अब अमरावती में भी जनता कफ्र्यू बेहद जरूरी
-
वाशिम व बुलडाणा में शुरू हो चुकी पहल
-
कोरोना संक्रमण की चेन तोडने कदम उठाना आवश्यक
-
त्वरित टिप्पणी
अमरावती प्रतिनिधि दि.१८ – लॉकडाउन में छूट दिये जाने के साथ ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार भी अनियंत्रित हो गयी है और देखते ही देखते अमरावती शहर में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या १० हजार के स्तर को पार कर चुकी है. हालांकि इसमें से ७ हजार से अधिक लोग कोरोना मुक्त होकर अपने घर लौट चुके है, लेकिन इस समय एक्टिव पॉजीटिव मरीजों की संख्या २ हजार से अधिक है और जारी माह में विगत कुछ दिनों से रोजाना ही ३०० से ४०० कोरोना संक्रमित मरीज मिलना बेहद आम बात हो चली है. ऐसे में एक्टिव पॉजीटिव मरीजों की संख्या हर दिन बढती जा रही है.
साथ ही इन कोरोना संक्रमित लोगोें के संपर्क में आये कई लोगोें के संक्रमण का शिकार होने का खतरा भी कई गुना बढ गया है. ऐसे में अब यह बेहद जरूरी हो चला है कि, शहर के तमाम राजनीतिक, व्यापारिक, सामाजिक एवं नागरिक संगठन आगे आते हुए स्वयंस्फूर्त रूप से १०-१५ दिनों के जनता कफ्र्यू का आवाहन करे और इस जनता कफ्र्यू पर बेहद कडाई से अमल किया जाये, ताकि कोरोना संक्रमण की चेन को तोडा जा सके. बता दें कि, अमरावती शहर में कोरोना का सबसे पहला संक्रमित मरीज ३ अप्रैल को हाथीपूरा परिसर में पाया गया था. जिसकी २ अप्रैल को ही इलाज के दौरान मौत हो गयी थी और मृत्यु पश्चात उसकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट (Corona test report) पॉजीटिव आयी थी. इस व्यक्ति की कौन्टैक्ट हिस्ट्री आज तक सामने नहीं आ पायी कि आखिर वह व्यक्ति किसके संपर्क में आने की वजह से कोरोना संक्रमण का शिकार हुआ. वहीं इसके बाद हाथीपूरा परिसर के आसपासवाले कई क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीज पाये जाने लगे.
इस समय समूचे देश में कडा लॉकडाउन लागू था और अमरावती शहर सहित जिले में हर ओर कफ्र्यू लागू रहने के चलते सन्नाटा पसरा हुआ था. यह स्थिति मई माह तक रही और मई माह तक कोरोना संक्रमितों की संख्या बमुश्किल २५० तक पहुंच पायी थी. वहीं ५ जून शुरू हुई अनलॉक की प्रक्रिया के बाद धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढने लगी और जुलाई माह के प्रारंभ में संक्रमितों का आंकडा ६०० पर जा पहुंचा. वहीं जुलाई, अगस्त व सितंबर माह में जैसे-जैसे अनलॉक की प्रक्रिया आगे बढी वैसे-वैसे कोरोना संक्रमितों की संख्या भी बढने लगी. कोरोना संक्रमण की लगातार बढती रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, जारी सितंबर माह की शुरूआत में कोरोना संक्रमितों की संख्या में ५ हजार के स्तर को पार किया था और मात्र १७ दिनों में यह आंकडा १० हजार के स्तर को पार कर गया है. यदि ऐसे ही चलता रहा तो कोई संदेह नहीं कि, सितंबर माह खत्म होते-होते कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या १५ हजार के स्तर को छू ले. ऐसे में अब यह बेहद जरूरी हो चला है कि, कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने और संक्रमण की चेन को तोडने के लिए एक बार फिर नागरी व व्यापारिक गतिविधियों पर कुछ समय तक रोक लगायी जाये. उल्लेखनीय है कि, इस समय संभाग के बुलडाणा जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या ने ५ हजार तथा वाशिम जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या ने ३ हजार के स्तर को पार किया है और वहां पर संक्रमण की चेन को तोडने के लिए स्वयंस्फूर्त जनता कफ्र्यू का पालन किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर अमरावती जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात बेहद बिकट हो चले है. बावजूद इसके हर ओर काफी हद तक लापरवाह व बेफिक्र माहौल है और लोगबाग कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों व निर्देशों की खुलेआम अवहेलना व अनदेखी करते हुए घुम-फिर रहे है.
ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, शहर एवं जिले के जागरूक नागरिकों व संगठनों द्वारा प्रशासन के साथ संपर्क व समन्वय साधते हुए अमरावती में कुछ दिनों का स्वयंस्फूर्त जनता कफ्र्यू लागू किया जाये. इसे मौजूदा वक्त की सबसे बडी जरूरत भी कहा जा सकता है. अन्यथा हालात और भी बिगड सकते है.
-
अब नागरिकों की जिम्मेदारी सबसे बडी
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कोरोना संक्रमण के खतरे से निपटने हेतु जिला प्रशासन, पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य महकमा विगत छह माह से लगातार काम कर रहे है और तमाम प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू किया जा रहा है. किंतु पाया जा रहा है कि, अधिकांश लोगबाग बडे लापरवाह ढंग से इन प्रशासनिक प्रयासों को अनदेखा करते हुए अपनी मनमर्जी के हिसाब से व्यवहार कर रहे है, जिसकी वजह से प्रशासनिक प्रयासों को अपेक्षित व आशातीत सफलता नहीं मिल रही. ऐसे में कहा जा सकता है कि, मौजूदा संकटकाल के दौरान सबसे अधिक व सबसे बडी जिम्मेदारी आम नागरिकोें की है.
यदि सभी लोग अपने व अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर जागरूक होते हुए कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों में प्रशासन का साथ दें, तो कोरोना संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित करने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. अत: कहा जा सकता है कि, समूचे देश सहित राज्य में करीब ढाई माह का कडा लॉकडाउन लगाते हुए सरकार अपनी ओर से प्रयास कर चुकी, कफ्र्यू एवं कोरोना प्रतिबंधात्मक निर्देश लागू करने के साथ ही लोगों को जागरूक करने का काम प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. ऐसे में अब सभी लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि, वे सजग व जागरूक नागरिक की भुमिका निभाये और अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए स्वयंस्फूर्त जनता कफ्र्यू के लिए तैयार हो, तभी इस संक्रमण की रफ्तार और चेन को रोका जा सकता है तथा हर एक व्यक्ति को कोरोना संक्रमण का शिकार होने से बचाया जा सकता है..