही खुद विधायक बच्चू कडू ने भी समय-समय पर खुले रुप से अपनी नाराजगी जताई थी और यहां तक कह डाला था कि, मंत्री पद को चुल्हे में डालों. मुझे इससे फर्क नहीं पडता. वहीं अब खुद बच्चू कडू ने यह विश्वास जताया है कि, 3 दिसंबर से कार्यान्वित होने जा रहे राज्य के दिव्यांग मंत्रालय का जिम्मा उन्हें ही मिलने वाला है और वे राज्य के दिव्यांग मंत्रालय का जिम्मा संभालने वाले पहले मंत्री होंगे.
पुणे में आयोजित संवाद कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, देश में दिव्यांग मंत्रालय को मंजूरी देने वाला महाराष्ट्र सबसे पहला राज्य है. जिसके चलते देश में सेवाकार्यों को लेकर शानदार संदेश गया है. उनके मुताबिक जिस दिन बजट पत्र का पहला पन्न दिव्यांगों, विधवा महिलाओं, किसानों, मजदूरों और वंचितों के लिए लिखा जाएगा. वह देश का सबसे सुंदर बजट रहेगा और ऐसा ही बजट देश को सक्षम बना सकेंगा. बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, खुदको मंत्री पद नहीं मिलने का दुख वे अब भूल गये है और उन्हें दिव्यांग मंत्रालय को मंजूरी मिलने की वजह से ही सुख का ऐहसास हो रहा है.