अब प्लाज्मा को लेकर होने लगी किल्लत
रक्तदान समिति ने अधिक से अधिक कोरोनामुक्त मरीजों से किया प्लाज्मा दान करने का आह्वान
अमरावती/प्रतिनिधि दि. 25 – इन दिनों कोरोना संक्रमित पाये जानेवाले मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और बेहद गंभीर स्थिति में रहनेवाले कई मरीजों के लिए प्लाज्मा की जरूरत पड़ रही है. किंतु इन दिनों ब्लड बैंक में प्लाज्मा की भारी किल्लत बनी हुई है, क्योंकि कोविड मुक्त होने के बाद लोग-बाग अपना प्लाज्मा दान करने हेतु आगे नहीं आ रहे. ऐसे में अमरावती रक्तदान समिति द्वारा आह्वान किया गया है कि जो लोग 10 जनवरी के बाद कोरोना पॉजीटिव पाये जाने के बाद कोविडमुक्त हुए हैं और जिन्हें कोविड अस्पताल से डिस्चाजई हुए 28 दिन पूरे हो चुके हैं, वे स्वयंस्फूर्त रूप से अपना प्लाज्मा दान करने हेतु आगे आएं, ताकि गंभीर स्थिति में रहनेवाले अन्य कोरोना संक्रमितों की जान बचाई जा सके.
बता दें कि कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज पश्चात कोविडमुक्त होनेवाले मरीजों में एंटी बॉडी विकसित हो जाती है. ऐसे लोगों का प्लाज्मा लेकर उनके ब्लड ग्रुप से मैच करनेवाले अन्य मरीजों को चढ़ाने पर उन मरीजों के शरीर में भी एंटी बॉडी को तैयार किया जा सकता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि इलाज के दौरान जिन मरीजों को किसी अन्य का प्लाज्मा नहीं चढ़ाया गया है और जो केवल दवाईयों व इलाज से ठीक हुए हैं, वे डिस्चार्ज मिलने के 28 दिन पश्चात रक्तदान समिति से संपर्क करते हुए ब्लड बैंक में अपना प्लाज्मा दान करें. ताकि अन्य मरीजों की जान बचाई जा सके.
इस संदर्भ में जिला रक्तदान समिति के अध्यक्ष महेंद्र भूतड़ा सहित अजय दातेराव, श्याम शर्मा, शैलेश चौरसिया, सिमेश श्रॉफ, प्रमेद शर्मा, जस्सी नंदा, राकेश ठाकुर तथा उमेश पाटणकर ने विगत जनवरी माह में कोरोना संक्रमित होकर कोविडमुक्त होनेवाले सभी सभी लोगों से आह्वान किया है कि वे अन्य कोरोना संक्रमितों की जान बचाने के मानवता भरे कार्य हेतु स्वयंस्फूर्त रूप से आगे आएं और ब्लड बैंक पहुंचकर अपना प्लाज्मा दान करें. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि अमरावती को रक्तदाताओं की नगरी कहा जाता है. इस समय अमरावती में किसी भी ग्रुप के रक्त की कोई कमी नहीं है, लेकिन गंभीर स्थिति में रहनेवाले कोरोना संक्रमितों की जान बचाने के लिए केवल कोविड मुक्त हो चुके लोगों के ही प्लाज्मा की जरूरत पड़ती है, अत: नियमित रक्तदाताओं के साथ ही अब सभी लोगों को इस अभियान के साथ जुडऩा पड़ेगा, ताकि हर एक कोरोना संक्रमित मरीज क ीजान को बचाया जा सके. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि प्लाज्मा लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से वेदनारहित होती है और इसमें बहुत ज्यादा समय भी नहीं लगता. साथ ही प्लाज्मा दान करने के बाद भी प्लाज्मा दाता को किसी भी तरह की कोई तकलीफ नहीं होती. अत: कोविडमुक्त हो चुके मरीजों ने बिना डरे व बेझिझक अपना प्लाज्मा दान करने हेतु आगे आना चाहिए. ताकि कोरोना के चलते प्लाज्मा के अभाव में किसी मरीज की मौत ना हो.
बता दें कि इस समय कोविड अस्पतालों में करीब 50 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें तत्काल प्लाज्मा दिये जाने की जरूरत है, लेकिन ब्लड बैंक के पास इसकी एवज में बेहद अत्यल्प प्लाज्मा उपलब्ध है, ऐसे में इन मरीजों को प्लाज्मा को लेकर काफी समस्याओं व किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. इस बात के मद्देनजर अब यह बेहद जरूरी हो चला है कि विगत जनवरी माह के अंत में जितने भी लोग कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद कोविडमुक्त हो चुके हैं, वे अब अपना प्लाज्मा दान करने हेतु आगे आएं.