अमरावती/दि. 31 –कक्षा पहली से आठवीं तक विद्यार्थियों को पोषाहार का बडे दिनों से इंतजार किया जा रहा था. आखिर करीब 45 दिनों बाद शालाओं में पोषाहार की खिचडी बनना और उसका वितरण आरंभ हो गया. जिससे विद्यार्थियों को राहत मिली है. फरवरी से खिचडी का काम रोक दिया गया था. क्योंकि जिस संस्था को ठेका दिया गया था. उसकी अनुबंध की समय सीमा पूर्ण हो गई थी. पहले पोषाहार के लेखाधिकारी स्वप्निल सुपासे ने बताया कि जिले में 2388 शालाओं में चावल की सप्लाई की गई है. जिससे पोषाहार का वितरण हो रहा है.
अधिकृत सूत्रों ने ठेका अवधि समाप्त होने के कारण विद्यार्थियों को गत 1 फरवरी से 15 मार्च दौरान पोषाहार से वंचित रहने की बात कबूल की है. जिला परिषद को शालाओं ने ठेका अवधि पूर्ण हो जाने के बारे में पत्राचार किया था. शिक्षा विभाग ने भी उसका फालोप लिया. अब ठेकेदार से नया करार किया गया है. जिससे गत 16 मार्च से जिले की 2 हजार से अधिक शालाओं में खिचडी बनना आरंभ हो गया है.
इसमें जिला परिषद के 1,576, नगरपरिषद, मनपा के 161 और निजी अनुदानित 649 ऐसे 2,388 शालाओं का समावेश है. इस शाला के लगभग 2 लाख 46 हजार 456 विद्यार्थियों ने खिचडी का आस्वाद अत बहुप्रतीक्षा के बाद मिलने लगा है.
विशेष बात विगत फरवरी माह से शासन स्तर पर आपूर्तिदारों की नियुक्ति न होने के कारण शााला में पोषण आहार के लिए चावल की आपूर्ति नहीं हुई थी.
* इन विद्यार्थियों को मिलता है पोषाहार
जिला परिषद, नगरपालिका, मनपा और अनुदानित शालाओं में कक्षा पहली से लेकर आठवी तक विद्यार्थियों को राज्य शासन की शालेय पोषाहार योजना के तहत वितरण होता है. जिले में पहली से पांचवी तक 143223, छठवी से आठवी तक 103233 ऐसे कुल 246456 विद्यार्थियों को पोषाहार वितरण का नियेाजन शिक्षा विभाग प्रत्येक माह करता है.