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अब विमान के इंधन से भी महंगा है पेट्रोल

विमान चलाना सस्ता, बाईक चलाना महंगा

  • दरवृध्दि से लोगों का बिगड रहा बजट

  • सडक पर बहुतायत में दिखने लगी साईकिलें

अमरावती/प्रतिनिधि दि.31 – विगत कई दिनों से पेट्रोल व डीजल की दरों में लगातार वृध्दि हो रही है. जिसके चलते आम नागरिकों का आर्थिक बजट गडबडा रहा है. क्योेंकि एक तो उन्हेें अपनी जरूरत के लिहाज से पेट्रोल व डीजल खरीदने पर पहले की तुलना में काफी अधिक खर्च करना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर पेट्रोलियम पदार्थों की दरें बढने की वजह से मालढुलाई की दरें भी बढ गई है. जिसकी वजह से अनाज व किराणा जैसी जिवनावश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे है. इन पर भी आम नागरिकों को पहले की तुलना में काफी अधिक खर्च करना पड रहा है. इसके अलावा सबसे रोचक बात यह है कि, इस समय बाईक व कार में डाले जानेवाले पेट्रोल की दरें आसमान में उडनेवाले विमानों में प्रयुक्त होनेवाले इंधन की दरों से करीब दोगुना अधिक हो गई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, अब कार व बाईक चलाना विमान उडाने से कही अधिक महंगा हो गया है.
बता दें कि, इस समय अमरावती शहर में करीब 35 पेट्रोल पंप है. जहां से रोजाना करीब 60 हजार लीटर पेट्रोल व डीजल की बिक्री होती है. इस समय पेट्रोल के दाम 109.28 रूपये तथा डीजल के दाम 98.94 रूपये प्रति लीटर के स्तर पर है. वहीं विमान उडाने हेतु प्रयोग में लाये जानेवाले एटीएफ इंधन की दरें 66.48 रूपये प्रति लीटर है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, पेट्रोल व डीजल से कही अधिक सस्ता विमानों में प्रयुक्त होनेवाले इंधन होता है.
पेट्रोल व डीजल की लगातार बढती दरों की वजह से अब यात्री परिवहन व मालढुलाई की दरें बढ गई है. पहले जहां दुपहिया वाहन में 100 रूपयों का पेट्रोल भराने पर पांच से छह दिन का काम आराम से चल जाता था, लेकिन अब शहर के शहर में घुमने के लिए भी 100 रूपयों का पेट्रोल तीन दिन हेतु कम पडने लगा है. वहीं इससे पहले 200 से 500 रूपयों के पेट्रोल में आसपास के शहरों तक बडे आराम से जाना-आना हो जाया करता था, लेकिन अब 700 से 1000 रूपये तक का पेट्रोल वाहनों में डलवाना पडता है. इसके अलावा माल ढुलाई की दरें बढने की वजह से जीवनावश्यक वस्तुओं के दामों में लगातार वृध्दि हो रही है और पहले जो किराणा डेढ हजार रूपये आ जाता था, अब उसी किराणा के लिए करीब 3 हजार रूपये का खर्च करना पडता है. इन तमाम बातों की वजह से लोगों का आर्थिक नियोजन बुरी तरह से गडबडा रहा है.

  • ये है फर्क (दर प्रति लीटर)

विमान का इंधन – 66.48
पेट्रोल – 109.28

  • शहर में पेट्रोल पंपों की संख्या – 35
  • रोजाना होनेवाली इंधन बिक्री – 60 हजार लीटर
  • शहर में वाहन संख्या – दुपहिया – 3 लाख, चार पहिया – 95 हजार

 

  •  आय घटी, खर्च बढा

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए लागू किये गये लॉकडाउन की वजह से कई लोगों की नौकरी व रोजगार खत्म हो गये. साथ ही कई लोगों को वेतन कटौती का भी सामना करना पडा. जिसकी वजह से उनकी आर्थिक दिक्कतें पहले ही बढी हुई थी. वहीं अब रही-सही कसर पेट्रोलियम पदार्थों व जीवनावश्यक वस्तुओं की दरवृध्दि ने पूरी कर दी है और लगातार बढती महंगाई ने आम नागरिकों की कमर तोड दी है.

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