अब पुलिस एक-एक दुकान के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही
तोडफोड व आगजनी करनेवाले दंगाईयों को किया जा रहा ‘सर्च’
अमरावती/दि.19 – बीते सप्ताह शुक्रवार 12 नवंबर को रजा अकादमी के आवाहन पर त्रिपुरा की कथित घटना का निषेध करने हेतु निकाले गये मोर्चे के बाद अमरावती शहर में धार्मिक तनाव, आगजनी, तोडफोड, पथराव तथा धार्मिक स्थानों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं घटित हुई. साथ ही शनिवार 13 नवंबर को पूरा दिन भाजपा द्वारा किये गये आवाहन पर अमरावती बंद के दौरान दो समुदायों के बीच जबर्दस्त टकराव और धार्मिक तनाववाली स्थिति रही. जिस पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग करने के साथ ही कडा बंदोबस्त लगाते हुए काबू पाया गया. वहीं अब इन तमाम घटनाओं में शामिल उत्पातियों व दंगाईयों को खोजने हेतु पुलिस ने शहर के महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर स्थित प्रतिष्ठानों और दुकानों के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया है, ताकि अब तक पुलिस की नजर से बचे रहनेवाले उपद्रवियों व आंदोलकोें को भी पकडा जा सके.
बता दें कि, विगत सप्ताह 12 व 13 नवंबर को अमरावती शहर में दो गुटों के बीच जबर्दस्त तनाव पैदा हुआ. जिसमें एक-दूसरे पर पथराव करने के साथ ही दुकानों व प्रतिष्ठानों में तोडफोड करते हुए लूटपाट भी की गई. कई दुकानों व वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. साथ ही कुछ धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाते हुए कुछ लोगोें पर जानलेवा हमले भी किये गये. इसके अलावा कुछेक स्थानों पर पुलिस के साथ भी संतप्त भीड का टकराव हुआ. हालांकि पुलिस ने पूरा संयम बनाये रखते हुए हालात पर कुछ ही घंटों के भीतर काबू पाया और शहर में हालात को सामान्य व शांत करने के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया गया. वहीं शुक्रवार व शनिवार को तोडफोड, लूटपाट व आगजनी में शामिल लोगों की गिरफ्तारी का सत्र भी शुरू किया गया. जिसके तहत अब तक कई मामलों में अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी करते हुए कई आरोपियों को नामजद किया जा चुका है. जिनमें से कईयों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. वहीं पुलिस अब उन लोगों की खोज भी कर रही है, जो अब तक पुलिस की नजर में आने से बचे हुए है. इसके लिए पुलिस द्वारा राजकमल चौक, चित्रा चौक, राजापेठ, श्याम चौक, जयस्तंभ चौक, मालवीय चौक, इतवारा बाजार, वलगांव रोड, इर्विन चौक व कॉटन मार्केट रोड सहित इर्विन से जिलाधीश कार्यालय तक जगह-जगह पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरों के फूटेज खंगाले जा रहे है, ताकि तोडफोड व हिंसा में शामिल और दंगों में सक्रिय हर एक आरोपी को पकडा जा सके.
