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एनएसयूआई व युकां कार्यकर्ताओं ने कुलगुरु का वाहन रोककर की नारेबाजी

कुछ समय के लिए रहा तनाव

* दूसरे दिन भी आंदोलन जारी
अमरावती/दि.18- संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के सभी अभ्यासक्रम बदले जाने से विद्यार्थियों के सामने बडी दुविधा निर्माण हुई है. इस कारण कैरीऑन अंतर्गत विद्यार्थियों को प्रवेश देने की मांग को लेकर बुधवार को एनएसयूआई व युवा कांग्रेस के पदाधाकारी व कार्यकर्ताओं ने जारी आंदोलन के तहत शाम को कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले का वाहन रोककर जोरदार नारेबाजी की. इस कारण विद्यापीठ प्रवेशव्दार के सामने कुछ समय के लिए तनाव निर्माण हो गया था. आज इस आंदोलन का दूसरा दिन है.
युवक कांग्रेस ने कैरीऑन को लेकर शुरु हुए विद्यार्थियों के आंदोलन में छलांग लगाई है. गुरुवार को कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले को ज्ञापन देकर विद्यापीठ के सामने धरना आंदोलन किया गया. आंदोलन का नेतृत्व अमरावती विधानसभा अध्यक्ष वैभव देशमुख, ग्रामीण जिलाध्यक्ष पंकज मोरे, नीलेश गुहे, समीर जवंजाल, एनएसयूआई अध्यक्ष संकेत साहू, निनाद मानकर, रोहन चिमोटे, अभिजीत मेश्राम, नीतेश वानखडे, राहुल बागडे, अनिकेत कुलट, कुणाज जोध, रितेश पांडव, पंकज मंडले, गुड्डू हमीद, सुजय इंगले, आदित्य पाटिल, धीरज कोकाटे और संकेत कुलट कर रहे हैं. विद्यापीठ के विद्यार्थियों को कैरीऑन लागू करने की मांग को लेकर युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन शुरु किया है. गुरुवार की शाम आंदोलनकर्ता मंडप में बैठे थे तब कुलगुरु डॉ. येवले का वाहन प्रवेशव्दार के सामने से जा रहा था. यह देखते ही एनएसयूआई व युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनका वाहन रोका. ‘वुई वॉन्ट कैरीऑन, कुलगुरु होश में आओ’ ऐसी नारेबाजी करने लगे और कुलगुरु के साथ चर्चा करने का प्रयास किया. लेकिन सुरक्षा रक्षकों ने आंदोलनकर्ताओं को वहां से हटाकर कुलगुरु का वाहन आगे रवाना कर दिया. इस कारण कुछ समय के लिए तनाव निर्माण हो गया था. विद्यापीठ के सामने अपने हक की मांग के लिए शुरु किए गए इस आंदोलन में अमरावती शहर जिला कांगे्रस कमेटी भी शामिल हो गई है. शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले, मिलिंद चिमोटे ने अमरावती विद्यापीठ पहुंचकर सभी विद्यार्थियों के साथ संवाद किया. विद्यार्थियों की सभी मांग को ध्यान में रख हम विद्यार्थियों की इस लडाई में हम उनके साथ एकजुटता से खडे रहेंगे, ऐसा आश्वासन भी शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने दिया. आंदोलनकर्ताओं ने रात को मंडप में ही भोजन कर रात बीताई.

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