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गुप्त धन के लिए खोदे गड्ढे में दबकर एक की मौत

एक माह बाद हुआ मामले का खुलासा, तीन गिरफ्तार

यवतमाल /दि.5- विगत 6 सितंबर को दारव्हा में एक व्यक्ति का शव कुएं से बरामद हुआ था. परंतु उक्त व्यक्ति को अच्छी तरह से तैरना आता था. ऐसे में कुएं में डुबकर उसकी मौत होने को लेकर उसके परिजनों द्बारा संदेह जताया गया था. ऐसे में करीब एक माह तक की गई जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में बडा खुलासा किया है. जिसके मुताबिक जमीन में गडा गुप्त धन निकालने की लालसा से सुरंग जैसा गड्ढा खोदते समय जमीन का ढांचा शरीर पर ढह जाने की वजह से मलबे में दबकर उक्त व्यक्ति की मौत हुई थी. जिसके बाद मामले को दबाने व सबूत नष्ट करने के लिए उसके साथ मौजूद अन्य लोगों ने उसके शव को लाकर कुएं में डाल दिया था. इस जानकारी को उजागर करने के साथ ही दारव्हा पुलिस ने तीन लोगों को अपनी हिरासत में लिया है.
बता दें कि, 6 सितंबर को देवराव रामजी बटुकले (52, शिवाजी चौक, दारव्हा) का शव खेत में स्थित कुएं में पडा होने की शिकायत बटुकले की पत्नी ने पुलिस को दी थी. पश्चात पुलिस ने आकस्मित मौत का मामला दर्ज करते हुए सभी परिजनों व रिश्तेदारों के बयान दर्ज किए थे. सभी लोगों ने अपने बयान में पुलिस को बताया था कि, देवराव को अच्छी तरह से तैरना आता था. ऐसे में उसकी कुएं में डूबने की वजह से मौत नहीं हो सकती. ऐसे में देवराव बटुकले की मौत को लेकर संदेह गहरा गया था. जिसके चलते पुलिस ने तकनीकी ढंग से जांच करते हुए इस मामले में प्रशांत विठोबा चरडे व गंगाधर किसन नेवारे नामक दो लोगों को अपने कब्जे में लेकर उनसे कडी पूछताछ की. तब उन दोनों ने देवराव की मौत को लेकर असली कहानी बतायी. जिसके मुताबिक कारंजा लाड में विनेश कारिया का बेहद पुराना मकान है. जिसके नीचे गुप्त धन गडा रहने का अनुमान लगाते हुए उसे बाहर निकालने की लालसा से देवराव बटूकले व गंगाधर नेवारे 2 सितंबर को उस घर में खुदाई कर रहे थे. इस समय प्रशांत चिरडे व विनेश कारिया भी वहां मौजूद थे. इस घर के नीचे करीब 8 फीट का गहरा गड्ढा खोदने के साथ ही 10 फीट आडी सुरंग खोदी गई थी. परंतु उसी समय जमीन की उपरी हिस्से का मलबा ढह गया. जिसमें दबकर देवराव बटुकले की मौके पर ही मौत हो गई. यह देखकर वहां उपस्थित तीनों लोगों ने देवराव के शव को दारव्हा के खेत परिसर में लाया और मामले को दबाने व सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से शव को खेत के कुएं में फेंक दिया. ताकि ऐसा महसूस हो कि, देवराव बटुकले की मौत कुएं के पानी में डूबकर हुई थी. इस जानकारी के सामने आते ही पुलिस ने प्रशांत विठोबा चिरडे, गंगाधर किसन नेवारे तथा विनेश रामजीभाई कारिया इन तीनों लोगों को भादंवि की धारा 304 व 201 सहित महाराष्ट्र नरबली व अन्य अमानवीय, अनिष्ठ व अघोरी प्रथा एवं जादूटोणा प्रतिबंध व उच्चाटन कानून 2013 की धारा 3 (क) (ड) के तहत अपराध दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया. इस मामले की जांच दारव्हा पुलिस एवं स्थानीय अपराध शाखा ने संयुक्त रुप से की थी.

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