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अब टाईमटेबल की हो रही ‘परीक्षा

समूचे राज्य के विद्यापीठोें के सामने पदवी पाठ्यक्रमोें के अंतिम वर्ष की परीक्षा लेने में समस्याओं के ‘प्रश्न‘

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२८ – इस समय समूचे राज्य के विद्यापीठों द्वारा पदवी व पदव्युत्तर पाठ्यक्रमोें के अंतिम वर्ष की परीक्षा लेने की तैयारियां की जा रही है. किंतु जारी हालात के मद्देनजर कहा जा सकता है कि, इस समय सभी विद्यापीठों की परीक्षाओं का टाईमटेबल बनाने की ‘परीक्षा‘ चल रही है और विद्यापीठों को परीक्षा से संबंधित नियोजन करने में समस्याओं के अनेकोें ‘प्रश्न‘ हल करने पड रहे है. बता दें कि, ऑनलाईन परीक्षा लेने हेतु आयटी कंपनी की नियुक्ती करने से संबंधित समस्या, राज्य के अकृषि विद्यापीठों में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का कलमबंद आंदोलन तथा अक्तूबर माह के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय स्तर पर होनेवाली प्रवेश परीक्षा आदि कारणों के चलते परीक्षा के नियोजन में कई तरह की दिक्कतें पेश आ रही है. मौजूदा हालात में राज्य के विद्यापीठों द्वारा परीक्षाओं के टाईमटेबल का नियोजन १० अक्तूबर के बाद करने पर जोर दिया है, लेकिन यदि शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का मसला हल नहीं हुआ, तो परीक्षाओं का नियोजन करने और भी अधिक मुश्किल हो जायेगा.
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले के बाद तथा विद्यापीठ अनुदान आयोग (UGC) के मार्गदर्शनानुसार राज्य के अकृषि विद्यापीठों ने अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का नियोजन करने की शुरूआत की है. इस वर्ष राज्य के करीब ८ लाख विद्यार्थी यह परीक्षा ऑनलाईन व ऑफलाईन पध्दति से देंगे तथा ऑनलाईन परीक्षा के लिए सभी विद्यापीठों द्वारा आयटी कंपनियों को नियुक्त करने एवं आयटी इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा उपलब्ध करने की कार्रवाई की जा रही है. जो इस समय निविदा प्रक्रिया के स्तर पर ही है. इसमें भी यह उल्लेखनीय है कि, ऑनलाईन परीक्षा का विरोध करनेवाले कई विद्यार्थियों द्वारा विद्यापीठों से ऑनलाईन परीक्षा का पर्याय दिये जाने की मांग की गई है और परीक्षा को समयावृध्दि दिये जाने की भी मांग की जा रही है. ज्ञात रहे कि, राज्य के सभी विद्यापीठों द्वारा १ अक्तूबर से अंतिम वर्ष की परीक्षा शुरू करने का नियोजन किया गया था, जो ३० अक्तूबर तक चलनेवाली थी. लेकिन २ अक्तूबर को गांधी जयंति के निमित्त अवकाश है. वहीं ४ अक्तूबर को यूपीएससी की नागरी सेवा पूर्व परीक्षा है. इसके साथ ही १ तथा ९ अक्तूबर को नैशनल टैस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा ‘नेट‘ की परीक्षा ली जानी है. वहीं ११ अक्तूबर को सीईटी सेल द्वारा बीपीएड-सीईटी की परीक्षा ली जानी है. ऐसे में इन तमाम परीक्षाओं के टाईमटेबल की वजह से पदवी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का टाईम टेबल कैसे तैयार किया जाये, इस सवाल से सभी विद्यापीठ जूझ रहे है. वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों द्वारा विद्यापीठों के समक्ष आये दिन नई-नई मांगे रखी जा रही है. जिसकी वजह से विद्यापीठोें को परीक्षाओं का टाईमटेबल घोषित करने में काफी समस्याओें का सामना करना पड रहा है.

 

विद्यापीठ                                               अंतिम वर्ष की विद्यार्थी संख्या

सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ                                  २,५५,१२४

मुंबई विद्यापीठ मुंबई                                                   २,०३,७००

डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठ              ७३,६२१

शिवाजी विद्यापीठ कोल्हापुर                                           ७३,५०६

संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ                               ७०,२२४

राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ                  ७०,०००

कवियत्री बहिणाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विद्यापीठ     ४६,४६६

पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर सोलापुर विद्यापीठ        ३८,०००

स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विद्यापीठ                     ३५,५००

गोंडवाना विद्यापीठ                                                           २४,०००

एसएनडीटी महिला विद्यापीठ                                          १४,८३९ 

 

आगे भी टल सकती है परीक्षाएं

कर्मचारियों के काम बंद आंदोलन से गडबडा चुका है नियोजन संगाबा अमरावती विद्यापीठ के सुत्रों द्वारा जतायी गयी संभावना के मुताबिक इस समय शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के कलमबंद आंदोलन की वजह से विद्यापीठ के परीक्षा विभाग में परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित कामकाज का नियोजन पूरी तरह से गडबडा गया है. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इस हडताल को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. किंतु यदि यह हडताल खत्म नहीं होती है, तो पदवी व पदव्युत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को कुछ समय के लिए स्थगित करते हुए आगे मुल्तवी करना पड सकता है. कर्मचारियों द्वारा की जा रही हडताल की वजह से परीक्षा संबंधित कामकाज के साथ ही तृतीय सत्र के परीक्षा परिणाम घोषित करने का काम भी बडे पैमाने पर प्रभावित हुआ है. ऐसे में विद्यापीठ प्रशासन सहित राज्य सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे है कि, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की हडताल जल्द से जल्द खत्म हो जाये.

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