अब प्रकाश कालबांडे के नामांकन को हाईकोर्ट में चुनौती
राजेंद्र महल्ले ने उठाया था नामांकन पर आक्षेप
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२० – इस समय जहां एक ओर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के चुनाव के नामांकन वापसी की अंतिम तिथी नजदिक आ रही है. वहीं दूसरी ओर क-2 (हाउसिंग व पतसंस्था) निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन दाखिल करनेवाले प्रकाश बाबाराव कालबांडे की दावेदारी को उनके प्रतिस्पर्धी राजेंद्र महल्ले द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है. महल्ले की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई हेतु आगामी 27 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है. 27 सितंबर को हाईकोर्ट द्वारा दिया जानेवाला फैसला 23 सितंबर को बैंक के निर्वाचन निर्णय अधिकारी द्वारा प्रत्याशियों की अंतिम सूची घोषित करने को लेकर लिये जानेवाले निर्णय पर भी लागू रहेगा. ऐसे में अब सभी की निगाहें इस मामले को लेकर 27 सितंबर को हाईकोर्ट द्वारा दिये जानेवाले फैसले की ओर लगी हुई है.
बता दें कि, विगत 31 अगस्त से 5 सितंबर तक जिला बैंक के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया चली और 6 सितंबर को सभी वैध नामांकनों की पडताल करते हुए मैदान में मौजूद प्रत्याशियों के नामों की सूची घोषित की गई. इस समय क-2 संवर्ग से चुनाव लड रहे राजेंद्र महल्ले ने अपने प्रतिस्पर्धी प्रकाश बाबाराव कालबांडे के नामांकन को लेकर जिला बैंक के निर्वाचन निर्णय अधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज करायी और प्रकाश कालबांडे के नामांकन को रद्द करने की मांग की. जिसे जिला बैंक के निर्वाचन निर्णय अधिकारी द्वारा खारिज कर दिया गया. जिसके खिलाफ राजेंद्र महल्ले द्वारा अपने वकील व वरिष्ठ विधिज्ञ एड. सुबोध धर्माधिकारी, एड. किशोर शेलके व एड. अमित जामठीकर के जरिये मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई. जिसे न्या. घारोटे की अदालत द्वारा सुनवाई हेतु स्वीकार किया गया है. साथ ही इस याचिका पर अगली सुनवाई हेतु 27 सितंबर की तारीख तय की गई है. इसी बीच जिला बैंक के चुनाव हेतु नामांकन वापसी की अवधि 22 सितंबर को खत्म होगी तथा 23 सितंबर को प्रत्याशियों के नामों की अंतिम सूची घोषित की जायेगी. लेकिन इसके बावजूद क-2 संवर्ग के एक दावेदार को लेकर सस्पेन्स बना रहेगा, जो 27 सितंबर को अदालत द्वारा सुनाये जानेवाले फैसले के बाद दूर होगा. ऐसे में अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि, हाईकोर्ट का फैसला प्रकाश कालबांडे अथवा रविंद्र गायगोले में से किसके पक्ष में जाता है.
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उन्हें अपनी हार का डर सता रहा
इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रकाश कालबांडे ने कहा कि, उनके विरोधियों को चुनावी मैदान में सीधी लडाई के दौरान अपनी हार का डर सता रहा है. यहीं वजह है कि, अब वे अदालती लडाई के रास्तों का सहारा ले रहे है. किंतु इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पडता. क्योंकि उनका काम पूरी तरह से साफ-सूथरा और नियमानुकूल है. ऐसे में अदालत में फैसला उनके ही पक्ष में आना तय है.