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खाद्यतेल डेढसौ पार

  •  देश समेत विदेश में तेल बीज की कमी

  •  लॉकडाउन और इंधन दरवृध्दि का परिणाम

अमरावती/प्रतिनिधि दि.17 – रोज के खाने में लगने वाली सब्जी तथा अन्य पदार्थों के लिए खाद्यतेल काफी जरुरी है. किंतु पिछले सालभर से खाद्यतेल में लगातार वृध्दि होेने से एक वर्ष पहले खोबरा तेल की जिस बोतल के लिए 10 रुपए देने पडते थे उसके लिए 20 रुपए देने पड रहे है. एक ओर कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण पैसों की कमी महसूस होते समय ही खाद्यतेल ने ही किलो के लिए डेढसोै का आंकडा पार करने से घर खर्च कैसे चलाना इस तरह का प्रश्न गृहिणियों की ओर से पूछा जाने लगा है.
देश के बाजारपेठ में युक्रेन से सूर्यफूल तेल, इंडोनेशिया, मलेशिया से पामोलिन तथा अमेरिका, अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल की आपूर्ति होती है. इसके अलावा राज्यों के साथ ही देश के विविध हिस्सों से विविध प्रकार के खाद्यतेल की बाजार में आवक होती है. जिसमें सोयाबीन और फल्लीतेल को अमरावती वासियों की ओर से सर्वाधिक प्राथमिकता दी जाती है. प्रमुखता से इन दो तेल के 15 किलो, लीटर के 3 से 4 हजार डिबो की शहर में हर रोज बिक्री होती है. किंतु फिलहाल तेल के उत्पादन में कमी आयी है. इसके अलावा तेल आयात में भी काफी कमी हो रही है. इस बीच पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल, डीजल की दर में वृध्दि होनेे से यातायात खर्च में वृध्दि होकर उसका परिणाम दरवृध्दि पर हुआ है, ऐसा व्यापारी वर्ग की ओर से कहा जा रहा है.

  • चिल्लर बाजार में तेल के भाव

तेल के प्रकार भाव       (प्रति किलो)
फल्ली तेल                   182
सोयाबीन तेल               154
सूर्यफूल रिफाईंड तेल      165
फल्ली रिफाईंड तेल        185

 

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