अमरावतीमुख्य समाचार

अब वर-वधु की टीसी दिखाये बिना ‘बैन्ड-बाजा-बारात’ भी नहीं

टीसी के बिना मंगल कार्यालय, कैटरर्स, बिछायत, लग्नपत्रिका व पंडितजी नहीं मिलेगे

  • बालविवाह रोकने प्रशासन की कडी पहल

  • जिलाधीश नवाल ने जारी किये कडे दिशानिर्देश

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१६ – देश सहित राज्य में बालविवाह प्रतिबंधक कानून लागू रहने के बावजूद समाज में अब भी बालविवाह प्रथा काफी हद तक चल ही रही है. ऐसे में बालविवाह प्रतिबंधक कानून का उल्लंघन करनेवाले सभी घटकों के खिलाफ अब प्रशासन द्वारा कडी कार्रवाई की जायेगी. इस आशय की जानकारी देते हुए जिलाधीश शैलेश नवाल ने आवाहन किया कि, यदि जिले में कहीं पर भी बालविवाह हो रहा है, तो नागरिकों द्वारा सतर्क रहते हुए उसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी जाये. इसके अलावा उन्होंने यह निर्देश भी जारी किया कि, वर व वधू की टीसी या आयु प्रमाणपत्र देखे बिना मंगल कार्यालय, कैटरर्स, पुरोहित, बिछायत केंद्र व लग्नपत्रिका छापनेवाले प्रिंटींग प्रेस आदि द्वारा अपनी विवाह संबंधी सेवाएं न दी जाये. अन्यथा बालविवाह का मामला पाये जाने के बाद उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है.
ज्ञात रहे कि, इस समय समाज में 18 वर्ष से कम आयुवाली लडकियों और 21 वर्ष से कम आयुवाले लडकोें के विवाह बडे पैमाने पर हो रहे है. ऐसा करना कानूनन अपराध है और इसे बालविवाह माना जाता है, लेकिन इसकी किसी के भी द्वारा कोई शिकायत नहीं दी जाती है. इस बात के मद्देनजर जिलाधीश नवाल ने आम नागरिकों से आवाहन किया कि, यदि उनके आसपास कहीं पर भी अल्पवयीन लडके-लडकियों का विवाह हो रहा है, तो वे इसकी जानकारी जिला प्रशासन व पुलिस विभाग को तुरंत दे. बालविवाह प्रतिबंधक कानून के अनुसार बालविवाह करवानेवाले परिवारों के साथ ही विवाहस्थल रहनेवाले होटल या मंगल कार्यालय, पुरोहित, कैटरिंग व बिछायत केंद्र व्यवसायी एवं शादी की निमंत्रण पत्रिका छापनेवाले प्रिंटींग प्रेस के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है. अत: विवाह संबंधी सेवा देनेवाले इन सभी घटकों के लिए भी यह बेहद जरूरी है कि, वे अपनी सेवाएं देने से पहले दुल्हा-दूल्हन की टीसी व उनके आयु प्रमाणपत्र की जांच कर ले.
ज्ञात रहें कि, महिला व बालविकास विभाग की जिला बाल संरक्षण समिती, चाईल्ड लाईन तथा पुनर्वसन व बालकल्याण समिती के अधिकारियों की सोमवार को जिलाधीश नवाल प्रमुख उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण बैठक ली गयी. इस बैठक में बालविवाह के खिलाफ सख्त दिशानिर्देश जारी करते हुए जिलाधीश नवाल ने कहा कि, बालविवाह की प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने हेतु तमाम आवश्यक कदम उठाये जायेंगे और इसमें दोषी पाये जानेवाले हर एक व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. इस बैठक में बताया गया कि, जिला बाल संरक्षण कक्ष द्वारा इस वर्ष मार्च माह से अब तक 11 बालविवाह रोके गये. साथ ही बाल कल्याण समिती के पास आये सभी मामलों का निपटारा किया गया. इस बैठक में समिती की अध्यक्ष वंदना चौधरी, जिला महिला व बालविकास अधिकारी अतूल भडांगे, जिला बाल संरक्षण अधिकारी अजय डवले, चाईल्ड लाईन समन्वय फाल्गून पालकर आदि उपस्थित थे.

  • चाईल्ड लाईन टोल फ्री नंबर 1098 पर करे शिकायत

जिलाधीश शैलेश नवाल सभी नागरिकों से अपने आसपास संपन्न होनेवाले बालविवाह के बारे में प्रशासन को जानकारी देने का आवाहन करते हुए बताया कि, महिला व बालविकास मंत्रालय, केेंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय, रेल्वे मंत्रालय, राज्य सरकार एवं चाईल्ड लाईन इंडिया फाउंडेशन द्वारा चाईल्ड लाईन टोल फ्री क्रमांक 1098 उपलब्ध कराया गया है, जो हर दिन चौबीसों घंटे कार्यरत रहता है और इस क्रमांक पर देश के किसी भी हिस्से से कभी भी फोन लगाया जा सकता है. इस हेल्पलाईन के जरिये संकट में फंसे 18 वर्ष से कम आयुवाले बच्चों को सहायता पहुंचायी जाती है. ऐसे में सभी लोगोें को चाहिए कि, यदि वे अपने आसपास किसी बच्चे को मुसिबत में फंसा पाते है तो उसकी जानकारी तुरंत अपने नजदिकी पुलिस थाने को देने के साथ ही चाईल्ड हेल्पलाईन के टोल फ्री क्रमांक पर भी दें.

  • बालगृह का किया दौरा

इसके साथ ही जिलाधीश नवाल ने मंगलवार को देसाई ले-आउट स्थित लडकियों के सरकारी निरीक्षण गृह व बालगृह को भेट देकर वहां की व्यवस्थाओं का मुआयना किया. इस समय महिला व बालविकास अधिकारी भडांगे तथा परीविक्षा अधिकारी सुभाष अवचार आदि उपस्थित थे. इस समय जिलाधीश नवाल ने निरीक्षण गृह व बालगृह में रहनेवाले बच्चों से संवाद साधते हुए उनकी समस्याओं को जाना. साथ ही संबंधित अधिकारियों को भी इन समस्याओं का निराकरण करने का निर्देश दिया.

Related Articles

Back to top button