उल्लेखनीय है कि, विगत 12 व 13 नवंबर को कई लोग दंगों में बेहद सक्रिय थे और पत्थरबाजी व तोडफोड में उनकी प्रमुख भूमिका थी. किंतु वे अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. हालांकि रविवार 14 नवंबर से ही पुलिस द्वारा अपराध दर्ज करने और दंगों में शामिल आरोपियों को पकडने का सिलसिला शुरू हो चुका था. जिसके तहत पुलिस ने किसी भी तरह की लापरवाही न दिखाते हुए अलग-अलग पार्टियों व दलों के बडे-बडे नेताओं से लेकर छोटे-मोटे कार्यकर्ताओं पर विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किये. साथ ही अब भी गिरफ्तारी का सत्र शुरू है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज भी देखे जा रहे
बता दें कि, शनिवार को अमरावती में तेजी से फैलती हिंसा के मद्देनजर अफवाहों को फैलने से रोकने हेतु पुलिस ने अमरावती शहर में इंटरनेट को बंद करने का फैसला किया था. जिसके बाद दोपहर 3 बजे के पश्चात नेट की रफ्तार सुस्त हुई और रात 10 बजते-बजते इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बंद कर दी गई. लेकिन इससे पहले शुक्रवार 12 नवंबर की शाम और शनिवार 13 नवंबर को सुबह 8 से दोपहर 4 बजे के दौरान सोशल मीडिया पर सैंकडों फोटोज व वीडियोज अमरावती की घटना को लेकर पोस्ट व शेयर किये गये. साथ ही कई लोगोें ने अपने फेसबुक अकाउंट पर तनावग्रस्त इलाकों से लाईव स्ट्रिमिंग भी की. जिसमें हिंसा व तोडफोड की घटनाओं को साफ तौर पर देखा जा सकता है. साथ ही साथ इन घटनाओं में शामिल लोग भी स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहे है. ऐसे में पुलिस अब सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गये फोटोज व वीडियोज को भी बेहद बारीकी से देख रही है. जिसके आधार पर आरोपियों की शिनाख्त की जा रही है.
स्वतंत्र व्यवस्था को लगाया गया है काम पर
विगत शुक्रवार व शनिवार को हुई हिंसक वारदातों के दौरान हुए नुकसान का आकलन करने के साथ ही तोडफोड में शामिल आरोपियों की पहचान करने हेतु पुलिस प्रशासन ने एक स्वतंत्र व्यवस्था को काम पर लगाया है. जिसके तहत नागपुरी गेट, सिटी कोतवाली, राजापेठ व गाडगेनगर इन चार पुलिस थानों सहित विशेष शाखा व अपराध शाखा द्वारा आपस में समन्वय रखते हुए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है. इसके तहत सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे चेहरों की शिनाख्त करते हुए आरोपियों को खोजने और उन पर अपराध दर्ज करने को पुलिस द्वारा पहली प्राथमिकता दी जा रही है.
70 फीसद से अधिक उत्पाती हुए फरार
शहर में हुई हिंसा व तोडफोड की घटना में शामिल रहने के चलते कई लोग मुख्य आरोपी के तौर पर शहर पुलिस के लिए ‘वॉन्टेड’ हो गये है, जिनमें से कई आरोपी पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए शहर से फरार हो गये है. शहर छोडकर भाग जानेवाले आरोपियों में से अधिकांश लोग नागपुरी गेट व खोलापुरी गेट पुलिस थानांतर्गत विभिन्न मामलों में नामजद किये गये है. वहीं इन थाना क्षेत्रों में अब तक जो आरोपी पुलिस द्वारा पकडे गये है, वे छोटे-मोटे कार्यकर्ता है. जिनसे पुलिस को कोई खास जानकारी भी नहीं मिली है. इसके अलावा विगत शुक्रवार को बिना अनुमति मोर्चा निकालकर शहर में तनाव एवं जातीय हिंसा का बीज बोनेवाली रजा अकादमी के पदाधिकारी व सूत्रधार कहां है, इसका अब तक शहर पुलिस पता नहीं लगा पायी है.
कई लोगों ने डीवीआर का डेटा किया डिलीट
पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने का काम शुरू किये जाते ही शहर के कई लोगोें ने अपने-अपने घरों व प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षा की दृष्टि से लगाये गये सीसीटीवी कैमरों के फुटेज नष्ट करने हेतु अपना डीवीआर डेटा डिलीट करना शुरू कर दिया है. इसके तहत विशेष रूप से शहर के पश्चिम क्षेत्र में रहनेवाले लोगों द्वारा सीसीटीवी कैमरों पर डीवीआर डेटा बडे पैमाने पर डिलीट किये जाने की खबरें है. साथ ही साथ शहर के उन सभी इलाकों में लोगबाग पुलिस की झंझट से बचने हेतु अपने सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर डेटा डिलीट कर रहे है. जिन इलाकों में शनिवार 13 नवंबर को बडे पैमाने पर हिंसक वारदाते हुई थी.