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न्या भूषण गवई ने दुनिया को कराया भारत की प्रभावी न्याय व्यवस्था का परिचय

न्यूयॉर्क में आयोजित अंतरराष्ट्रीय न्यायिक परिषद में हुए सहभागी

अमरावती/दि.23 – अमरीका के न्यूयॉर्क में आयोजित इंटरनेशनल ज्युडिशियल डिस्प्यूट रिझोल्यूशन नेटवर्क परिषद में भारत की ओर से विदर्भ के सुपुत्र रहने वाले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति भूषण गवई ने न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता के साथ हिस्सा लिया. न्या भूषण गवई ने इस परिषद को संबोधित करते हुए पूरी दुनिया को भारत की प्रभावी न्याय व्यवस्था से परिचित भी कराया.
बता दें कि, इस परिषद में भारत सहित अमरीका, ऑस्टे्रलिया, कनाडा, जर्मनी, मलेशिया, फिलिपिन्स, शिंगापुर, इंग्लैंड व वेल्स तथा आयरलैंड आदि देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए है. साथ ही भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व न्यायमूर्ति भूषण गवई द्बारा किया जा रहा है. जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायिक प्रतिनिधियों को भारतीय न्याय व्यवस्था की रचना और न्यायदान के लिए चलाए जाने वाले विविध प्रभावी उपक्रमों की पहचान करवाकर दी.
भारतीय पंचायत संस्कृति में मध्यस्थता व समझौतें का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है. किसी भी विवाद को आपसी सामंजस्य के साथ हल करने को इस संस्कृति में पहली प्राथमिकता दी जाती है. इस न्यायिक तत्व पर न्या. भूषण गवई ने विस्तृत रुप से मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, खुद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी देश में विवादों को अदालत से बाहर निपटाने की संकल्पना को साकार करने हेतु अपना अमूल्य योगदान दिया था. इसी तत्व पर आगे बढते हुए देश में सर्वोच्च न्यायालय से लेकर कनिष्ठ न्यायालय तक प्रत्येेक व्यक्ति को योग्य न्याय मिलने हेतु विधि सेवा प्राधिकरण द्बारा अलग-अलग स्तर पर काम किया जा रहा है. साथ ही विधि सेवा प्राधिकरण के जरिए चलाया जाने वाला लोक अदालत उपक्रम ऐतिहासिक व प्रशंसनीय साबित हो रहा है. क्योंकि लोक न्यायालय की वजह से प्रतिवर्ष देश में हजारों प्रलंबित मामलों का आपसी सामंजस्य की वजह से निपटारा हो जाता है. ऐसे में समझौता योग्य प्रलंबित मामलों का बोझ कम होकर महत्वपूर्ण मामलों के लिए समय देना संभव हो पाता है. इस बात की ओर भी न्या. भूषण गवई ने विशेष जोर दिया.

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