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अब विधायक खोडके ने एसपी बालाजी पर साधा निशाना

 शहर में आयोजीत कार्यक्रम में जानबूझकर आमंत्रित नहीं करने का लगाया आरोप

  • विशेषाधिकार हनन की विधानसभा में दी नोटीस

अमरावती/प्रतिनिधि दि.1 – विगत 20 जून को अमरावती विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस क्रीडांगण, आशियाना भवन, मंथन सभागृह नूतनीकरण, रक्षादीप अभियान तथा पुलिस हेल्थ ऍप का शुभारंभ करने हेतु एक कार्यक्रम जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा आयोजीत किया गया था. किंतु इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक होने के नाते न तो मुझे आमंत्रित किया गया और न ही मुझे इसकी सूचना दी गई. साथ ही इस कार्यक्रम की निमंत्रण पत्रिका तथा कोनशिला पर मेरा नाम भी नहीं है. यह सीधे-सीधे स्थानीय जनप्रतिनिधि का जानबूझकर अपमान किये जाने का मामला है. इस आशय की शिकायत स्थानीय विधायक सुलभा खोडके द्वारा विधानसभा अध्यक्ष से की गई है. साथ ही अमरावती ग्रामीण पुलिस अधिक्षक के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा नियम 273 के तहत विशेषाधिकार हनन की नोटीस भी दी है.
बता दें कि, विगत 20 जून को ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के हाथों पुलिस क्रीडांगण, आशियाना भवन, मंथन सभागृह नूतनीकरण, रक्षादीप अभियान व पुलिस हेल्थ ऍप का उद्घाटन व शुभारंभ करवाया गया. अमरावती परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक चंद्रकिशोर मीणा की अध्यक्षता में आयोजीत इस कार्यक्रम में हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य बतौर प्रमुख अतिथि आमंत्रित किया गया था और कार्यक्रम पत्रिका में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर सहित आयजी चंद्रकिशोर मीणा व पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य के ही नामों का उल्लेख था. इसी तरह आशियाना पुलिस क्लब के उद्घाटन समारोह हेतु बनाई गई कोनशिला में केवल पालकमंत्री यशोमति ठाकुर का ही नाम दर्ज है. इस पर अपनी आपत्ति जताते हुए स्थानीय विधायक सुलभा खोडके द्वारा कहा गया कि, वे अमरावती शहर सहित समूचे जिले का विधानसभा में प्रतिनिधित्व करती है और खुद उनके निर्वाचन क्षेत्र में आयोजीत किसी सरकारी कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाना आश्चर्यजनक होने के साथ ही संतापजनक भी है. यह एक तरह से स्थानीय जनप्रतिनिधि होने के नाते उनकी अवमानना है. जिसे वे कदापि बर्दाश्त नहीं करेगी. ऐसे में उन्होंने अमरावती जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को मविस नियम की धारा 73 के तहत विशेषाधिकार हनन की नोटीस दी है और इसे स्वीकार करते हुए अगली कार्रवाई हेतु यह नोटीस विशेषाधिकार हनन समिती के पास भेजने का निवेदन भी किया है.

 

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  • चिखलदरा में विधायक पटेल हुए थे उपेक्षा का शिकार

याद दिला दें कि, विगत सप्ताह ही चिखलदरा में ग्रामीण पुलिस विभाग के विश्रामगृह का उद्घाटन जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के हाथों किया गया. इस कार्यक्रम में भी मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल को ग्रामीण पुलिस महकमे द्वारा आमंत्रित नहीं किया गया था और उनके नाम का उल्लेख भी कार्यक्रम की पत्रिका में नहीं था. जिसे लेकर राजकुमार पटेल के समर्थकों द्वारा अपनी आपत्ति दर्ज करायी गई थी. यहां यह सर्वाधिक उल्लेखनीय है कि, राज्य में इस समय कांग्रेस-राकांपा व शिवसेना के गठबंधन की सरकार है और विधायक सुलभा खोडके कांग्रेस की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुई है. वहीं राजकुमार पटेल प्रहार जनशक्ति पार्टी की ओर से विधायक निर्वाचित हुए है. जिसने महाविकास आघाडी सरकार को अपना समर्थन दिया है और प्रहार के संस्थापक और अचलपुर क्षेत्र के विधायक बच्चु कडू इस सरकार में राज्यमंत्री है. इसके बावजूद सरकार के घटक दलों के दो विधायकों को दो सरकारी कार्यक्रम से अलग रखा गया. यह अपने आप में बेहद आश्चर्यजनक है. जिसे लेकर कई तरह की राजनीतिक चर्चाएं चल पडी है. साथ ही इसे राजनीतिक प्रतिस्पर्धा व अंतर्कलह से जोडकर भी देखा जा रहा है.

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