कोर्ट में अब पक्षकारों को ‘टोकन एंट्री’
60 से ज्यादा वकील व कर्मचारी हुए थे कोरोना बाधित
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अमरावती जिला न्यायालय ने दिया आदेश
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जिसकी तारीख पेशी उसे ही मिल रही एंट्री
अमरावती/प्रतिनिधि दि.20 – कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष जारी किये लॉकडाउन के बाद न्यायालय का कामकाज कुछ महिने तक आधे दिन चलता था. लेकिन बीते 1 महिने से अमरावती न्यायालय का कामकाज पूर्ण समय शुरु हो गया था. उसी दौरान अमरावती में अचानक कोरोना बाधितों की संख्या तेजी से बडती गई. अमरावती जिला न्यायालय के 60 से ज्यादा वकील और न्यायालयीन कामकाज संभालने वाले कर्मचारी कोरोना बाधित पाये जाने से जिला वकील संघ ने चिंता जताई थी. हाल ही में जिला वकील संघ ने न्यायाधिश को निवेदन देकर इस पर उपाय सुझाने की मांग की थी. जिसके चलते अब कोर्ट में जिस व्यक्ति की तारीख पेशी है अथवा जिस गवाह का बयान दर्ज करवाना है, केवल उसे ही ‘टोकन’ देकर न्यायालय में प्रवेश दिया जा रहा है. इस कारण आज पहले ही दिन न्यायालय परिसर के ई-सेवा केंद्र पर टोकन लेने पक्षकारों की लंबी कतार लगी थी.
अमरावती जिला न्यायालय में जब तेजी से वकील कोरोना बाधित पाये जाने लगे थे तब जिला वकील संघ ने न्यायाधीश को निवेदन देकर इस पर रोक लगाने उचित उपाय करने की अपील की थी. जिस पर प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश उर्मिला जोशी ने एक आदेश जारी किया. जिसके तहत उन्होंने जिला वकील संघ के सभी सदस्यों को सूचित किया है कि, अगर जरुरी रहा तो ही पक्षकार को न्यायालय में उपस्थित रहने की सूचना दे. पक्षकारों ने सर्वप्रथम जिला न्यायालय के नई इमारत के तलघर में कार्यारत ई-सेवा केंद्र में प्रवेश कर वहां से संबंधित न्यायालय में उपस्थित रहने के लिए डेली बोर्ड की जानकारी कर्मचारियों को दे. ई-सेवा में कार्यरत कर्मचारियों ने पोर्टल में जांच पडताल कर संबंधित पक्षकार की तारीख रही तो ही उसे टोकन दे. यह टोकन प्राप्त करने के बाद ही पक्षकार को न्यायालय की इमारत में प्रवेश मिलेगा. इसके अलावा न्यायालय में गवाही देने के लिए आने वाले गवाहों ने मुख्य प्रवेश द्बार पर तैनात कर्मचारियों को साक्ष समन्स दिखाकर प्रवेश करें. पोस्को कानून अंतर्गत गवाही के लिए आने वाले बालगवाह के साथ उसके एक करीबी रिश्तेदार को ही प्रवेश दे. न्यायालय ने यह आदेश देते हुए स्पष्ट किया है कि, पक्षकार के अलावा उसके किसी भी मित्र अथवा रिश्तेदार को न्यायालय की इमारत में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इस कारण पक्षकार ने न्यायालय में आते समय किसी रिश्तेदार को अपने साथ नहीं लाना चाहिए. न्यायालस परिसर अथवा वकीलों के निजी कक्ष में पक्षकारों की भीड न हो, इसकी खबरदारी बरतने के निर्देश भी प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश श्रीमती उर्मिला जोशी ने दी है.