अब अगले साल ही शुरू होगी कालेजों में पढाई
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नया शैक्षणिक कैलेंडर 23 नवंबर से होगा शुरू
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दिसंबर में विद्यापीठ का होगा दीक्षांत समारोह
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प्रत्यक्ष अध्यापन शुरू करने में लगेगा वक्त
अमरावती/प्रतिनिधि/दि.26 – स्थानीय संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ से संलग्नित 384 महाविद्यालय अब सीधे अगले वर्ष यानी वर्ष 2021 में ही शुरू होंगे, ऐसा चित्र फिलहाल दिखाई दे रहा है. हालांकि विद्यापीठ द्वारा 23 नवंबर से अपना नया शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया गया है. लेकिन फिर भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल कालेजों के दरवाजे नहीं खुलेंगे, ऐसा माना जा रहा है. वहीं दूसरी ओर जानकारी है कि, आगामी 20 दिसंबर को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जायेगा.
ज्ञात रहें कि, केंद्रीय विद्यापीठ अनुदान आयोग ने महाविद्यालयोें तथा विद्यापीठों को शैक्षणिक सत्र के संदर्भ में मार्गदर्शक दिशानिर्देश जारी किये गये है. जिसके तहत शैक्षणिक सत्र में पाठ्यक्रम का नियोजन ऑनलाईन व ऑफलाईन तरीके से करना अपेक्षित है, लेकिन कोरोना संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विद्यापीठ ने सभी महाविद्यालयों को विद्यार्थियोें की सुरक्षा के मामले को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है. जिसके चलते सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ ने अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का ऑनलाईन व ऑफलाईन पध्दति से नियोजन किया. जिसका परिणाम घोषित करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है. लेकिन शैक्षणिक सत्र को नियोजीत समयसारणी के अनुसार शुरू करना फिलहाल संभव नहीं दिखाई दे रहा. ऐसे में सभी संस्था चालकों व प्राचार्यों ने अब नये वर्ष में ही महाविद्यालय शुरू करने का विचार करना शुरू किया है. अब तक विद्यापीठ में व्यवस्थापन परिषद, विद्वत परिषद, परीक्षा मंडल, अभ्यास मंडल की बैठके ऑनलाईन आयोजीत की गई है और आगामी सीनेट सभा भी ऑनलाईन तरीके से ही आयोजीत करने का नियोजन किया जा रहा है.
इन मसलों पर विद्यापीठ दे रहा ध्यान
– जिला आपत्ति प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिलाधीश की अनुमति.
– महाविद्यालय शुरू करते समय गूगल फार्म के जरिये पालकों के अभिप्राय.
– स्थानीय स्तर पर कोरोना संबंधित हालात की समीक्षा.
– व्यवसायिक पाठ्यक्रमवाले महाविद्यालयों को शुरू करने की प्राथमिकता.
विद्यापीठ के शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार 23 नवंबर से ऑफलाईन पढाई शुरू होना अपेक्षित है. लेकिन कोरोना की संभाव्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए अब नये वर्ष में ही महाविद्यालय शुरू होंगे. ऐसे संकेत दिखाई दे रहे है. इस बारे में संस्था चालकों व प्राचार्यों से चर्चा करने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा, लेकिन विद्यार्थियों की सुरक्षा को सबसे पहली प्राथमिकता दी जायेगी.