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मौसम बदलते ही अब मौसमी बीमारियों के फैलने का खतरा

सर्दी-खांसी व वायरल फीवर के मरीज बढे

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२ – विगत दिनों लगातार एक सप्ताह तक बारिश चलती रही. वहीं पिछले दो दिनों से मौसम पूरी तरह साफ है और धूप खिलने के साथ ही भारी उमस का वातावरण है. जिसके चलते महसूस ही नहीं हो रहा कि, दो दिन पहले तक चहुंओर झमाझम बारिश भी हो रही थी. मौसम में अकस्मात आये इस बदलाव का सीधा असर लोगोें के स्वास्थ्य पर पड रहा है और इन दिनों अचानक ही सर्दी-खांसी व वायरल फीवर (Viral fever) से पीडित मरीजों का प्रमाण बढता दिखाई दे रहा है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों पहले ही कोरोना संक्रमण का जबर्दस्त खतरा बना हुआ है. वहीं दूसरी ओर मौसम में आये बदलाव की वजह से मौसम बीमारियों ने पांव पसारते हुए लोगोें की मुश्किले काफी बढा दी है. इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर शहर के ख्यातनाम चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य महकमे से संपर्क किये जाने पर पता चला कि, मौसम में आये बदलाव की वजह से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा कुछ हद तक बढा तो है, लेकिन सभी लोग यदि अपने स्वास्थ्य को लेकर थोडी सावधानी व सतर्कता बरते तो तमाम तरह के संक्रमण से बचा जा सकता है.

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  • सर्दी-जुकाम को हल्के में ना ले, स्वास्थ्य जांच करवाये

शहर के ख्यातनाम चिकित्सक डॉ. प्रफुल्ल कडू के मुताबिक इन दिनों कोरोना के साथ-साथ काफी हद तक डेंग्यू, मलेरिया (Dengue, malaria) व सारी जैसी बीमारियों से पीडित मरीज भी पाये जा रहे है. ऐसे में सभी लोगोें ने अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सतर्क व सजग रहना जरूरी है. डॉ. कडू के मुताबिक इस समय सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों को भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिये, बल्कि तुरंत ही अपनी स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिये. ताकि समय रहते किसी भी तरह की संक्रामक बीमारी का निदान किया जा सके.

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  • सतर्कता ही सबसे बडा रक्षात्मक उपाय

इस संदर्भ में शहर के ख्यातनाम बालरोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप दानखडे ने कहा कि, मौसम में बदलाव आते ही मौसमी बीमारियों का फैलना बेहद आम बात है, लेकिन इस समय जिस तरह के हालात चल रहे है, उसे देखते हुए सभी को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है. इन दिनों बाहर बिकनेवाले और खुले में रखे खाद्यपदार्थ बिल्कूल भी नहीं खाना चाहिये. साथ ही अपने घरों के आसपास लंबे समय तक पानी जमा नहीं होने देना चाहिये. ऐसे पानी में डेंग्यू के मच्छरों के पैदा होने का खतरा होता है. इसके अलावा भीडभाड में जाना टालना चाहिए और बेहद आवश्यक होने पर बाहर निकलना जरूरी रहने पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमोें व मास्क का प्रयोग अवश्य करना चाहिए.

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