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सैनिक सम्मान के साथ हुआ एनएसजी कमांडो वैभव माहुलकर का अंतिम संस्कार

  •  दिल्ली में सडक हादसे का शिकार हुए थे

  • आज सुबह अकोला स्थित घर पहुंचा पार्थिव

  •  सैंकडों नम आंखों ने दी वीर सपूत को अंतिम विदाई

अकोला/प्रतिनिधि दि.12 – स्थानीय गोरक्षण मार्ग स्थित बसेरा कालोनी निवासी तथा केंद्र सरकार के अधिन रहनेवाली एनएसजी फोर्स में कमांडो के तौर पर कार्यरत वैभव सुरेश माहुलकर दो दिन पूर्व दिल्ली में घटित एक सडक हादसे में बुरी तरह घायल हो गये थे. पश्चात सोमवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी. जिसके बाद दिवंगत कमांडो का पार्थिव शरीर दिल्ली से फ्लाईट के जरिये नागपुर Military Conscription, लाया गया और फिर मंगलवार की सुबह 8 बजे एम्बुलन्स से अकोला स्थित उनके निवास पर पहुंचाया गया. जहां पर माहुलकर परिवार सहित हजारोें अकोलावासी इस वीर सपूत के अंतिम दर्शन करने हेतु मौजूद थे. पश्चात पूरे सैनिक सम्मान के साथ एनएसजी कमांडो वैभव माहुलकर के पार्थिव पर मलकापुर स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किये गये. जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014 में सीआरपीएफ में नियुक्त हुए थे और पिछले साल ही उनका चयन एनएसजी फोर्स के लिए किया गया था. दो दिन पूर्व अपनी ड्यूटी पर जाते समय दिल्ली में छाये घने कोहरे की वजह से उनका वाहन एक हादसे का शिकार हो गया. जिसमें वे बुरी तरह से घायल हो गये. पश्चात उन्हें तुरंत ही दिल्ली के अस्पताल में भरती कराया गया था. जहां पर इलाज के दौरान कमांडो वैभव माहुलकर की सोमवार को मौत हो गयी. यह जानकारी प्राप्त होते ही बसेरा कालोनी सहित पुरे अकोला शहर में शोक की लहर व्याप्त हो गयी. पश्चात मंगलवार को दिवंगत कमांडो का पार्थिव उनके घर लाया गया. जहां पर सैनिक दस्ते द्वारा मानवंदना देने के साथ ही पूरे सैनिक सम्मान के साथ इस वीर सपूत की अंतिम यात्रा निकाली गयी और अंतिम सलामी देते हुए उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस समय गोरक्षण परिसर सहित समूचे अकोला शहर में दिवंगत कमांडो को श्रध्दांजलि देने हेतु बडे पैमाने पर बैनर व पोस्टर लगाये गये थे.

जनप्रतिनिधियों व प्रशासन को लेकर लोगोें में दिखा गुस्सा

जानकारी के मुताबिक कमांडो वैभव माहुलकर के अंतिम संस्कार के अवसर पर केवल विधायक सावरकर व मिटकरी तथा पुलिस निरीक्षक खंडेराव ही उपस्थित थे. जबकि ऐसे समय सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पालकमंत्री व जिलाधीश सहित उपविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार आदि का उपस्थित रहना बेहद जरूरी होता है. किंतु कमांडो माहुलकर के अंतिम संस्कार अवसर पर इनमें से कोई भी उपस्थित नहीं रहा. जिसकी वजह से मौके पर उपस्थित जनसमुदाय में काफी रोष व संताप की देखी देशी गयी. साथ ही कई लोगों ने जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की इस संवेदनहिनता का निषेध भी किया.

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