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रापनि के साथ-साथ अब लक्जरी बसों का किराया भी बढा

त्यौहारोें व डीजल दर वृध्दि की वजह से बढी दरें

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – प्रति वर्ष दशहरा व दीपावली जैसे पर्व के समय रापनि बसों व निजी लक्जरी बसों में यात्रियोें की अच्छी-खासी भीडभाड होती है. ऐसे समय जहां एक ओर रापनि बसों का किराया लगभग पहले की तरह ही सामान्य रहता है, वहीं निजी लक्जरी बसों के किराये में कुछ हद तक वृध्दि होती है. किंतु इस बार ऐन दीपावली से पहले रापनि बसों के किराये में वृध्दि की है. वहीं अब निजी लक्जरी बसों के किराये में भी वृध्दि होना तय है.
बता दें कि, इन दिनों की डीजल की दरों में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में यात्री परिवहन में लगनेवाली लागत बढ गई है. वहीं इससे पहले विगत वर्ष लॉकडाउन के चलते यात्री परिवहन क्षेत्र को पूरी तरह से बंद रखा गया था. ऐसे में निजी व सरकारी बसें अपनी-अपनी जगह लंबे समय तक खडी रही. साथ ही अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान यात्री परिवहन को छूट मिलने के बाद भी अधिकांश रूटों पर यात्रियों की संख्या पहले जैसी नहीं रही और अत्यल्प यात्री संख्या के साथ बसों को चलाना पडा. जिससे लंबे समय तक यात्रा में लगनेवाली लागत भी नहीं निकल पायी. ऐसे में निजी व सरकारी यात्री बसों को काफी हद तक नुकसान का सामना भी करना पडा. अत: खर्च और लागत को निकालने के साथ-साथ नुकसान की भरपाई हेतु यात्रा शुल्क को बढाये जाने पर विचार-विमर्श करना शुरू किया गया. इसी दौरान डीजल की दरों में बेतहाशा वृध्दि होनी शुरू हुई, जो अब भी जारी है. ऐसे में अब यात्रा की टीकटों में दोगुना वृध्दि होनी तय है, ताकि खर्च और लागत के संतुलन को बनाये रखा जा सके. ऐसे में आगामी दिनों में जहां एक ओर राज्य परिवहन निगम की बसों में यात्रा शुल्क में और अधिक वृध्दि होती दिखाई देगी, वहीं निजी लक्जरी बसों के किराये में करीब दो से तीन गुना वृध्दि होना संभव है. उल्लेखनीय है कि, निजी बसों का किराया पहले ही रापनि बसों की तुलना में 50 फीसद अधिक होता है. जिसके लिए बाकायदा सरकार द्वारा अनुमति दी गई है, वहीं दीपावली जैसे पर्व पर दीपावली से पहले पुणे से अमरावती आनेवाली बसों में यात्री संख्या काफी अधिक रहती है और दीपावली के बाद अमरावती से पुणे वापिस लौटनेवाले यात्रियों की बहुतायत होती है. ऐसे में दीपावली से पहले व दीपावली के बाद दोनों ओर से एक-एक तरफ की बस फेरी लगभग खाली रहती है. ऐसे में बसों के जाने-आने के खर्च का तालमेल बिठाने हेतु लक्जरी बसों का किराया दो से ढाईगुना बढा दिया जाता है. वहीं इस वर्ष इस पर डीजल वृध्दि की भी मार देखी जा रही है.

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