अब रेमडेसिविर के लिए स्वतंत्र पोर्टल
अस्पतालों द्वारा लॉगीन करते हुए की जा सकेगी मांग
अमरावती/प्रतिनिधि दि.21 – रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण में तमाम तरह की गडबडियों को रोकने हेतु जिला प्रशासन द्वारा स्वतंत्र पोर्टल बनाने को लेकर गतिविधियां तेज की गई है. अस्पतालों द्वारा इस पोर्टल पर लॉग इन करते हुए अपनी मांग दर्ज करायी जा सकेगी. साथ ही ऐसा करते समय संबंधित अस्पताल में उपलब्ध ऑक्सिजन बेड की संख्या और वहां भरती मरीजों की स्थिति भी दर्ज करनी होगी. ऐसे में अब जरूरतमंद मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने की संभावना बढ गयी है.
उल्लेखनीय है कि, फिलहाल रेमडेसिविर के इंजेक्शन की बडे पैमाने पर किल्लत चल रही है. जिसकी वजह से इस इंजेक्शन की कालाबाजारी भी हो रही है और दवा उत्पादक कंपनियोें द्वारा सीधे अपनी मर्जीवाले अस्पतालों को इंजेक्शन की आपूर्ति की जा रही है. ऐसे कई मामले सामने आये है. ऐसे में प्रशासन ने ई-मेल वाली पध्दति को बंद कर दिया है और नई पध्दति को अमल में लाने पर विचार शुरू किया है. जिसका आयएमए की अमरावती शाखा द्वारा भी स्वागत किया गया.
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कालाबाजारी रोकने सहित वितरण के लिए 24 पथक
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के साथ ही उपलब्ध इंजेक्शन के न्यायपूर्ण वितरण हेतु जिले में 24 विशेष पथकों की नियुक्ती की गई है. इस आशय की जानकारी देते हुए जिला प्रशासन द्वारा बताया गया कि, इस समय जिले की जरूरत के लिहाज से केवल 20 प्रतिशत इंजेक्शन ही मिल रहे है. किंतु इसके बावजूद अधिक से अधिक अस्पतालों में बेहद जरूरतमंद मरीजों के लिए इंजेक्शन उपलब्ध कराने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है. इसके तहत अस्पतालों में ऑक्सिजन बेड की संख्या तथा मरीजों के ऑक्सिजन सैच्युरेशन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस इंजेक्शन का वितरण हो रहा है. जरूरत एवं अपेक्षा के अनुरूप आपूर्ति नहीं होने की वजह से जिला प्रशासन द्वारा तमाम दिक्कतों में से रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
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निर्देशों के अनुरूप हो रेमडेसिविर का प्रयोग
कोरोना से संक्रमित सभी मरीजों को इस इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं होती. ऐसे में हर एक मरीज पर इस इंजेक्शन का प्रयोग करना योग्य नहीं है. इस बात को विश्व स्वास्थ्य संगठन व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा भी मान्य किया गया है. इस आशय की जानकारी देते हुए सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ही रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयोग किया जाये, ताकि हर जरूरतमंद मरीज को यह इंजेक्शन मिल सके.