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17 जनवरी को होगा फसल मंडी का चुनाव

राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने जारी किया आदेश

* मतदाता सूची व चुनावी कामों की समयसारणी घोषित

* 6 दिसंबर को होगी अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित

* 16 दिसंबर को जारी होगी चुनावी अधिसूचना

अमरावती/दि.7- कोविड संक्रमण के चलते विगत एक वर्ष के दौरान लगातार तीन बार समयवृध्दि प्राप्त कर चुकी कृषि उत्पन्न बाजार समितियों में चुनाव करवाने का मुहूर्त अंतत: निकल आया है. राज्य सहकार निर्वाचन प्राधिकरण द्वारा कृषि उत्पन्न बाजार समिती की मतदाता सूची तथा निर्वाचन संबंधी कार्यों को लेकर समयसारणी की घोषणा कर दी गई है. जिसके मुताबिक आगामी 6 दिसंबर को कृषि उत्पन्न बाजार समितियों की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी और 16 दिसंबर को चुनाव संबंधी अधिसूचना घोषित होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू की जायेगी. जिसके बाद 17 जनवरी को फसल मंडी के संचालक मंडल के चुनाव हेतु मतदान कराया जायेगा. तथा 18 जनवरी को चुनावी नतीजे घोषित किये जायेंगे. तब तक मौजूदा संचालक मंडल के पास ही कामकाज का प्रभार रहेगा. हालांकि यह संचालक मंडल पूरी तरह से नामधारी रहेगा. जिसके द्वारा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं लिया जा सकेगा.
बता दें कि, अमरावती जिले में 12 फसल मंडियां हैं. जिसमें से 9 फसल मंडियों के संचालक मंडल का कार्यकाल काफी पहले खत्म हो चुका है और इन संचालकों को कोविड संक्रमण के चलते एक वर्ष की समयावृध्दि दी जा चुकी है. वहीं इन 9 में से नांदगांव खंडेश्वर व धामणगांव रेल्वे बाजार समिती में प्रशासक की नियुक्ति की जा चुकी है. साथ ही सितंबर 2021 में दर्यापुर, अंजनगांव सुर्जी, चांदूर रेल्वे व अचलपुर इन चार फसल मंडियों का कार्यकाल खत्म हुआ. साथ ही जारी अक्तूबर माह में अमरावती, चांदूर बाजार, तिवसा इन तीन फसल मंडियों की कार्य अवधि खत्म होने जा रही है. ऐसे में इन सभी फसल मंडियों में संचालक मंडल का चुनाव कराने का आदेश सहकार पणन व वस्त्रोद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है. जिसके चलते राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण द्वारा मतदाता सूची व निर्वाचन संबंधी कामों की समयसारणी घोषित की गई है. इसके तहत 10 नवंबर को फसल मंडी के जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा 10 नवंबर को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जायेगी. जिस पर 22 नवंबर तक आपत्ति व आक्षेप दर्ज कराये जा सकेंगे. पश्चात 1 दिसंबर तक सभी आपत्तियों व आक्षेपों का निराकरण करते हुए 6 दिसंबर को जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जायेगी. इसके बाद 16 दिसंबर को निर्वाचन निर्णय अधिकारी द्वारा फसल मंडी का चुनावी कार्यक्रम घोषित करते हुए नामांकन पत्रों की बिक्री व स्वीकृति का काम किया जायेगा, जो 22 दिसंबर तक चलेगा. पश्चात 23 दिसंबर को नामांकन पत्रों की जांच-पडताल करते हुए 24 दिसंबर को वैध नामांकन पत्रों की सूची प्रकाशित की जायेगी. साथ ही 24 दिसंबर से 7 जनवरी के दौरान नामांकन पत्र वापिस लिये जा सकेंगे. जिसके पश्चात 10 जनवरी को उम्मीदवारों की अंतिम सूची प्रकाशित करते हुए चुनाव चिन्हों का वितरण किया जायेगा. पश्चात 17 जनवरी को फसल मंडी के संचालक मंडल हेतु चुनाव करवाया जायेगा और दूसरे दिन 18 जनवरी को मतगणना करते हुए चुनावी नतीजे घोषित किये जायेंगे. इस दौरान मौजूदा संचालक मंडल को ही पद पर कायम रखा जायेगा. हालांकि यह संचालक मंडल अब कार्यवाहक होगा और उनके पास किसी भी तरह के नीतिगत निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं रहेगा. ऐसा सहकार विभाग एवं सरकारी की ओर से स्पष्ट किया गया है.

* कब किसका कार्यकाल हुआ खत्म

जिले की सभी 12 फसल मंडियों के संचालक मंडल का नियमित कार्यकाल इससे पहले ही खत्म हो चुका है. पश्चात सभी संचालक मंडलों को कोविड संक्रमण खतरे के मद्देनजर अलग-अलग समय पर समयावृध्दि दी गई. जानकारी के मुताबिक 12 अक्तूबर 2020 को अमरावती, 18 अगस्त 2020 को नांदगांव खंडेश्वर, 19 सितंबर 2020 को चांदूर रेल्वे, 25 अक्तूबर 2020 को धामणगांव रेल्वे, 12 अक्तूबर 2020 को चांदूर बाजार, 8 अक्तूबर 2020 को तिवसा, 16 सितंबर 2020 को दर्यापुर, 20 सितंबर 2020 को अंजनगांव सूर्जी, 1 सितंबर 2020 को अचलपुर, 12 अप्रैल 2020 को धारणी व मोर्शी तथा 15 अप्रैल 2020 को वरूड बाजार समिती का कार्यकाल खत्म हुआ. किंतु वर्ष 2020 के दौरान कोविड संक्रमण का खतरा एवं लॉकडाउन रहने की वजह से सभी फसल मंडियों के संचालक मंडलों के कार्यकाल को समयावृध्दि दी गई और विगत एक वर्ष के दौरान अब तक तीन बार समयावृध्दि दी जा चुकी है तथा अब और अधिक समयावृध्दि देने की कोई गुंजाईश नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार एवं सहकार, पणन व वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा सभी फसल मंडियों में संचालक मंडल के चुनाव करवाये जाने को लेकर आदेश जारी किया गया है. साथ ही चुनाव से संबंधित तमाम तैयारियां पूर्ण करते हुए 23 अक्तूबर से निर्वाचन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है. जिसके तहत स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि, आगामी 23 जनवरी 2022 से पहले सभी फसल मंडियों में चुनाव करवा लिये जाये.

* प्रचलित पध्दति से ही होगा चुनाव

राज्य में इससे पहले सरकार द्वारा 13 जून 2017 को बाजार समिती अधिनियम में संशोधन करते हुए किसानों को भी मताधिकार दिया गया था और संचालक मंडल में किसान प्रतिनिधि का समावेश किया गया था. इसके लिए ग्राम पंचायत निर्वाचन क्षेत्र से चुने जानेवाले संचालक पद को रद्द किया गया था. किंतु इसके बाद राज्य की मौजूदा महाविकास आघाडी सरकार द्वारा इस फैसले को रद्द करते हुए पुरानी प्रचलित पध्दति से ही फसल मंडी के चुनाव करवाये जाने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में फसल मंडी के आगामी चुनाव में किसानों को मतदान करने का अधिकार नहीं होगा और किसान प्रतिनिधि का पद रद्द करते हुए एक बार फिर ग्राम पंचायत निर्वाचन क्षेत्र से ही एक संचालक चुना जायेगा.

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