अब 25 फीसदी पर दसवी-बारहवी के छात्र होंगे पासआउट ?
राज्य परीक्षा नियोजन समिति कर रही गंभीरता से विचार
वर्धा/प्रतिनिधि दि.18 – राज्य परीक्षा नियोजन समिति ने दसवी-बारहवी में पासआउट होने का निकष 35 फीसदी के बजाए 25 फीसदी करने की सिफारिश पर गंभीरता से विचार करना शुरु किया है. यहां बता दें कोरोना प्रकोप के चलते वर्ष 2020-21 के सत्र में काफी कम अवधी के लिए स्कूलों में कक्षाएं चलाई गई. इस पृष्ठभूमि पर 23 अप्रैल से 21 मई तक 12 वीं 29 अप्रैल से 20 मई के दरमियान 10 वीं की परीक्षा लेने का प्रारुप बनाने के लिए राज्य शिक्षा मंडल ने परीक्षा नियोजन समिति की स्थापना की है.
राज्यमंडल के अध्यक्ष दिनकर पाटिल की अध्यक्षता में इस समिति ने पूर्व शिक्षा संचालक डॉ. वसंत कालपांडे व अन्य विशेषज्ञ है. 30 लाख छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा लेना संभव नहीं होने से 10-12 वीं की परीक्षाएं ऑफलाइन पद्धती से ली जाएगी यह स्पष्ट जानकारी दिनकर पाटिल ने दी है. हालांकि कोरोना पृष्ठभूमि पर परीक्षा खत्म होने तक नियोजन समिति की ओर से राज्य मंडल को सूचनाएं दी जाएगी इन सूचनाओं पर विचार कर दोनो परीक्षाओं पर नियोजन किया जाएगा. कक्षा 1 से 9 वीं परीक्षा का प्रारुप शिथिल करने की भूमिका मंडल ने ली है. कक्षाओं में पढाया नहीं जा सकने से परीक्षा कैसी ली जाए इस पर फिलहाल विचार विमर्श किया जा रहा है.
नियोजन समिति ने परीक्षाओं को लेकर सूचनाएं भी मांगी है. मुख्याध्यापक संगठन ने परीक्षा में पासआउट करने का निकष 35 फीसदी के बजाए 25 फीसदी करने की सिफारिश की है. पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने से छात्रों का उत्तीर्ण होना संभव नहीं है इसलिए पासआउट होने का निकष कम करने की सिफारीश की गई है. बीते वर्ष छात्रों की कक्षा 9 वीं का प्रतिशत देखकर 11 का प्रतिशत देखकर 12 उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र देने के लिए सरकार तैयार है. यह सिफारीश मुख्याध्यापक संघ के नेता प्राचार्य सतीश जगपात ने की है.
दो दिन पहले नियोजन समिति की सदस्यों की चर्चा में यह मुद्दा गंभीरता से विचाराधीन किया गया. छात्रों को वे जहां पढते है उसी स्कूल में परीक्षा केंद्र मिले, प्रैक्टीकल परीक्षा समाप्ती तक शैक्षणिक सत्र शुरु रखा जाए, आयसोलेट अथवा प्रतिबंधित परिसर रहने से गैर मौजूद रहने वाले छात्रों की परीक्षा मुख्य परीक्षा के बाद 15 दिनों में ली जाए, ऑनलाइन प्रणाली से शिक्षा से वंचित रहने वाले छात्रों का योग्य विचार किया जाए, कक्षा 5 से 8 वीं के लिए पदोन्नती की जाए. पदोन्नती के मूल्यांकन प्रशासन स्तर पर किया जाए यह विचार करते समय छात्रों को अगले साल की छात्रवृत्ती तथा अन्य लाभ की योजनाओं से वंचित रहने की नौबत ना आन पडे इसका भी ख्याल रखा जाए.
नियोजन समिति के पास अनेक सूचानाएं प्राप्त हो रही है जिस पर विचार किया जाएगा. कोरोन संक्रमण बढने से आफलान परीक्षा लेने की संभावनाओं को लेकर राज्य शिक्षा बोर्ड निर्णय लेगा इस पर कोई भी भाष्य करना संभव नहीं है.
– डॉ. वंसत कालपांडे,
सदस्य परीक्षा नियोजन समिति