* 44 हजार 501 राजस्व गांवों से काम शुरू
पुणे/दि.13- जिस तरह प्रत्येक व्यक्ति को आधार क्रमांक दिया जाता है, उसी तरह जमीन को भू आधार क्रमांक तथा प्रत्येक गांव को 6 अंकी संकेतांक या कोड नंबर दिया गया है. जमाबंदी आयुक्तालय द्वारा राज्य के 44 हजार 501 गांवों को इस तरह का संकेतांक दिये जाने से अब यह गांव सरकारी राजपत्र में राजस्व गांव के तौर पर शामिल हो गये है.
यह उपक्रम पूरे देशभर में चलाया जायेगा. जिसके लिए ग्राम पंचायत, नगर पालिका व महानगरपालिका कोड के साथ ही निर्वाचन क्षेत्र व जनगणनानिहाय कोड नंबर देने का काम शुरू हो गया है. इन संकेतांकों की वजह से गांव की निश्चित पहचान बतायी जा सकेगी. ऐसे में गांव के नामों को लेकर होनेवाली गडबडी तथा अपात्र लाभार्थियों को मिलनेवाले लाभ पर अंकूश लगाया जा सकेगा.
* सरकारी दस्तावेजों में सटीक पहचान
महाराष्ट्र में इससे पहले ही यह कार्य पूरा हो चुका है. जिसके अनुसार राज्य में 44 हजार 501 राजस्व गांवों को एक संकेतांक दिया गया है. जो प्रत्येक 7/12 दस्तावेज के बाये हिस्से में 6 अंकों के साथ दर्ज रहेगा. इसे स्थानीय प्रशासन निर्देशिका यानी लोकल गवर्नमेंट डिरेक्टरी संकेतांक (कोड) कहा जायेगा. जिसके बाद गांव स्तर पर यानी ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका व महानगरपालिका स्तर पर भी एक संकेतांक दिया जायेगा. तीसरे स्तर में निर्वाचन क्षेत्र निहाय संकेतांक रहेगा. जिसके बाद जनगणना निहाय संकेतांक रहेगा. इन चार संकेतांकों के अनुसार गांव की निश्चित पहचान बतायी जा सकेगी और यह पहचान सरकारी दस्तावेजों में बेहद सटीक रहेगी.
गांवों को संकेतांक यानी लोकल गवर्नमेंट डिरेक्टरी (एलजीडी) कोड देने का काम राजस्व संबंधी कामों को बेहद मजबूत करेगा. बेहद क्लिष्ट रहनेवाले इस काम को पूरा करने के लिए काफी समय लगा है. लेकिन इस काम के पूरा हो जाने के चलते अब कई बातेें आसान होकर काम में सुसूत्रता आयेगी और काम में लगनेवाला समय भी बचेगा.
– सरिता नरके
राज्य समन्वयक, ई-फेरफार प्रकल्प, पुणे